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बांकाः कोरोना ने ले ली एक और डॉक्टर की जान

कोरोना महामारी ने एक और डॉक्टर की जान ले ली. वे धोरैया प्रखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में पदस्थापित थे. कोरोना के लक्षण दिखने पर उन्होंने 17 अप्रैल को जांच करायी थी.

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डॉ. प्रेम राज
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Published : Apr 25, 2021, 11:00 AM IST

Updated : Apr 25, 2021, 11:49 AM IST

बांकाः जिले के धोरैया प्रखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में पदस्थापित चिकित्सक 45 वर्षीय डॉ. प्रेम राज बहादुर की मौत कोरोना से हो गई. रविवार की सुबह भागलपुर के मायागंज अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. डॉ. प्रेम राज ने कोरोना के लक्षण दिखने पर 17 अप्रैल को एंटीजन किट से जांच करायी थी. उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी. इसके बाद वे होम आइसोलेशन में थे. शनिवार को सांस लेने में तकलीफ हुई और धीरे-धीरे तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने उन्हें मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया.

इसे भी पढ़ेंः बांकाः कोरोना का नया स्ट्रेन युवाओं के लिए घातक, 60 फीसदी मरीज हैं 50 साल से कम उम्र के

माता-पिता और बहन को पहले ही खो चुके थे डॉ. प्रेम राज
डॉक्टर प्रेम राज बहादुर मूल रूप से बांका जिले के ही रहने वाले थे. वे रजौन प्रखंड के नवादा खुरोनी पंचायत के गोविंदपुर गांव के रहने वाले थे. वे गरीबों के मसीहा के तौर पर भी जाने जाते थे. चिकित्सक के पिता रामनारायण चौधरी धौरैया के पटवा हाई स्कूल के शिक्षक थे.

वे तीन भाई और दो बहन हैं. डॉ. प्रेम राज अपने भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थे. वे अपने पीछे पत्नी दीपशिखा और तीन वर्ष के बेटे को छोड़ गए हैं.

गरीबों के बीच मसीहा के तौर पर जाने जाते थे डॉ. प्रेम राज
डॉ. प्रेम राज के बड़े भाई शिशिर कुमार सिंह भारतीय रेलवे में इंजीनियर के पद पर हैं. छोटा भाई मनीष उर्फ मृत्युंजय बांका में शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना कार्यालय में पदस्थापित है. डॉ. प्रेम राज की मौत की खबर फैलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. खासकर इनकी मौत से धोरैया और रजौन के लोगों को गहरा आघात लगा है.

डॉ. प्रेम की खासियत थी कि न सिर्फ गरीबों का मुफ्त में इलाज करते थे बल्कि दवा भी मुफ्त में देते थे. गंभीर रूप से बीमार लोगों की आर्थिक मदद भी करते थे. उनके असमय चले जाने की वजह से लोगों को अपूर्णीय क्षति हुई है.

बांकाः जिले के धोरैया प्रखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में पदस्थापित चिकित्सक 45 वर्षीय डॉ. प्रेम राज बहादुर की मौत कोरोना से हो गई. रविवार की सुबह भागलपुर के मायागंज अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. डॉ. प्रेम राज ने कोरोना के लक्षण दिखने पर 17 अप्रैल को एंटीजन किट से जांच करायी थी. उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी. इसके बाद वे होम आइसोलेशन में थे. शनिवार को सांस लेने में तकलीफ हुई और धीरे-धीरे तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने उन्हें मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया.

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माता-पिता और बहन को पहले ही खो चुके थे डॉ. प्रेम राज
डॉक्टर प्रेम राज बहादुर मूल रूप से बांका जिले के ही रहने वाले थे. वे रजौन प्रखंड के नवादा खुरोनी पंचायत के गोविंदपुर गांव के रहने वाले थे. वे गरीबों के मसीहा के तौर पर भी जाने जाते थे. चिकित्सक के पिता रामनारायण चौधरी धौरैया के पटवा हाई स्कूल के शिक्षक थे.

वे तीन भाई और दो बहन हैं. डॉ. प्रेम राज अपने भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थे. वे अपने पीछे पत्नी दीपशिखा और तीन वर्ष के बेटे को छोड़ गए हैं.

गरीबों के बीच मसीहा के तौर पर जाने जाते थे डॉ. प्रेम राज
डॉ. प्रेम राज के बड़े भाई शिशिर कुमार सिंह भारतीय रेलवे में इंजीनियर के पद पर हैं. छोटा भाई मनीष उर्फ मृत्युंजय बांका में शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना कार्यालय में पदस्थापित है. डॉ. प्रेम राज की मौत की खबर फैलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. खासकर इनकी मौत से धोरैया और रजौन के लोगों को गहरा आघात लगा है.

डॉ. प्रेम की खासियत थी कि न सिर्फ गरीबों का मुफ्त में इलाज करते थे बल्कि दवा भी मुफ्त में देते थे. गंभीर रूप से बीमार लोगों की आर्थिक मदद भी करते थे. उनके असमय चले जाने की वजह से लोगों को अपूर्णीय क्षति हुई है.

Last Updated : Apr 25, 2021, 11:49 AM IST
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