बांका: जिले में कोरोना के बढ़ते रफ्तार से लोग पहले से ही सहमे हुए हैं और अब मौत के आंकड़े लोगों को डराने लगी है. कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है. कोरोना के दूसरे स्ट्रेन से अब तक दस लोगों की जान जा चुकी है. सोमवार को जहां एक महिला और पुरुष ने समय पर इलाज नहीं मिलने से दम तोड़ दिया. वहीं मंगलवार को भी आठ दिनों से भागलपुर के मायागंज अस्पताल में एडमिट पिता-पुत्र की मौत हो गई.
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इलाज में लापरवाही का आरोप
परिजनों ने इसको लेकर सही तरीके से इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है. जिले के टाउन थाना क्षेत्र अंतर्गत डांड़ा गांव निवासी 62 वर्षीय पुरुषोत्तम सिंह और उनके 36 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार की कोरोना जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी. तबियत खराब होने पर आठ दिन पूर्व दोनों पिता-पुत्र बेहतर इलाज के आस में भागलपुर के मायागंज अस्पताल में एडमिट हुए. लेकिन सही तरीके से इलाज नहीं होने की वजह से दोनों पिता-पुत्र की मौत हो गई.
"अस्पताल में एडमिट लेने के बाद भी दोनों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया. अस्पताल के डाक्टरों ने बिल्कुल ध्यान नहीं दिया. अगर समय पर जरूरी इलाज मिलता तो, दोनों की जान बच जाती. सरकार के लचर रैवये के चलते ही लोगों की मौत हो रही है. मौत के बाद भी डेड बॉडी देने को लेकर समस्या होती है. शव को पैक कर देने के नामपर घंटों इंतजार कराया जाता है. इसको लेकर भी कोई मुकम्मल व्यवस्था अस्पताल में देखने को नहीं मिली"- अनिल सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष, भाजपा
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पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
जिले में लगातार पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. उचित प्रबंधन नहीं रहने की वजह से कोरोना से संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. जिले में मरीजों का आंकड़ा 400 के पार कर गया है. पिछले 24 घंटे में भी 100 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिले हैं. सोमवार को भी अमरपुर से 27, शंभूगंज से 6, बांका से 8, फुल्लीडुमर से 3, कटोरिया से 3, बेलहर से 1, धोरैया से 5, रजौन से 5 और बौंसी से 2 पॉजिटिव मरीज मिले हैं.
इमरजेंसी में 6 मरीज भर्ती
इसमें 43 पुरुष और 13 महिला शामिल है. सदर अस्पताल प्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि कोविड वार्ड में 9 मरीज एडमिट हैं. जिसमें 6 मरीज को इमरजेंसी में भर्ती किया गया है. सदर अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीज के लिए 45 बेड सुरक्षित रखा गया है. अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में हैं.