बांका: बिहार के बांका में छापेमारी करने गई पुलिस पर हमला मामले में कार्रवाई होने पर लोग आक्रोशित हो गए. 11 नामजद और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आदिवासी आक्रोशित हो गए और चांदन थाने का घेराव कर दिया. आदिवासियों का आरोप है कि पुलिस ने एक मृत व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज करायी है.
पुलिस पर पत्थरबाजीः घटना की शुरुआत 28 दिसंबर से है. चांदन पुलिस ने पोखर से 1202 बोतल विदेशी शराब बरामद की थी. इसके बाद 29 सितंबर की रात चांदन पंचायत के बाबुकुरा गांव में छापामारी के लिए गयी थी. इस दौरान आदिवासी महिलाओं और पुरुषों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. होमगार्ड जवान कौशल यादव से राइफल छीलने का प्रयास किया गया. एक चालक को बंधक बना लिया था.
तीन थानों की पुलिस पहुंची थीः सूचना मिलने के बाद रात में ही एसडीपीओ बेलहर राज किशोर प्रसाद के आदेश पर सुईया, कटोरिया, आनंदपुर के थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और प्रमुख रवीश कुमार और मुखिया अनिल कुमार के द्वारा समझाने बुझाने के बाद पुलिस कर्मी को मुक्त कराया गया. इस दौरान पुलिस बैकफुट पर आ गई थी
11 नामजद सहित 23 लोगों पर FIR: घटना के दूसरे दिन सअनि रविंद्र कुमार द्वारा सरकारी काम में बाधा सहित अन्य धाराओं में सूचक बनकर मामला दर्ज कराया गया. 11 नामजद और करीब एक दर्जन अज्ञात को नामित किया गया. आदिवासियों ने बताया कि केस दर्ज में एक ऐसे व्यक्ति का भी नाम शामिल था, जिसकी मृत्यु महीनों पूर्व हो चुकी है.
आश्वासन शांत हुए लोगः घटना से आक्रोशित 200 आदिवासियों ने थाने का घेराव कर दिया. मामला तनावपूर्ण होने पर थानाध्यक्ष विष्णु देव कुमार द्वारा खुद मामले को शांत कराने का प्रयास किया गया. आदिवासियों द्वारा प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की गई. सभी महिलाओं के हाथ में कचिया, लाठी, तीर धनुष और पुरुष ढोल नगाड़े भी साथ ले कर आये थे. थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि अज्ञात को नामित नहीं किया जाएगा और 11 नामजद में एक विधवा और मृत का नाम हटाया जाएगा.
"अगर थानाध्यक्ष अपने आश्वासन को पूरा नहीं करता है तो फिर से इकट्ठा होकर प्रदर्शन करें. पुलिस बेवजह परेशान नहीं कर सकती है." -सोनेलाल, प्रदर्शनकारी