बांका: जिले में कोरोना वायरस ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग अब तक मान रहा था कि जिले में जो भी कोरोना के मरीज उनमें वायरल लोड कम है. गुरुवार को लकड़ीकोला स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में 56 वर्षीय महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग को नजरिया बदलना पड़ा. शनिवार को फिर गंभीर स्थिति में एक पॉजिटिव मरीज को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर करना पड़ा.
लूज मोशन के साथ सांस लेने में तकलीफ
सदर अस्पताल प्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि युवक बांका शहर के ही विजयनगर मोहल्ले का रहने वाला है. पॉजिटिव मरीज को लूज मोशन शुरू हो गया था, जिससे युवक की स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होती चली गई. युवक को दवा देकर लूज मोशन कंट्रोल करने की कोशिश की गई. इस दौरान स्लाइन भी चढ़ाया गया, लेकिन स्थिति बिगड़ती चली गई. शुक्रवार को भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.
आइसोलेशन वार्ड में तैनात आयुष डॉक्टरों ने इसकी सूचना सदर अस्पताल को दी. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. मुनव्वर आलम ने आइसोलेशन सेंटर पहुंचकर मरीज का चेकअप किया. उस वक्त मरीज को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी.
भागलपुर किया गया रेफर
सदर अस्पताल प्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज को सांस लेने में दिक्कत आने पर इसे गंभीर लक्षण माना जाता है. चिकित्सक डॉ. मुनव्वर आलम ने मरीज को बेहतर इलाज की आवश्यकता महसूस करते हुए उसे जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर रेफर कर दिया. युवक को विशेष एंबुलेंस के माध्यम से भागलपुर भेजा गया, जहां युवक का इलाज चल रहा है.