बांका: बिहार के बांका (Banka) जिला मुख्यालय से सटे समुखियामोड़ स्थित सार्वजनिक डिग्री कॉलेज में 10 अगस्त को शिक्षक नियोजन (Bihar Shikshak Niyojan) प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई थी. इसमें बांका के साथ-साथ बेलहर प्रखंड के अभ्यर्थी शामिल हुए थे. अभ्यर्थियों ने नियोजन प्रक्रिया (Shikshak Niyojan process) में शामिल अधिकारियों एवं कर्मियों पर धांधली बरतने के साथ ही धक्का-मुक्की करने का भी आरोप लगाया है. अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया है कि उच्च मेधा अंक वाले अभ्यर्थियों को छोड़कर कम मेधा अंक वालों को नियोजन प्रक्रिया में चयनित कर लिया गया.
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इस मुद्दे को लेकर एक दर्जन से अधिक अभ्यर्थी मंगलवार को समाहरणालय पहुंचे. अभ्यर्थियों ने डीएम को आवेदन देकर नियोजन प्रक्रिया को रद्द करते हुए उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की. अभ्यर्थी अनंत कुमार ने बताया कि प्रखंड शिक्षकों के नियोजन को लेकर बांका और बेलहर की काउंसलिंग (Teacher counciling) 10 अगस्त को हुई थी. इस दौरान बेलहर में 450 अभ्यर्थियों का नाम पुकारा गया जबकि बांका के 350 अभ्यर्थियों का नाम पुकारा गया. सभी कोटि के अभ्यर्थियों के नाम को पुकारा गया लेकिन बीसी कोटि के अभ्यर्थियों का नाम एक बार भी नहीं पुकारा गया.
नियोजन प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी जब सोमवार को बांका एनआईसी के पोर्टल पर डाला गया तो कम मेधा अंक वाले अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया था. उच्च मेधा अंक वालों को छोड़ दिया गया था जबकि काउंसलिंग के दौरान सुबह 9 बजे से देर शाम 7.30 बजे तक मौजूद थे. उनका कहना है कि किसी की बहाली हो, उससे फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन नियोजन प्रक्रिया साफ-सुथरी होनी चाहिए.
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अभ्यर्थी कौशल कुमार ने बताया कि शिक्षक नियोजन प्रक्रिया के दौरान केन्द्र पर सुबह से शाम तक मौजूद रहे कि नाम पुकारा जाएगा लेकिन बीसी कोटि के अभ्यर्थियों का नाम ही नहीं पुकारा गया. कर्मियों के द्वारा की जा रही धांधली का विरोध किया तो धक्का-मुक्की करने लगे. कुछ छात्रों ने इसका वीडियो भी बनाया था. डीएम से आग्रह है कि इसकी जांच कराकर उचित कार्रवाई करें और इस नियोजन प्रक्रिया को रद्द कर दिया जाये. जांच कराकर पता लगाएं कि सही हुआ है या गलत. डीएम की ओर से सकारात्मक पहल का आश्वासन भी मिला है.