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क्या यही है विकास का पैमाना! इस सड़क पर गुजरने से लगता है इंश्योरेंस जरूर करा लें

बांका को देवघर से जोड़ने वाली संथाल परगना सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इस सड़क से कई गांव जुड़े हुए हैं. लेकिन जर्जर सड़क को लेकर कोई सुध लेने वाला नहीं है.

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Published : Sep 3, 2020, 7:11 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 7:29 PM IST

बांका
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बांका: बांका को देवघर से जोड़ने वाली लगभग 42 किलोमीटर लंबी संथाल परगना सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. ये सड़क देवघर जाने में लगभग 15 किलोमीटर की दूरी को कम करता है. इस सड़क मार्ग से सैकड़ों गांव के लाखों की आबादी जुड़ी हुई है. लगातार भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क का अधिकांश हिस्सा गड्ढों में तब्दील हो चुका है.

ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की जर्जर हालत किसी से छुपी हुई नहीं है. सड़क पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुका है. बाइक और साइकिल से भी चलना मुश्किल है. लगातार भारी वाहनों की आवाजाही सड़क जर्जर हो गई है. इस सड़क से रोजाना 200 से अधिक ओवरलोड ट्रकों का परिचालन होता है. बारिश के दिनों में इस सड़क मार्ग से बांका जाने के लिए हिम्मत होनी चाहिए. सड़क पर चलना जोखिम भरा साबित हो रहा है कई लोग गड्ढे में गिर कर घायल भी हो चुके हैं. दो साल से ये सड़क गड्ढों में तब्दील है. लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है.

पेश है रिपोर्ट

सड़क निर्माण में हो रहा विलंब

राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल ने बताया कि बांका को झारखंड से जोड़ने वाली ये 42 किलोमीटर लंबी सड़क नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. सड़क निर्माण के लिए राज्य सरकार ने डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था. अब केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. लगभग 100 करोड़ की लागत से ये सड़क बनना है. सड़क बन जाने से देवघर की दूरी 15 किलोमीटर कम हो जाएगी. हालांकि कोरोना के चलते सड़क निर्माण में विलंब हो रहा है.

बांका: बांका को देवघर से जोड़ने वाली लगभग 42 किलोमीटर लंबी संथाल परगना सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. ये सड़क देवघर जाने में लगभग 15 किलोमीटर की दूरी को कम करता है. इस सड़क मार्ग से सैकड़ों गांव के लाखों की आबादी जुड़ी हुई है. लगातार भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क का अधिकांश हिस्सा गड्ढों में तब्दील हो चुका है.

ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की जर्जर हालत किसी से छुपी हुई नहीं है. सड़क पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुका है. बाइक और साइकिल से भी चलना मुश्किल है. लगातार भारी वाहनों की आवाजाही सड़क जर्जर हो गई है. इस सड़क से रोजाना 200 से अधिक ओवरलोड ट्रकों का परिचालन होता है. बारिश के दिनों में इस सड़क मार्ग से बांका जाने के लिए हिम्मत होनी चाहिए. सड़क पर चलना जोखिम भरा साबित हो रहा है कई लोग गड्ढे में गिर कर घायल भी हो चुके हैं. दो साल से ये सड़क गड्ढों में तब्दील है. लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है.

पेश है रिपोर्ट

सड़क निर्माण में हो रहा विलंब

राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल ने बताया कि बांका को झारखंड से जोड़ने वाली ये 42 किलोमीटर लंबी सड़क नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. सड़क निर्माण के लिए राज्य सरकार ने डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था. अब केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. लगभग 100 करोड़ की लागत से ये सड़क बनना है. सड़क बन जाने से देवघर की दूरी 15 किलोमीटर कम हो जाएगी. हालांकि कोरोना के चलते सड़क निर्माण में विलंब हो रहा है.

Last Updated : Sep 3, 2020, 7:29 PM IST
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