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बांकाः राशि मिलने के बावजूद 3 साल से नहीं बना दो दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र

बांका जिले के चांदन प्रखंड के कुल 17 पंचायतों में तीन साल पूर्व राशि निकासी के बाबजूद 30 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का काम अधूरा पड़ा है. जिस कारण यह सभी आंगनबाड़ी केंद्र या तो पेड़ों के नीचे नहीं तो झोपड़ी में चल रहा है.

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Published : Sep 8, 2019, 3:55 PM IST

राशि मिलने के बावजूद 3 साल से नही बना दो दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र

बांकाः चांदन प्रखंड के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अधिकतम राशि आवंटित हो जाने के बाद भी अभिकर्ताओं ने भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है. जिसको लेकर सरकार सख्त हो गई है. वहीं बीडीओ दुर्गाशंकर का कहना है कि चांदन प्रखंड के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अधिकतम राशि मिल जाने के बावजूद भवन निर्माण पूरा नहीं करने वाले अभिकर्ताओं पर पहले नोटिस भेज कर भवन पूरा करने का समय दिया जाएगा. फिर भी भवन पूरा नहीं हुआ तो उन पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

झोपड़ी के नीचे चला रहे आंगनबाड़ी केंद्र
बांका जिले के चांदन प्रखंड के कुल 17 पंचायतों में तीन साल पूर्व राशि निकासी के बावजूद 30 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का काम अधूरा पड़ा है. जिस कारण यह सभी आंगनबाड़ी केंद्र या तो पेड़ों के नीचे या तो झोपड़ी में चल रहा है. जबकि कुछ केंद्र अभी भी सेविका नियम कानून को ताख पर रखकर अपने घर में चला रही है.

समय से आंगनबाड़ी केंद्रों का नहीं हुआ निर्माण

आदेश की लगातार हो रही अनदेखी
पूर्व के जिलाधिकारी ने अधूरे आंगनबाड़ी केंद्र को देर से न पूरा करने के निर्देश दिया था. जिस पर पूरा नहीं करने की स्थिति में अभिकर्ता पर प्राथमिकी तक दर्ज करने का आदेश प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया जा चुका था. लेकिन, जिलाधिकारी के बदलते ही यह मामला फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र
आंगनबाड़ी केंद्र अभिकर्ता में चांदन प्रखंड विकास पदाधिकारी के सरकारी जीप चालक महेश विद्यार्थी हैं. जिस पर कार्रवाई करने से बीडीओ खुद कतरा रहे हैं. जबकि कई निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र में पंचायत सचिव अभिकर्ता हैं. जिसका तबादला दूसरे प्रखंड में हो चुका है. इस सम्बंध में सीडीपीओ वंदना दास ने बताया कि भवन निर्माण में हमारे विभाग का कोई योगदान नही है. इसलिए हम लोगों ने जिलाधिकारी को अधूरे भवन की सूची देकर आंगनबाड़ी की कठिनाई से अवगत करा दिया गया है.

बांकाः चांदन प्रखंड के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अधिकतम राशि आवंटित हो जाने के बाद भी अभिकर्ताओं ने भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है. जिसको लेकर सरकार सख्त हो गई है. वहीं बीडीओ दुर्गाशंकर का कहना है कि चांदन प्रखंड के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अधिकतम राशि मिल जाने के बावजूद भवन निर्माण पूरा नहीं करने वाले अभिकर्ताओं पर पहले नोटिस भेज कर भवन पूरा करने का समय दिया जाएगा. फिर भी भवन पूरा नहीं हुआ तो उन पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

झोपड़ी के नीचे चला रहे आंगनबाड़ी केंद्र
बांका जिले के चांदन प्रखंड के कुल 17 पंचायतों में तीन साल पूर्व राशि निकासी के बावजूद 30 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का काम अधूरा पड़ा है. जिस कारण यह सभी आंगनबाड़ी केंद्र या तो पेड़ों के नीचे या तो झोपड़ी में चल रहा है. जबकि कुछ केंद्र अभी भी सेविका नियम कानून को ताख पर रखकर अपने घर में चला रही है.

समय से आंगनबाड़ी केंद्रों का नहीं हुआ निर्माण

आदेश की लगातार हो रही अनदेखी
पूर्व के जिलाधिकारी ने अधूरे आंगनबाड़ी केंद्र को देर से न पूरा करने के निर्देश दिया था. जिस पर पूरा नहीं करने की स्थिति में अभिकर्ता पर प्राथमिकी तक दर्ज करने का आदेश प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया जा चुका था. लेकिन, जिलाधिकारी के बदलते ही यह मामला फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र
आंगनबाड़ी केंद्र अभिकर्ता में चांदन प्रखंड विकास पदाधिकारी के सरकारी जीप चालक महेश विद्यार्थी हैं. जिस पर कार्रवाई करने से बीडीओ खुद कतरा रहे हैं. जबकि कई निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र में पंचायत सचिव अभिकर्ता हैं. जिसका तबादला दूसरे प्रखंड में हो चुका है. इस सम्बंध में सीडीपीओ वंदना दास ने बताया कि भवन निर्माण में हमारे विभाग का कोई योगदान नही है. इसलिए हम लोगों ने जिलाधिकारी को अधूरे भवन की सूची देकर आंगनबाड़ी की कठिनाई से अवगत करा दिया गया है.

Intro:चांदन प्रखंड के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अधिकतम राशि उठाब के बाबजूद भवन निर्माण पूरा नही करने वाले अभिकर्ताओं पर पहले नोटिश भेज कर भवन पूरा करने का समय दिया जाएगा। फिर भी भवन पूरा नही होने पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी--दुर्गाशंकर,बीडीओ चाँदन बाँकाBody:बांका जिले के चांदन प्रखंड के कुल सत्तरह पंचायतो में तीन साल पूर्व राशि निकासी के बाबजूद 30 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का काम अधूरा पड़ा है।जिस कारण यह सभी आंगनबाड़ी केंद्र या तो पेड़ो के नीचे या झोपड़ी में चल रहा है। जबकि कुछ केंद्र अभी भी सेविका नियम कानून को ताख पर रखकर अपने घर मे चला रही है।जबकि कुछ भाड़े में मकान में चल रहा है। पूर्व के जिलाधिकारी द्वारा अधूरे आंगनबाड़ी केंद्र को अविलम्ब पूरा कराने का निर्देश दिया गया था।जिसपर पूरा नही करने की स्थिति में अभिकर्ता पर प्राथमिकी तक दर्ज करने का आदेश प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया जा चुका था। पर जिलाधिकारी के बदलते ही यह मामला फिट ठंडे बस्ते में डाल दिया गया आंगनवाड़ी केंद्र अभिकर्ता में चांदन प्रखंड विकास पदाधिकारी के सरकारी जीप चालक महेश विद्यार्थी भी है।जिसपर कार्यवाही करने से बीडीओ खुद कतरा रहे है।जबकि कई निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र में पंचायत सचिव वैसे अभिकर्ता है जिसका तबादला दूसरे प्रखंड में हो चुका है। इस योजना में अधिकतर ऐसी योजना है जिसकी कुल 7 लाख 48 हजार में 7 लाख निकानले जा चुके है।जिसमे कुछ भवन में काम भी शुरू नही हुआ है।जबकि कुछ दीवार और लिल्टन तक ही काम हुआ है।और उसके प्रति पदाधिकारियो के उदासीन रवैये से ऐसा भी नही लगता है कि यह निकट भविष्य में कभी पूरा भी होने वाला है।इस सम्बंध में सीडीपीओ वंदना दास ने बताया कि भवन निर्माण में हमारे विभाग का कोई योगदान नही है।इसलिए हमलोगों ने जिलाधिकारी को अधूरे भवन की सूची देकर आंगनबाड़ी की कठिनाई से अवगत करा दिया गया है।

Conclusion:आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण नहीं होने से केंद्र संचालन में काफी परेशानी हो रही है। बच्चों को पेड़ के नीचे या छोटी मोटी झोपड़ी में सेविका को केंद्र संचालन करना पड़ता है। इसकी शिकायत जिलाधिकारी से कर दी गई है।-/- सीडीपीओ बंदना दास चाँदन
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