बांका(चांदन): समाज के लिए दहेज प्रथा अभिशाप बन गई है. दहेज उन्मूलन अधिनियम 1961 के तहत दहेज लेना या देना कानूनन अपराध है. बांका के चांदन से दहेज प्रथा के खिलाफ एक दूल्हे ने जो कदम उठाया, उसने एक मिसाल कायम की. दरअसल, दुल्हन के पिता ने दहेज देने से मना करते हुए शादी से इनकार कर दिया. लिहाजा, लड़के ने बिना दहेज लिए शादी करने का फैसला लिया.
मामला जिले के आनंदपुर थाना क्षेत्र का है. यहां कुसुमजोरी गांव निवासी सरलू यादव ने अपनी बेटी पूजा की शादी सिमलतल्ला निवासी अनंत यादव के पुत्र संतोष यादव के साथ तय की थी. अपने पिता की दहेज की मांग पूरा करने में लड़की के पिता को असमर्थ देख संतोष ने पूजा से शादी होने के सपने देखना लगभग छोड़ दिया था. लेकिन संतोष ने एक बार पूजा से बात कर अपने मन की इच्छा उसे बताई. फिर क्या था, संतोष के दोस्तों ने उसका साथ देते हुए, दोनों की शादी एक मंदिर में करा दी.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
इधर बेटी को घर से लापता देख सरलू यादव ने संतोष यादव पर अपहरण का आरोप लगाते हुए थाने में लिखित आवेदन दे दिया. पिता को शक था कि कहीं दहेज के लिए संतोष के घर वालों ने उनकी बेटी का अपहरण तो नहीं कर लिया. वहीं, पुलिसिया पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हो गया. ये संतोष की हिम्मत का नतीजा था कि आज चांदन में दहेज मुक्त विवाह संपन्न हुआ. संतोष और पूजा के घर वालों ने इस शादी को स्वीकार कर लिया है. दोनों परिवारों ने नवदंपत्ति को आशीर्वाद दिया है. वहीं, पति-पत्नी ने एक-दूसरे को अजीवन साथ बिताने का वचन दिया है. गांवभर में ये शादी आज चर्चा का विषय बनी हुई है.