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बांकावासियों को जल्द मिलेगी गंदगी से निजात, 12 लाख की लागत से 20 कंपोस्ट यूनिट का होगा निर्माण - बिहार सरकार

कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से जो जमीन लकड़ीकोला में मुहैया कराया गया है. उसी के एक भाग में 12 लाख की लागत से 20 कंपोस्ट यूनिट का निर्माण कराया जाएगा.

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बीस कंपोस्ट यूनिट का होगा निर्माण
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Published : Nov 27, 2019, 6:46 PM IST

बांकाः जिले को जल्द ही गंदगी से राहत मिलने वाली है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि शहरी क्षेत्र में साफ-सफाई को लेकर सबसे बड़ी समस्या कचरा डंपिंग को लेकर थी. जिससे अब लोगों को निजात मिल जाएगा.

बिहार सरकार के नगर आवास विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद जिला प्रशासन की पहल पर शहर से 6 किलोमीटर दूर लकड़ीकोला में 4.99 एकड़ जमीन मुहैया करायी गयी है. जहां चाहरदीवारी का काम किया जा रहा है. उसी जमीन के एक भाग को कचरा प्रोसेसिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

बांका में जल्द मिलेगी लोगों को गंदगी से निजात

12 लाख से कंपोस्ट यूनिट का होगा निर्माण
कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से जो जमीन लकड़ीकोला में मुहैया करायी गयी है. उसी के एक भाग में 12 लाख की लागत से 20 कंपोस्ट यूनिट का निर्माण कराया जाएगा. साथ ही एक कमरे का भी निर्माण कराया जाएगा और एक स्टर्लिंग मशीन भी लगाया जाएगा. जहां गीले कचरे से खाद बनाने का काम होगा.

30 नवंबर से डस्टबिन बांटने का काम शुरू
अभिनव कुमार ने बताया कि नगर आवास विभाग ने गीला और सूखे कचरे को अलग-अलग लेने को कहा है. इसके लिए डस्टबिन का क्रय कर लिया गया है. लोगों को नीला और हरा डस्टबिन दिया जाना है. इसके लिए नगर परिषद बोर्ड की अनुमति के बाद 30 नवंबर से डस्टबिन बांटने का काम शुरू किया जाएगा. साथ ही बताया कि लोगों से दिनभर में प्राप्त गीला और सूखा कचरा को विजयनगर में रखा जाएगा. जहां से सारा कचरा लकड़ीकोला स्थित डंपिंग स्थल पहुंचेगा. उसमें गीला कचरा का खाद बनाया जाएगा.

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नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार

सफाई को लेकर नए सिरे से शुरु होगा टेंडर प्रक्रिया
अभिनव कुमार ने बताया कि वर्तमान में जीवन ज्योति सौताडीह नामक एनजीओ से 3 वर्ष पूर्व में इकरारनामा हुआ था. जिसमें नए प्रावधान शामिल नहीं थे. अब 2016 के ठोस कचरा नियमावली के अनुरूप कार्य करवाने के लिए नए सिरे से टेंडर किया जाएगा. टेंडर प्रक्रिया के बाद जिस भी एनजीओ का चुनाव होगा. उनको इसका अनुपालन करना होगा. साथ ही बताया कि किसी भी कीमत पर नदी किनारे, शहर के कोने में, सड़क किनारे और निजी या सरकारी जमीन पर कचरे का डंप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

बांकाः जिले को जल्द ही गंदगी से राहत मिलने वाली है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि शहरी क्षेत्र में साफ-सफाई को लेकर सबसे बड़ी समस्या कचरा डंपिंग को लेकर थी. जिससे अब लोगों को निजात मिल जाएगा.

बिहार सरकार के नगर आवास विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद जिला प्रशासन की पहल पर शहर से 6 किलोमीटर दूर लकड़ीकोला में 4.99 एकड़ जमीन मुहैया करायी गयी है. जहां चाहरदीवारी का काम किया जा रहा है. उसी जमीन के एक भाग को कचरा प्रोसेसिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

बांका में जल्द मिलेगी लोगों को गंदगी से निजात

12 लाख से कंपोस्ट यूनिट का होगा निर्माण
कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से जो जमीन लकड़ीकोला में मुहैया करायी गयी है. उसी के एक भाग में 12 लाख की लागत से 20 कंपोस्ट यूनिट का निर्माण कराया जाएगा. साथ ही एक कमरे का भी निर्माण कराया जाएगा और एक स्टर्लिंग मशीन भी लगाया जाएगा. जहां गीले कचरे से खाद बनाने का काम होगा.

30 नवंबर से डस्टबिन बांटने का काम शुरू
अभिनव कुमार ने बताया कि नगर आवास विभाग ने गीला और सूखे कचरे को अलग-अलग लेने को कहा है. इसके लिए डस्टबिन का क्रय कर लिया गया है. लोगों को नीला और हरा डस्टबिन दिया जाना है. इसके लिए नगर परिषद बोर्ड की अनुमति के बाद 30 नवंबर से डस्टबिन बांटने का काम शुरू किया जाएगा. साथ ही बताया कि लोगों से दिनभर में प्राप्त गीला और सूखा कचरा को विजयनगर में रखा जाएगा. जहां से सारा कचरा लकड़ीकोला स्थित डंपिंग स्थल पहुंचेगा. उसमें गीला कचरा का खाद बनाया जाएगा.

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नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार

सफाई को लेकर नए सिरे से शुरु होगा टेंडर प्रक्रिया
अभिनव कुमार ने बताया कि वर्तमान में जीवन ज्योति सौताडीह नामक एनजीओ से 3 वर्ष पूर्व में इकरारनामा हुआ था. जिसमें नए प्रावधान शामिल नहीं थे. अब 2016 के ठोस कचरा नियमावली के अनुरूप कार्य करवाने के लिए नए सिरे से टेंडर किया जाएगा. टेंडर प्रक्रिया के बाद जिस भी एनजीओ का चुनाव होगा. उनको इसका अनुपालन करना होगा. साथ ही बताया कि किसी भी कीमत पर नदी किनारे, शहर के कोने में, सड़क किनारे और निजी या सरकारी जमीन पर कचरे का डंप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

Intro:बांका नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि कचरे की डंप करने की समस्या से निजात दिलाने के लिए लकड़ीकोला में जमीन मिल गया है। चारदीवारी बनाने का काम चल रहा है। इसी जमीन के एक हिस्से में 12 लाख की लागत से 20 कंपोस्ट पीट का निर्माण कराया जाएगा। जहांकचरे से खाद बनाने का काम होगा।


Body:बांका। बांका शहरी क्षेत्र में प्रतिमाह 11 लाख रुपए सफाई के नाम पर खर्च किए जाते है। लेकिन सड़क किनारे दिखने वाले कचरे सफाई का पोल खोल देता है। बांका नगर परिषद के सफाई का जिम्मा जीवन ज्योति सौताडीह नामक एनजीओ को दिया गया है। लेकिन इनके द्वारा सफाई का काम समुचित तरीके से नहीं किया जाता है। बांका नगर परिषद क्षेत्र में 26 वार्ड हैं। 26 वार्ड में सफाई के लिए एनजीओ के पास मात्र 80 मजदूर और दो ट्रैक्टर है। इसी के सहारे वह सफाई का काम करवाते है। जबकि नगर परिषद के पास एक बड़ा और एक छोटा यानी दो जेसीबी, तीन ट्रैक्टर चार ट्रिपल हाइड्रोलिक वाहन एवं 25 कर्मी है। फिर भी सड़क किनारे गंदगी फैली रहती है।

कचरा डंपिंग को लेकर होती थी परेशानी
बांका नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया की शहरी क्षेत्र में साफ-सफाई को लेकर सबसे बड़ी समस्या कचरा डंपिंग को लेकर थी। डंपिंग का स्थान सुनिश्चित नहीं रहने की वजह से सड़क किनारे कचरा फैला रहता था। कभी नदी में तो कभी सड़क किनारे कचरा डंप कर दिया जाता था। इसको लेकर स्थानीय शिकायत भी करते थे। डंपिंग जोन नहीं रहने से नगर परिषद को भी परेशानी होती थी। अब लोगों को निजात मिल जाएगा। क्योंकि बिहार सरकार के नगर आवास विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद जिला प्रशासन की पहल पर शहर से 6 किलोमीटर दूर लकड़ीकोला में 4.99 एकड़ जमीन मुहैया कराया गया है। जहां चाहरदीवारी का काम किया जा रहा है। उसी जमीन के एक भाग को कचरा प्रोसेसिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

12 लाख से कंपोस्ट यूनिट का होगा निर्माण
कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से जो जमीन लकड़ीकोला में मुहैया कराया गया है। उसी के एक भाग में 12 लाख की लागत से 20 कंपोस्ट यूनिट का निर्माण कराया जाएगा। एक कमरे का भी निर्माण कराया जाएगा और एक स्टर्लिंग मशीन भी लगाया जाएगा जहां गीले कचरे से खाद बनाने का काम होगा।

कचरा उठा के लिए डस्टबिन का किया गया है क्रय
कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि नगर आवास विभाग ने गीला और सूखे कचरे को अलग-अलग लेने को कहा है। इसके लिए डस्टबिन का क्रय कर लिया गया है। लोगों को नीला और हरा डस्टबिन दिया जाना है। इसके लिए नगर परिषद बोर्ड की अनुमति के बाद 30 नवंबर से डस्टबिन बांटने का काम शुरू किया जाएगा। साथ ही बताया कि लोगों से दिनभर में प्राप्त गीला और सूखा कचरा को विजयनगर में रखा जाएगा। जहां से सारा कचरा लकड़ीकोला स्थित डंपिंग स्थल पहुंचेगा। उसमें गीला कचरा का खाद बनाया जाएगा।




Conclusion:सफाई को लेकर नए सिरे से होगा टेंडर प्रक्रिया
कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि वर्तमान में जीवन ज्योति सौताडीह नामक एनजीओ से 3 वर्ष पूर्व में इकरारनामा हुआ था। जिसमें नए प्रावधान शामिल नहीं थे। अब 2016 के ठोस कचरा नियमावली के अनुरूप कार्य करवाने के लिए नए सिरे से टेंडर किया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया के बाद जिस भी एनजीओ का चुनाव होगा उनको इसका अनुपालन करना होगा। साथ ही बताया कि किसी भी कीमत पर नदी किनारे, शहर के कोने में, सड़क किनारे और निजी या सरकारी जमीन पर कचरे का डंप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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