बांका(चांदन): रजौन प्रखंड के खैरा गांव और चांदन प्रखंड के केंदुआर गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं. आरोप है कि लगातार कोरोना मरीजों की मौत के बाद भी गांवों में जांच की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है.
लगातार मौत से ग्रामीणों की उड़ी नींद
ग्रामीणों ने बताया कि रजौन प्रखंड के खैरा गांव में कोरोना की दूसरी लहर में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लोग संक्रमण की चपेट में हैं. इधर चांदन प्रखंड के चांदवारी पंचायत के केंदुआर गांव में 10 दिनों के अंदर एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत ने लोगों की नींद उड़ा दी है.
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स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप
जानकारी के मुताबिक खैरा गांव के कई कोरोना संक्रमित भागलपुर और देवघर के अस्पतालों में भर्ती हैं. हैरानी की बात यह है कि इतना कुछ होने के बाद ना तो खैरा और ना ही केंदुआर गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है और ना ही ग्रामीणों की जांच की गई है. जिससे लोग भयभीत हैं. दूसरी बड़ी बात यह भी है कि गांव में एक के बाद एक शादी समारोह हो रहा है.
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दोनों गांवों के बुद्धिजीवियों ने बताया कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन नहीं बनाने से गांव के लोग जानकारी के अभाव में डर के बीच जी रहे हैं. प्रखंड क्षेत्रों में लगातार कोरोना सहित संदिग्ध अवस्था में सिर्फ रजौन में 18 लोग और चांदन में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.