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अररियाः मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन - workshop organized to promote Makhana production

प्रशिक्षण कार्यशाला में भागलपुर के एचओडी पारस नाथ ने कहा कि इसकी खेती के लिए 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बायोटेक किसानों को बीज खाद के अलावा अन्य सामग्री मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी.

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किसानों को जानकारी देते अधिकारी
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Published : Jan 1, 2020, 1:12 PM IST

अररियाः नए तकनीक के सहारे मखाने की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के दर्जनों किसानों ने हिस्सा लिया.

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कार्यशाला में मौजूद किसान

बायोटेक किसानों को बीज और खाद मुफ्त
मखाना उत्पादन संघ के जरिए अररिया के कृषि विज्ञान केंद्र में एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. जहां बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर के एचओडी पारस नाथ ने कहा कि इसकी खेती के लिए 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बायोटेक किसानों को बीज खाद के अलावा अन्य सामग्री मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी.

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कृषि विज्ञान केंद्र, अररिया

मखाना की खेती के लिए बारिश की जरूरत
एचओडी ने ये भी कहा कि सीमांचल और मिथिलांचल में खेती की जो पुरानी परंपरा है, उसी से खेती की जा रही है. जहां बारिश की ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे में इसकी खेती के लिए यह जगह पहले से ही उपयोगी रही है. सरकार इसकी खेती को लेकर बहुत सजग है.

किसानों को जानकारी देते अधिकारी और एचओडी

ये भी पढ़ेंः DM राहुल रंजन महिवाल ने गरीबों के बीच बांटे कंबल

कार्यक्रम में कई अधिकारी रहे मौजूद
इस मौके पर कई किसानों के बीच बीज का वितरण भी किया गया, वहीं, इस मौके पर जिलाधिकारी बैधनाथ यादव, भोला पासवान शास्त्री विश्वविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पारस नाथ, कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार, मखाना वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार मौजूद रहे.

अररियाः नए तकनीक के सहारे मखाने की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के दर्जनों किसानों ने हिस्सा लिया.

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कार्यशाला में मौजूद किसान

बायोटेक किसानों को बीज और खाद मुफ्त
मखाना उत्पादन संघ के जरिए अररिया के कृषि विज्ञान केंद्र में एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. जहां बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर के एचओडी पारस नाथ ने कहा कि इसकी खेती के लिए 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बायोटेक किसानों को बीज खाद के अलावा अन्य सामग्री मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी.

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कृषि विज्ञान केंद्र, अररिया

मखाना की खेती के लिए बारिश की जरूरत
एचओडी ने ये भी कहा कि सीमांचल और मिथिलांचल में खेती की जो पुरानी परंपरा है, उसी से खेती की जा रही है. जहां बारिश की ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे में इसकी खेती के लिए यह जगह पहले से ही उपयोगी रही है. सरकार इसकी खेती को लेकर बहुत सजग है.

किसानों को जानकारी देते अधिकारी और एचओडी

ये भी पढ़ेंः DM राहुल रंजन महिवाल ने गरीबों के बीच बांटे कंबल

कार्यक्रम में कई अधिकारी रहे मौजूद
इस मौके पर कई किसानों के बीच बीज का वितरण भी किया गया, वहीं, इस मौके पर जिलाधिकारी बैधनाथ यादव, भोला पासवान शास्त्री विश्वविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पारस नाथ, कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार, मखाना वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार मौजूद रहे.

Intro:मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने व उससे किसानों की आय दुगिनी होने के साथ ही साथ नई तकनीक के सहारे किसान कम वक़्त में कैसे मखाना का उत्पादन ज़्यादा से ज़्यादा कर सके और दूसरे किस्म का मखाना भी तैयार किया जाए, उसके लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें ज़िले के दर्जनों किसान इसमें हिस्सा लिए, सरकार के दुवारा बिहार में बायोटेक किसानों को 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बीज व खाद मुफ्त में खेती के लिए दिया जाएगा।


Body:अररिया के कृषि विज्ञान केंद्र में एक दिवसीय मखाना उत्पादन संघ के दुवारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, इस मौके पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर व भोला पासवान शास्त्री ने मिलकर मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बायोटेक किसानों को बीज खाद के अलावा अन्य सामग्री मुफ़्त में किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें मखाना किसानों को बढ़ावा देने के साथ ही साथ सीमांचल व मिथलांचल में जो पुरानी परंपरा इसके खेती की रही है जहां बारिश की ज़्यादा ज़रूरत होती है ऐसे में इसकी खेती के लिए यह जगह पहले से ही उपयोगी रहा है। इस मौक़े पर दर्जनों किसान मौजूद थे एवं उनके बीच बीज का वितरण भी किया गया, इस मौक़े पर ज़िलाधिकारी बैधनाथ यादव, भोला पासवान शास्त्री विश्वविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पारस नाथ, कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार, मखाना वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार इत्यादि लोग मौजूद रहे।


Conclusion:सरकार दुवारा किसानों को जो भी सहूलियत दी जाती है या उन्हें सारी चीजें सरकार के दुवारा मुफ़्त में देने की बात कही जा रही है उससे तो साफ़ ज़ाहिर होता है कि सरकार किसानों के लिए पूरी तरह से उन्हें सहायता करने को तैयार है पर आने वाले समय मे क्या यह चीज़ ज़मीनी तौर पर सही साबित होगा या नहीं आने वाला वक़्त ही बताएगा।
संबंधित विसुअल वौइस् ओवर के साथ
बाइट डॉ. पारस नाथ पूर्णिया
डेस्क पर इस ख़बर को देखने वाले महोदय खबर तैयार करते वक़्त उनसे गुजारिश है कि मखाना का विसुअल व एक किसान का बाइट है उसे ऐड करने का कष्ट करेंगे बहुत मेहरबानी होगी। वो पहले ही भेजा जा चुका है नहीं तो माधव जी को बता देंगे।
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