अररिया: एक तरफ सरकार घर-घर बिजली देने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर हकीकत कोसों दूर है. बिजली विभाग के लापरवाही से अब भी संथाली बस्ती के लोगों को रात के अंधेरे में रहकर गुजर बसर करना पड़ रहा है. रानीगंज प्रखंड क्षेत्र पहुंसरा पंचायत के वार्ड संख्या 02 मिर्चाबाड़ी के आदिवासी टोले में बिजली का ट्रांसफार्मर लगे साल भर होने को है. यहां के गांव में बिजली का पोल भी लग गया और वायरिंग भी हुआ लेकिन गांव के लोगों का घर अब भी अंधेरे में है.
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ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
बता दें कि आदिवासी टोले के लोगों को अब तक बिजली का मीटर भी नहीं मिला है. बिजली का मीटर देने के नाम पर ठेकेदार पर नजराना मांगने का आरोप लगाया गया है. इस बात को लेकर पहुंसरा गांव के लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया है. ग्रामीणों ने बताया कि मीटर कनेक्शन के लिए अप्लाई किये हुए एक वर्ष बीत गया, लेकिन अब तक बिजली का मीटर नहीं लगा है. बिजली का ठेकेदार कहता है कि जबतक 1400 रुपये हर आदमी नहीं देगा तब तक मीटर नहीं लगेगा.
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मोबाइल चार्ज करने में होती है समस्या
ग्रामीणों को मोबाइल चार्ज करने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है. गर्मी के समय में अंधेरा रहने से सांप, बिच्छू का खतरा बना रहता है. वहीं शाम के बाद बच्चे पढ़ भी नहीं पाते है. बाजार से किरासन तेल लाकर किसी तरह रात काटने को मजबूर हैं.
एक साल पहले दिया था कागज
प्रदर्शन कर रहे लोगों को समिति सदस्य अभिनंदन चौरसिया ने समझा बुझाकर मामला शांत कराया. अभिनंदन चौरसिया ने कहा कि यहां के 65 उपभोक्ताओं ने एक साल पहले बिजली विभाग में कनेक्शन के लिए कागज दिया था. सभी उपभोक्ता को नम्बर भी दिया गया लेकिन बिजली का मीटर नहीं लगाया गया सका.