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अररिया: सदर अस्पताल ने प्रसूता को नहीं किया भर्ती, प्रसव पीड़ा से कराहती बेटी को ले भटकता रहा पिता - सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा

ले के सदर अस्पताल के सामने यह दर्दनाक मंजर सामने आया, जहां प्रसव पीड़ा से कराहती बेहोशी की हालत में पड़ी बेटी और अस्पताल-क्लिनिक के चक्कर काटता मजबूर बूढ़ा पिता मदद के लिए इधर-उधर अस्पताल के आगे हाथ फैलाते रहे. लेकिन कहीं से भी उन्हें सहायता नहीं मिली.

sadar hospita
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Published : Sep 10, 2019, 12:44 AM IST

अररिया: जिले के सदर अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है, जब एक गर्भवती महिला को सदर अस्पताल ने बिना इलाज के लौटा दिया. पीड़ा से कराह रही महिला ने अस्पताल के गेट पर ही शिशु को जन्म दे दिया.

जिले के सदर अस्पताल के सामने यह दर्दनाक मंजर सामने आया, जहां प्रसव पीड़ा से कराहती बेहोशी की हालत में पड़ी बेटी और अस्पताल-क्लिनिक के चक्कर काटता मजबूर बूढ़ा पिता मदद के लिए इधर-उधर अस्पताल के आगे हाथ फैलाते रहे. लेकिन कहीं से भी उन्हें सहायता नहीं मिली. हॉस्पिटल ब्यॉय ने डॉक्टर और नर्स मौजूद नहीं होने का हवाला देकर वापस जाने के लिए कह दिया.

प्रसव पीड़ा से कराहती बेटी को ले भटकता रहा पिता

डरकर ड्यूटी छोड़ भागे स्टाफ
बताया जा रहा है कि पिता मंसूर अपनी बेटी को डिलीवरी कराने हरियावाड़ा से अररिया सदर अस्पताल ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया. इसके बाद परेशान पिता बेहोश बेटी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा तो मौजूद गार्ड ने यह करके वापस कर दिया कि कोई नर्स या स्टाफ इस वक्त अस्पताल में नहीं है.

  • भागलपुर: मेयर के आश्वासन पर नगर-निगम कर्मियों ने खत्म की हड़ताल, काम पर लौटे https://t.co/HAsl0ngaiX

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क्या कहते हैं अधीक्षक?
इसके बाद मंसूर निजी नर्सिंग होम के चक्कर काटता रहा, जहां कोई भी उस गरीब पिता की फरियाद सुनने वाला नहीं था. इस मामले को लेकर सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि आज ही के दिन सुबह एक प्रसूता की मौत हो गई थी, जिस कारण परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था. इसके बाद नर्स और सभी महिला डरकर अस्पताल से भाग गई थीं.

उन्होंने कहा कि इसी वजह से हम लोगों ने मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया. हमारी देख-रेख की जिम्मेदारी बनती है, लेकिन यहां कोई देखने वाला नहीं था. इस वजह से उसे निजी नर्सिंग होम ले जाने की सलाह दी गई.

अररिया: जिले के सदर अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है, जब एक गर्भवती महिला को सदर अस्पताल ने बिना इलाज के लौटा दिया. पीड़ा से कराह रही महिला ने अस्पताल के गेट पर ही शिशु को जन्म दे दिया.

जिले के सदर अस्पताल के सामने यह दर्दनाक मंजर सामने आया, जहां प्रसव पीड़ा से कराहती बेहोशी की हालत में पड़ी बेटी और अस्पताल-क्लिनिक के चक्कर काटता मजबूर बूढ़ा पिता मदद के लिए इधर-उधर अस्पताल के आगे हाथ फैलाते रहे. लेकिन कहीं से भी उन्हें सहायता नहीं मिली. हॉस्पिटल ब्यॉय ने डॉक्टर और नर्स मौजूद नहीं होने का हवाला देकर वापस जाने के लिए कह दिया.

प्रसव पीड़ा से कराहती बेटी को ले भटकता रहा पिता

डरकर ड्यूटी छोड़ भागे स्टाफ
बताया जा रहा है कि पिता मंसूर अपनी बेटी को डिलीवरी कराने हरियावाड़ा से अररिया सदर अस्पताल ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया. इसके बाद परेशान पिता बेहोश बेटी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा तो मौजूद गार्ड ने यह करके वापस कर दिया कि कोई नर्स या स्टाफ इस वक्त अस्पताल में नहीं है.

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क्या कहते हैं अधीक्षक?
इसके बाद मंसूर निजी नर्सिंग होम के चक्कर काटता रहा, जहां कोई भी उस गरीब पिता की फरियाद सुनने वाला नहीं था. इस मामले को लेकर सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि आज ही के दिन सुबह एक प्रसूता की मौत हो गई थी, जिस कारण परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था. इसके बाद नर्स और सभी महिला डरकर अस्पताल से भाग गई थीं.

उन्होंने कहा कि इसी वजह से हम लोगों ने मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया. हमारी देख-रेख की जिम्मेदारी बनती है, लेकिन यहां कोई देखने वाला नहीं था. इस वजह से उसे निजी नर्सिंग होम ले जाने की सलाह दी गई.

Intro:अस्पताल क्लीनिक के चक्कर काट रहा है एक मजबूर पिता . रिक्शे पर है बेहोशी की हालत में प्रसूति पुत्री जिसने सड़क पर दिया जन्म एक बच्चे को लेकिन अस्पताल ने उसे भर्ती करने से किया इनकारBody: अस्पताल में हंगामा होना या फिर आम लोगों के द्वारा वहां उपद्रव करना इसका खामियाजा कैसे आम इंसान को भुगतना पड़ता है इसका नजारा अस्पताल के सामने नजर आया । सदर अस्पताल में एक पिता को अपनी प्रसूता बेटी को इलाज के लिए रिक्शे पर लेकर भटकते दिखा। दरअसल मनसूर अपनी बेटी को हरियावाड़ा से डिलीवरी कराने सदर अस्पताल ला रहा था लेकिन रास्ते में ही प्रसव पीड़ा हो जाने के कारण उसने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया । उसके बाद मजबूर पिता रिक्शा से अपनी बेहोश बेटी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा तो अस्पताल में गार्ड उसे यह करके वापस कर दिया गया कि कोई नर्स या कोई स्टाफ इस वक्त अस्पताल में नहीं है आप कहीं निजी क्लीनिक में ले जाइए और वह अपने बेहोश बेटी को रिक्शे पर लेकर निजी नर्सिंग होम के चक्कर काटता नजर आ रहा है । जहां कोई भी उस गरीब पिता की फरियाद सुनने वाला नहीं है । इस मामले को लेकर सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि दरअसल आज ही के दिन सुबह एक प्रसूता की मौत हो गई थी जिस कारण परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था नर्स और जितनी महिला स्टाफ थी वह सब डरकर अस्पताल से भाग गई थी । इस कारण हम लोगों ने उस मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया क्योंकि यहां कोई देखने वाला नहीं था जिम्मेदारी हमारी बनती है लेकिन जब कोई नहीं रहे तो उसकी जिम्मेदारी उठाना भी मुनासिब नहीं है इसीलिए हम लोगों ने उसे किसी निजी नर्सिंग होम में जाने की सलाह दी गई थी ।
बाइट - मंसूर आलम, पीड़ित पिता ।
बाइट - डॉ जितेंद्र प्रसाद, अधीक्षक, सदर अस्पताल, अररिया ।Conclusion:
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