अररिया: जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. इस बार कोरोना पॉजिटिव मरीजों में ऑक्सीजन की काफी कमी होती है. उनके सांस फूलने की समस्या के कारण मरीजों को सबसे ज्यादा वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है. लेकिन जिले का दुर्भाग्य है कि 6 वेंटिलेटर मिलने के बाद भी आजतक उसे चालू नहीं करवाया गया है.
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बताया जा रहा है कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को लेकर प्रधानमंत्री केयर फंड से जिले में 6 वेंटिलेटर लगाया गया. ये सभी वेंटिलेटर सदर अस्पतार में लगाए जाने थे लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी वेंटिलेटर को महज एक कमरा ही मिला है. जिले के गंभीर संक्रमित मरीजों को फारबिसगंज स्थित एएनएम ट्रेंनिग स्कूल में भेजा जाता है. लेकिन वहां भी कोई वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है.
डीएम ने किया अस्पताल का दौरा
सदर अस्पताल स्थित वेंटिलेटर को जल्द शुरू करवाने को लेकर डीएम ने अस्पताल का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां पर जल्द ही वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. ताकि मरीजों को इलाज करवाने में आसानी हो. इसके लिए उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को कई दिशा-निर्देश दिए थे लेकिन डीएम के निर्देश के बाद भी वेंटिलेटर वार्ड में एयर कंडीशनर तक नहीं लगवाया गया.
432 कोरोना मरीज
बता दें कि इस समय जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 432 है. इसमें से 6 संक्रमित फारबिसगंज के आइसोलेशन सेंटर में भर्ती हैं. वहीं 2 संक्रमितों को सांस लेने में परेशानी होने के कारण उन्हें मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है. बांकी बचे संक्रमितों को घर में ही आइसोलेट किया गया है. जिले में 28 कोरोना संक्रमित मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं, कई लोगों का इलाज दूसरे जिले में जारी है.
वेंटिलेटर की जगह लाइफ सपोर्टिंग एम्बुलेंस
सिविल सर्जन डॉ. एमपी गुप्ता ने बताया कि पिछले वर्ष ही जिले को 6 वेंटिलेटर मिले थे. लेकिन किसी कारण से इसे शुरू नहीं किया गया. लेकिन इस बार इसे सदर अस्पताल में लगाया गया है. स्वास्थ्य विभाग को प्रशिक्षण प्रप्त लोगों के बारे में लिखा गया है. जैसे ही प्रशिक्षित लोग आते हैं, वेंटिलेटर वार्ड काम करने लगेगा. साथ ही सीएस ने बताया कि अभी हमारे पास एक एडवांस लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम से लैस एम्बुलेंस है. अगर कोई भी गंभीर रोगी मिलता है तो उसी के सहारे मरीज को बाहर भेजा जाता है.