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आज भी गांव की महिलाएं नहीं जानती क्या है महिला दिवस

कई गांव में महिलाएं मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करने का बीड़ा उठा रही हैं.

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Published : Mar 8, 2019, 7:04 PM IST

चाय दुकानदार रानी देवी

अररियाः हर साल आठ मार्च को महिला के सम्मान में अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.महिला दिवस लगभग सभी विकसित व विकासशील देशों में मनाया जाता है.ये दिन महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक तरक्की दिलाने औरमहिलाओं को याद करने का दिन है.लेकिनअररिया के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएंइस दिन को जानती तक नहीं हैं.

जिले के कई गांव में महिलाएं मेहनत मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए सर पर बोझ उठा रही हैं. कहीं रानी देवी चाय की दुकान चलाकर बच्चों को पाल रही हैं.तो कहीं खेत में खेती करके महिलाएं अपना घर चला रहीं हैं. कहीं ना कहीं इनसभी महिलाओं कीदेश और जिले की तरक्की में भागीदारी है.

बयान देती रानी देवी और समाजसेविका मोनालिसा चक्रवर्ती

क्या है समाजसेविका का कहना
वहीं, समाजसेवी महिला मोनालिसा चक्रवर्ती का कहना है कि अभी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है. उनका कहना है सरकार को चाहिये की इनकी ओर विशेष ध्यान दे. ताकि ये भी महिला दिवस का अर्थ समझ सकें. वरना उनकासामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विकास नहीं हो पाएगा.

अररियाः हर साल आठ मार्च को महिला के सम्मान में अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.महिला दिवस लगभग सभी विकसित व विकासशील देशों में मनाया जाता है.ये दिन महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक तरक्की दिलाने औरमहिलाओं को याद करने का दिन है.लेकिनअररिया के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएंइस दिन को जानती तक नहीं हैं.

जिले के कई गांव में महिलाएं मेहनत मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए सर पर बोझ उठा रही हैं. कहीं रानी देवी चाय की दुकान चलाकर बच्चों को पाल रही हैं.तो कहीं खेत में खेती करके महिलाएं अपना घर चला रहीं हैं. कहीं ना कहीं इनसभी महिलाओं कीदेश और जिले की तरक्की में भागीदारी है.

बयान देती रानी देवी और समाजसेविका मोनालिसा चक्रवर्ती

क्या है समाजसेविका का कहना
वहीं, समाजसेवी महिला मोनालिसा चक्रवर्ती का कहना है कि अभी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है. उनका कहना है सरकार को चाहिये की इनकी ओर विशेष ध्यान दे. ताकि ये भी महिला दिवस का अर्थ समझ सकें. वरना उनकासामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विकास नहीं हो पाएगा.

Intro:( खबर पॉवर डायरेक्टर से गई है )
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर रिपोर्ट
आज पूरी दुनियां महिलाओं के सम्मान में महिला दिवस मना रही है । इसके ठीक विपरीत अररिया ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी महिलाएं इस दिवस के बारे में कुछ नहीं जानती हैं । यहां की महिलाएं रोजीरोटी के ख़ातिर माथे पर बोझ उठाकर मजदूरी करने में जुटी हैं । समाज सेवी महिला का कहना है उन महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है सरकार को ।


Body:हर साल आठ मार्च को विश्व की प्रत्येक महिला के सम्मान में अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है । महिला दिवस लगभग सभी विकसित व विकासशील देशों में मनाया जाता है । महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक तरक्की दिलाने व उन महिलाओं को याद करने का दिन है । लेकिन ठीक इसके विपरीत अररिया के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला इस दिन को जानती तक नहीं हैं । ज़िले के गांव में महिलाएं मेहनत मजदूरी कर अपना वो परिवार का भरणपोषण करने के लिए सर पर बोझ उठा रही हैं । कहीं रानी देवी चाय की दुकान चलाकर बच्चों को पाल रही हैं । वहीं समाज सेवी महिला मोनालिसा चक्रबर्ती का कहना है कि अभी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है । उनका कहना है सरकार को चाहये की इनकी ओर विशेष ध्यान दे ।
बाइट - रानी देवी, चाय दुकानदार ।
बाइट - मोनालिसा चक्रबर्ती, समाज सेवी ।


Conclusion:अगर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को महिला दिवस की नहीं जानकारी है तो उन्हें जागरूक करने की जरूरत है । नहीं तो उनकी सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक विकास नहीं हो पायेगा ।
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