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उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन बोले- 'बिहार में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को लेकर सरकार गंभीर'

अररिया में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain in Araria) ने कहा कि मिथिलांचल और सीमांचल के साथ कोसी के क्षेत्र में उद्योग और रोजगार की संभावना बढ़ेगी. बिहार में इन दिनों उद्योगों की धूम है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के हर जिले में उद्योग लगाए जा रहे हैं. पढ़े पूरी खबर..

उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन
उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन
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Published : Mar 16, 2022, 9:33 PM IST

अररिया: अररिया से किशनगंज जाने के क्रम में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain) ने जोकीहाट में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के हर जिले में उद्योग लगाए जा रहे हैं. इसका परिणाम है कि मुजफ्फरपुर में मेगा फूड पार्क (Mega Food Park in Muzaffarpur) बन रहा है. साथ ही किशनगंज में लेदर के साथ टेक्सटाइल पार्क बनेगा. अररिया के फारबिसगंज स्थित स्टार्च फैक्ट्री का भी जल्द ही उद्घाटन होगा. इससे जिले के लोगों रोजगार मिलेगा. उन्होंने बताया कि अररिया किशनगंज की जनता ने मुझ गरीब लड़के को भारत सरकार के सम्मानित पद तक पहुंचाया है, इसलिए यहां के लोगों का जितना शुक्रिया अदा किया जाए वो कम है.

ये भी पढ़ें- 'पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए केंद्र को सौंपा गया प्रस्ताव, पश्चिम चंपारण में 1719 एकड़ भूमि चिह्नित'

रोजगार सृजन को लेकर सरकार गंभीर: उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए जो बिहार का आम बजट पेश हुआ उसमें पहली बार 6 सूत्रीय एजेंडे में से एक उद्योग और उद्योग में निवेश भी है. ये बताने के लिए काफी है कि सरकार बिहार के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को लेकर गंभीर है. पिछले एक साल में बिहार में 39 हजार 363 करोड़ रुपयों का निवेश प्रस्ताव एसआईपीबी द्वारा स्वीकृत हुआ है. मुझे बड़ा संतोष है कि पिछले एक साल में उद्योग विभाग के द्वारा किए गए सतत प्रयासों का फल मिला है. बिहार के औद्योगिकीकरण का लक्ष्य जल्द से जल्द हासिल करने की दिशा में बड़ी कामयाबियां मिली हैं.

''बिहार में एक साल में पेप्सिको समेत 87 औद्योगिक इकाईयां खुली हैं. यहां उत्पादन का ट्रायल रन के साथ उत्पादन शुरू हो चुका है. ये सरकार की बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने बताया कि इथेनॉल उत्पादन की 4 इकाईयां दो गोपालगंज में, एक आरा में और एक पूर्णिया में बनकर तैयार हैं. आरा में बने इथेनॉल उत्पादन प्लांट की इथेनॉल उत्पादन की क्षमता 4 लाख किलोलीटर प्रतिदिन है.''- शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री

इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति रही सफल: बिहार में 17 इथेनॉल उत्पादन इकाईयों ने 36 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल आपूर्ति का करार हाल ही में तेल विपणन कंपनियों के साथ किया है. बिहार अपना एक अलग इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति लाने वाला देश का पहला राज्य है. जब हम ये पॉलिसी लेकर आए तो उसके तुरंत बाद पूरे देश में कोरोना का संकट गहरा गया, लेकिन बिहार में औद्योगिकीकरण की ललक इतनी थी कि कोरोना के बावजूद ये पॉलिसी अत्यंत सफल रही. बिहार की इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत 30 हजार 427 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव आए हैं.

सैकड़ों इथेनॉल उत्पादन इकाईयों के प्रस्ताव: अभी तो हमें 36 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल आपूर्ति का कोटा मिला है तो 17 इथेनॉल इकाईयां लगनी तय हो गई हैं. लेकिन, अब हमारे पास सैकड़ों इथेनॉल उत्पादन इकाईयों के प्रस्ताव हैं. पहले 18 करोड़ लीटर सालाना का कोटा मिला था, कोशिश की तो ये बढ़कर 36 करोड़ लीटर हुआ और कोशिश कर रहे हैं कि बिहार का कोटा और बढ़े तो और भी इथेनॉल इकाईयां खुल सकेंगी और बिहार के किसानों, युवाओं के साथ भविष्य संवरेगा. भविष्य में भी बिहार ऑक्सीजन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बने. इसके लिए ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 लेकर आए, जिसके तहत 330 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव स्वीकृत किया गया और इकाईयां स्थापित हुई.

बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देना मकसद: हमारा मकसद बिहार में बड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्यमिता का भी विकास बड़ा ध्येय है. बिहार में उद्यमियों की फौज तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना जैसी शानदार योजना पूरे देश में नहीं है. इस वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति जनजाति व अति पिछड़ा वर्ग योजना, मुख्य युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत 15 हजार 986 लाभार्थियों का चयन किया, जिससे बिहार में उद्यमियों की एक बड़ी फौज तैयार होगी. इसलिए बिहार में उद्योग के लिए इच्छुक देश की बड़ी कंपनियां हैं, जिनमें आईटीसी, हिन्दुस्तान यूनी लीवर, ड्यूरा टेक सीमेंट, प्रिंस ग्रुप, हल्दीराम, कोका कोला, भारत बायोटेक, एसीसी सीमेंट अंबूजा सीमेंट शामिल है.

ये भी पढ़ें- बिहार स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2022 का शुभारंभ, बिहार के स्टार्टअप्स को सौंपे गए 8 लाख से लेकर 60 लाख तक के चेक

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अररिया: अररिया से किशनगंज जाने के क्रम में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain) ने जोकीहाट में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के हर जिले में उद्योग लगाए जा रहे हैं. इसका परिणाम है कि मुजफ्फरपुर में मेगा फूड पार्क (Mega Food Park in Muzaffarpur) बन रहा है. साथ ही किशनगंज में लेदर के साथ टेक्सटाइल पार्क बनेगा. अररिया के फारबिसगंज स्थित स्टार्च फैक्ट्री का भी जल्द ही उद्घाटन होगा. इससे जिले के लोगों रोजगार मिलेगा. उन्होंने बताया कि अररिया किशनगंज की जनता ने मुझ गरीब लड़के को भारत सरकार के सम्मानित पद तक पहुंचाया है, इसलिए यहां के लोगों का जितना शुक्रिया अदा किया जाए वो कम है.

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रोजगार सृजन को लेकर सरकार गंभीर: उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए जो बिहार का आम बजट पेश हुआ उसमें पहली बार 6 सूत्रीय एजेंडे में से एक उद्योग और उद्योग में निवेश भी है. ये बताने के लिए काफी है कि सरकार बिहार के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को लेकर गंभीर है. पिछले एक साल में बिहार में 39 हजार 363 करोड़ रुपयों का निवेश प्रस्ताव एसआईपीबी द्वारा स्वीकृत हुआ है. मुझे बड़ा संतोष है कि पिछले एक साल में उद्योग विभाग के द्वारा किए गए सतत प्रयासों का फल मिला है. बिहार के औद्योगिकीकरण का लक्ष्य जल्द से जल्द हासिल करने की दिशा में बड़ी कामयाबियां मिली हैं.

''बिहार में एक साल में पेप्सिको समेत 87 औद्योगिक इकाईयां खुली हैं. यहां उत्पादन का ट्रायल रन के साथ उत्पादन शुरू हो चुका है. ये सरकार की बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने बताया कि इथेनॉल उत्पादन की 4 इकाईयां दो गोपालगंज में, एक आरा में और एक पूर्णिया में बनकर तैयार हैं. आरा में बने इथेनॉल उत्पादन प्लांट की इथेनॉल उत्पादन की क्षमता 4 लाख किलोलीटर प्रतिदिन है.''- शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री

इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति रही सफल: बिहार में 17 इथेनॉल उत्पादन इकाईयों ने 36 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल आपूर्ति का करार हाल ही में तेल विपणन कंपनियों के साथ किया है. बिहार अपना एक अलग इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति लाने वाला देश का पहला राज्य है. जब हम ये पॉलिसी लेकर आए तो उसके तुरंत बाद पूरे देश में कोरोना का संकट गहरा गया, लेकिन बिहार में औद्योगिकीकरण की ललक इतनी थी कि कोरोना के बावजूद ये पॉलिसी अत्यंत सफल रही. बिहार की इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत 30 हजार 427 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव आए हैं.

सैकड़ों इथेनॉल उत्पादन इकाईयों के प्रस्ताव: अभी तो हमें 36 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल आपूर्ति का कोटा मिला है तो 17 इथेनॉल इकाईयां लगनी तय हो गई हैं. लेकिन, अब हमारे पास सैकड़ों इथेनॉल उत्पादन इकाईयों के प्रस्ताव हैं. पहले 18 करोड़ लीटर सालाना का कोटा मिला था, कोशिश की तो ये बढ़कर 36 करोड़ लीटर हुआ और कोशिश कर रहे हैं कि बिहार का कोटा और बढ़े तो और भी इथेनॉल इकाईयां खुल सकेंगी और बिहार के किसानों, युवाओं के साथ भविष्य संवरेगा. भविष्य में भी बिहार ऑक्सीजन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बने. इसके लिए ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 लेकर आए, जिसके तहत 330 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव स्वीकृत किया गया और इकाईयां स्थापित हुई.

बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देना मकसद: हमारा मकसद बिहार में बड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्यमिता का भी विकास बड़ा ध्येय है. बिहार में उद्यमियों की फौज तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना जैसी शानदार योजना पूरे देश में नहीं है. इस वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति जनजाति व अति पिछड़ा वर्ग योजना, मुख्य युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत 15 हजार 986 लाभार्थियों का चयन किया, जिससे बिहार में उद्यमियों की एक बड़ी फौज तैयार होगी. इसलिए बिहार में उद्योग के लिए इच्छुक देश की बड़ी कंपनियां हैं, जिनमें आईटीसी, हिन्दुस्तान यूनी लीवर, ड्यूरा टेक सीमेंट, प्रिंस ग्रुप, हल्दीराम, कोका कोला, भारत बायोटेक, एसीसी सीमेंट अंबूजा सीमेंट शामिल है.

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