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बाढ़ के कहर से कराह रहा अररिया, लोगों ने कहा- नहीं मिल रही कोई सुविधा - Hope to help

जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर डोरिया सोनपुर पंचायत का पुरणदाह गांव जो बीते चार दिनों से बाढ़ का तबाही झेल रहा है. ग्रामीण एक दूसरे के सहयोग से जिन्दगी बचाने को बेबस हैं. प्रशासन से मदद की गुहार लगाने के बाद भी किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली है. बाढ़ में फंसे लोग बिस्किट खाकर काम चलाने को मजबूर हैं.

बाढ़ के कारण पलायन करते लोग
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Published : Jul 15, 2019, 11:15 AM IST

अररिया: बिहार के 9 जिलों में बाढ़ का पानी आ चुका है. इस विभीषिका से आम जन-जीवन त्रस्त है. बाढ़ के कारण जिले के लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थान की ओर जा रहे हैं. बाढ़ के पानी के तेज धार के कारण कटाव जारी हो गया है. कई प्रखंडों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट चुका है. वहीं, प्रशासनिक तौर पर इस क्षेत्र के लोगों को कोई राहत नहीं पहुंचाई जा रही है. लोग 3 दिनों से इस पानी में फंसे हुए हैं. बाढ़ में फंसे हुए लोग बिस्किट खाकर काम चला रहे हैं.

बाढ़ के कारण पलायन करते लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ में फंसने के बाद यहां से निकलने के लिए किसी तरह का कोई साधन नहीं है. प्रशासन की तरफ से हमलोगों को कोई नाव भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. हमलोग एक दूसरे के सहयोग से जिंदगी बचाने को बेबस हैं. लोग रात भर जाग-जागकर किसी तरह के अनहोनी की आशंका से बचने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, बाढ़ के कारण घर से बेघर हुई औरत और बच्चों का बुरा हाल है. एक बाढ़ पीड़ित महिला ने बताया कि तबीयत खराब है फिर भी किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है.

क्या कहते हैं मुखिया प्रतिनिधि

वहीं, स्थानीय मुखिया ने कहा कि हमलोग 3 दिनों से यहां फंसे हुए हैं. यहां पर किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है. कुछ लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है. सीओ साहाब से बात करने पर उन्होंने डीएम साहाब से मिटिंग करने की बात कह टाल दिये और हमलोगों को किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिली है. हमलोग काफी परेशान हैं.

अररिया: बिहार के 9 जिलों में बाढ़ का पानी आ चुका है. इस विभीषिका से आम जन-जीवन त्रस्त है. बाढ़ के कारण जिले के लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थान की ओर जा रहे हैं. बाढ़ के पानी के तेज धार के कारण कटाव जारी हो गया है. कई प्रखंडों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट चुका है. वहीं, प्रशासनिक तौर पर इस क्षेत्र के लोगों को कोई राहत नहीं पहुंचाई जा रही है. लोग 3 दिनों से इस पानी में फंसे हुए हैं. बाढ़ में फंसे हुए लोग बिस्किट खाकर काम चला रहे हैं.

बाढ़ के कारण पलायन करते लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ में फंसने के बाद यहां से निकलने के लिए किसी तरह का कोई साधन नहीं है. प्रशासन की तरफ से हमलोगों को कोई नाव भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. हमलोग एक दूसरे के सहयोग से जिंदगी बचाने को बेबस हैं. लोग रात भर जाग-जागकर किसी तरह के अनहोनी की आशंका से बचने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, बाढ़ के कारण घर से बेघर हुई औरत और बच्चों का बुरा हाल है. एक बाढ़ पीड़ित महिला ने बताया कि तबीयत खराब है फिर भी किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है.

क्या कहते हैं मुखिया प्रतिनिधि

वहीं, स्थानीय मुखिया ने कहा कि हमलोग 3 दिनों से यहां फंसे हुए हैं. यहां पर किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है. कुछ लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है. सीओ साहाब से बात करने पर उन्होंने डीएम साहाब से मिटिंग करने की बात कह टाल दिये और हमलोगों को किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिली है. हमलोग काफी परेशान हैं.

Intro:बिहार में बाढ़ का क़हर जारी लोगों का ज़िन्दगी जीना हुआ बेहाल लोग अपने घर छोड़ बच्चे और महिलाओं को ऊंचे स्थान पर पहुंचाया। बाढ़ के पानी का धार इतना तेज़ है कि एक बाइक बह गया जो काफ़ी खोजने के बाद भी नहीं मिल सका। इस तेज़ धार में कई रास्ते कट चुके हैं एक परिवार सुबह से समान ख़रीद कर बीच सड़क पर रहने को मजबूर और काफ़ी बीमार भी है। कई बार ज़िला प्रशासन को कई बार कॉल करने के बाद भी नहीं पहुंचा देखने को लोगों में काफ़ी आक्रोश है।


Body:अररिया बिहार का सबसे पिछड़ा ज़िला जो हर साल बाढ़ की तबाही झेलता है सरकार का चुनावी आश्वासन और अधिकारियों के दुवारा कागज़ी करवाई तक ही लोगों के लिए मदद सिमट कर रह जाती है। आलम यह है कि ज़िला मुख्यालय से 13 किलोमीटर डोरिया सोनपुर पंचायत का पुरणदाह गांव जो बीते चार दिनों से लगातार हो रही बारिश और बाढ़ का तबाही झेल रहा है। ग्रामीण एक दूसरे के सहयोग से ज़िन्दगी बचाने को बेबस है प्रशासन को कॉल करने के बाद भी अब तक देखने नहीं पहुंचा है। लोग रात रात जग कर किसी अनहोनी से बचने और बचाने के लिए मजबूर है। लोग भूखे प्यासे बिसकिट्स खा कर पानी ज़िन्दगी गुज़र बशर करने पर मजबूर हैं। ज़िले में कई प्रखंड ऐसा है जिसका संपर्क मुख्यालय से टूट चुका है। तमाम लोग स्थाई जगह पर शरण ले चुके हैं। पर उसके खाने पीने का कोई भी इंतजाम नहीं है।


Conclusion:संबंधित विसुअल पानी के तेज़ बहाव का
बाइट ग्रामीण,
बाइट मुख्या प्रतिनिधि मोइनुद्दीन
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