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अररिया: जिले में कहीं बाढ़ तो कहीं सुखाड़, किसानों में मचा हाहाकार

जिले के 9 प्रखंडो में से 8 प्रखंड जहां बाढ़ से जलमग्न है.जबकि रजोखर प्रखंड में बारिश नहीं होने से सुखाड़ जैसी स्थिती उत्पन्न हो गई है.इस वजह से प्रखंड के छोटे किसानों ने खेती को छोड़ दिया है.

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Published : Jul 26, 2019, 9:42 AM IST

Updated : Jul 26, 2019, 12:29 PM IST

धान रोपाई करते हुए किसान

अररिया: बिहार के कई जिले बाढ़ के पानी में डूब रहे हैं, तो कई इलाके में सूखे के हालात है. कहीं बारिश जानलेवा बन गई है तो कहीं बरसात की एक-एक बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं. वैसे ही हालात इन दिनों सूबे के अररिया जिले का है. जिले के 9 प्रखंडों में से 8 प्रखंड जहां बाढ़ से जलमग्न हैं. जिससे खेतों में लगाए फसल बर्बाद हो गए. वहीं जिले का एक प्रखंड ऐसा भी है जहां बारिश नहीं होने से सुखाड़ जैसी स्थिती उत्पन्न हो गई है.

पंपिग सेट के सहारे किसान

पंपिग सेट के सहारे किसान

दरसल मामला जिले के रजोखर प्रखंड का है. जहां बारिश नहीं होने के कारण इस प्रखंड के करीब 13 पंचायतों में सुखे जैसी स्थिती बनी हुई है. मामले पर हयातपुर पंचायत के किसान मो. नसीम का कहना है कि इलाके में बारिश कम हुई है. और बाढ़ का पानी इस क्षेत्र में आता नहीं हैं. इसी वजह से हमलोगों को काफी देरी से धान की बुवाई करनी पड़ रही है. वो भी डीजल पंप के सहारे.

अररिया
परेशान किसान

छोटे किसानों ने खेती छोड़ा

प्रखंड के छोटे किसानों ने खेती को छोड़ दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार जिले के एकमात्र सूखे प्रखंड पर ध्यान नहीं दे रही है. इस वजह से छोटे किसानों के महंगी कीमत पर डीजल खरीद कर पटवन करना मुश्किल है.

अररिया: बिहार के कई जिले बाढ़ के पानी में डूब रहे हैं, तो कई इलाके में सूखे के हालात है. कहीं बारिश जानलेवा बन गई है तो कहीं बरसात की एक-एक बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं. वैसे ही हालात इन दिनों सूबे के अररिया जिले का है. जिले के 9 प्रखंडों में से 8 प्रखंड जहां बाढ़ से जलमग्न हैं. जिससे खेतों में लगाए फसल बर्बाद हो गए. वहीं जिले का एक प्रखंड ऐसा भी है जहां बारिश नहीं होने से सुखाड़ जैसी स्थिती उत्पन्न हो गई है.

पंपिग सेट के सहारे किसान

पंपिग सेट के सहारे किसान

दरसल मामला जिले के रजोखर प्रखंड का है. जहां बारिश नहीं होने के कारण इस प्रखंड के करीब 13 पंचायतों में सुखे जैसी स्थिती बनी हुई है. मामले पर हयातपुर पंचायत के किसान मो. नसीम का कहना है कि इलाके में बारिश कम हुई है. और बाढ़ का पानी इस क्षेत्र में आता नहीं हैं. इसी वजह से हमलोगों को काफी देरी से धान की बुवाई करनी पड़ रही है. वो भी डीजल पंप के सहारे.

अररिया
परेशान किसान

छोटे किसानों ने खेती छोड़ा

प्रखंड के छोटे किसानों ने खेती को छोड़ दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार जिले के एकमात्र सूखे प्रखंड पर ध्यान नहीं दे रही है. इस वजह से छोटे किसानों के महंगी कीमत पर डीजल खरीद कर पटवन करना मुश्किल है.

Intro: अररिया के किसानों के सामने एक बड़ी दुविधा वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है। यहां के कई प्रखंड जलमग्न है और खेतों में लगाए गए फसल बाढ़ के कारण बर्बाद हो गए । वहीं अररिया प्रखंड के राजोखर के इलाके में अभी भी किसान पंप के जरिए खेत की पटवन कर धान रोपनी करने को मजबूर हैं ।


Body:अररिया जिले के नौ प्रखंडों में अभी भी आठ प्रखंड बाढ़ से प्रभावित है । और वहां की खेती लगभग बर्बाद हो गई है । लेकिन अररिया प्रखंड के 13 पंचायत अभी भी सूखे की जैसी स्थिति में है । हयातपुर पंचायत के रजोखर में लोग पंप से पटवन कर धान की रोपनी को करने को मजबूर है । उनका कहना है कि बारिश इस इलाके में कम हुई है और बाढ़ का पानी यहां आता ही नहीं है । इस कारण यहां सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है यही वजह है हम लोगों को काफी देरी से धान की बुवाई करनी पड़ रही है । छोटे किसानों ने तो खेत को यूं ही छोड़ दिया है इसकी वजह यह है कि महंगे कीमत पर डीज़ल से पटवन करना उनके बस के बाहर है । इसीलिए जो किसान सक्षम है वह डीजल पंप से खेती कर रहे हैं । उन किसानों ने अपनी मजबूरी को सामने रखा और बताया कि काफी इससे हमें परेशानी हो रही है ।
बाइट - मो.नसीम, किसान, रजोखर, अररिया ।
बाइट - किसान, रजोखर, अररिया ।


Conclusion:सूखा होया बाढ़ किसान हर स्थिति में लड़ने को तैयार रहता है । इसकी खास वजह है कि वह अपने खेत को सुना रखना नहीं चाहते हैं । क्योंकि अन्न उपजाकर ही उनके घर में खाना बनता है । इसीलिए तो उन्हें अन्नदाता भी कहा जाता है और जब अन्नदाता भूखे होंगे तो हमारा पेट किस तरह भरे पाएगा ।
Last Updated : Jul 26, 2019, 12:29 PM IST
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