अररिया: अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर स्थानीय रेड क्रॉस सोसाइटी भवन परिसर में झंडोत्तोलन किया गया. इस मौके पर रेड क्रॉस के वरिष्ठ सदस्य कैप्टन डॉ एसआर झा ने झंडा फहराया. वहीं उपस्थित सदस्यों ने जीन हेनरी ड्युनेन्ट के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. इस कार्यक्रम में डॉ झा ने डॉ कपिलेश्वर प्रसाद सिन्हा, डॉ ऋषभ राज, राकेश रंजन वर्मा उर्फ मिट्ठू को रेड क्रॉस के आजीवन सदस्यता का प्रमाण पत्र दिया गया.
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रेड क्रॉस के जनक का जन्मदिन
डॉ एसआर झा ने कहा कि रेड क्रॉस के जनक जीन हेनरी ड्यूनेन्ट के जन्मदिन के शुभ अवसर पर अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस मनाया जाता है. उनका जन्म 8 मई 1828 ईस्वी को जेनेवा स्विट्जरलैंड में हुआ था. जीन हेनरी ड्यूनेन्ट एक स्विस उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता थे. जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संगठन की स्थापना 17 फरवरी 1863 ईस्वी में स्विट्जरलैंड के जेनेवा में की थी. संस्था का मुख्य उद्देश्य युद्ध के दौरान सैनिकों की मदद और चिकित्सा करने के साथ मानवीय जिंदगी और सेहत को बचाना था. वर्तमान परिवेश में इसका दायरा बढ़ता हुआ समाज कल्याण और प्राकृतिक आपदा से जुड़े सभी कार्यो में रेड क्रॉस पूरी दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाने में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है. एक सफेद पट्टी पर लाल रंग का क्रॉस चिन्ह आज दुनिया में पीड़ित मानवता का प्रतीक बन गया है.
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अमेरिका में खोला गया पहला ब्लड बैंक
मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता,स्वैच्छिक सेवा, सर्व भौमिकता, एकता रेड क्रॉस सोसायटी के प्रमुख सात सिद्धान्त है. विश्व का पहला ब्लड बैंक अमेरिका में रेड क्रॉस के पहल पर 1937 ईस्वी में खोला गया. वहीं आज भी जहां ब्लड बैंक है, उसमें रेड क्रॉस का विशेष योगदान है.
750 से अधिक शाखाएं
पूरी दुनिया में 1 करोड़ 17 लाख स्वयं सेवक समूह और लगभग 10 करोड़ सक्रिय सदस्य मानव सेवा के लिए कार्य कर रहे हैं. जीन हेनरी ड्यूनेन्ट को मानव सेवा के लिए साल 1901 ईस्वी में पहला नोबेल शांति पुरस्कार पाने का गौरव प्राप्त है. वर्तमान में भारत के 412 जिलों में 750 से अधिक शाखाएं है, जो मानव सेवा का कार्य कर रही है.