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बिहार में हाल-ए-ओडीएफ, 2 हजार कमीशन दो, शौचालय निर्माण का पैसा लो

सरकार हर पंचायत को ओडीएफ घोषित करने के लिए प्रयासरत है. लेकिन यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता दिख रहा है. फारबिसगंज अनुमंडल के हरिपुर पंचायत में लोगों से शौचालय निर्माण के लिए 2 हजार रुपए की घूस मांगी जी रही है.

शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार
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Published : Jun 20, 2019, 10:26 AM IST

अररिया: सरकार लोगों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए कार्य कर रही है. पिछले साल फारबिसगंज अनुमंडल स्थित हरिपुर पंचायत को ओडीएफ घोषित किया गया था. लेकिन आज भी यहां के लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. 2 साल पहले कराए गए शौचालय निर्माण का पैसा अभी तक नहीं मिल पाया है. प्रोत्साहन राशि देने के बदले में कमीशन मांगा जाता है.

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खुले में शौच

सरकार ने पिछले साल ही हरिपुर पंचायत को ओडीएफ घोषित किया था. लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम पंचायत का जायजा लेने पहुंची तो जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही थी. सरकार गरीब, जरूरतमंद लोगों को शौचालय निर्माण के लिए पैसे उपलब्ध करा रही है. लेकिन यह पैसा लोगों तक पहुंच नहीं पा रहा है. सरकारी योजना में कमीशन का खेल धड़ल्ले से चल रहा है.

ओडीएफ में भ्रष्टाचार

2 साल बाद भी नहीं मिला पैसा
पंचायत के ग्रामीण बताते हैं कि 2 साल बीत जाने के बाद भी शौचालय निर्माण का पैसा नहीं मिला है. सरकार 12 हजार का प्रोत्साहन राशि देती है जिससे अभी तक वंचित हैं. पैसे की मांग करने पर पार्षद 2 हजार रूपया कमीशन मांगता है.

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ग्रामीण

शिकायत करने पर मिलती है धमकी
हरिपुर वॉर्ड संख्या 5 में कहार टोला है. यहां के लोग बताते हैं कि शिकायत करने पर अनुसूचित जनजाति के तहत केस करने की धमकी दी जाती है. वॉर्ड पार्षद अपने उपर लग रहे आरोप को बेबुनियाद बता रही हैं. हालांकि कैमरे पर कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया. इससे जुड़े अधिकारी ने लोगों को बीडीओ के पास आवेदन देकर शिकायत करने की सलाह दी है.

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आपदा पदाधिकारी शम्भू कुमार

दोषियों पर होगी कार्रवाई
आपदा पदाधिकारी शम्भू कुमार ने बताया कि 15 अगस्त 2019 तक जिले को ओडीएफ घोषित करना है. कुछ पंचायत से प्रोत्साहन राशि भुगतान नहीं होने की शिकायत आ रही है. भुगतान नहीं होने के पीछे जियो टैग में कुछ लोगों का फोटो या नाम गलत होना है. इस परस्थिति में पेमेंट से पहले सत्यापन करवाया जा रहा है. धीरे-धीरे भुगतान हो रहा है. कुछ पंचायतों को ओडीएफ घोषित करने के बाद उसे लॉक कर दिया गया है. बहुत जल्द ही राशि मिल जाएगी. शौचालय निर्माण में राशि भुगतान के लिए कमीशन का मामला सामने आता है तो कार्रवाई की जायेगी. शम्भू कुमार ने बताया कि इसकी जांच फारबिसगंज बीडीओ से करवाया जाएगा. मामले में जो भी दोषी होगा उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अररिया: सरकार लोगों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए कार्य कर रही है. पिछले साल फारबिसगंज अनुमंडल स्थित हरिपुर पंचायत को ओडीएफ घोषित किया गया था. लेकिन आज भी यहां के लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. 2 साल पहले कराए गए शौचालय निर्माण का पैसा अभी तक नहीं मिल पाया है. प्रोत्साहन राशि देने के बदले में कमीशन मांगा जाता है.

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खुले में शौच

सरकार ने पिछले साल ही हरिपुर पंचायत को ओडीएफ घोषित किया था. लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम पंचायत का जायजा लेने पहुंची तो जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही थी. सरकार गरीब, जरूरतमंद लोगों को शौचालय निर्माण के लिए पैसे उपलब्ध करा रही है. लेकिन यह पैसा लोगों तक पहुंच नहीं पा रहा है. सरकारी योजना में कमीशन का खेल धड़ल्ले से चल रहा है.

ओडीएफ में भ्रष्टाचार

2 साल बाद भी नहीं मिला पैसा
पंचायत के ग्रामीण बताते हैं कि 2 साल बीत जाने के बाद भी शौचालय निर्माण का पैसा नहीं मिला है. सरकार 12 हजार का प्रोत्साहन राशि देती है जिससे अभी तक वंचित हैं. पैसे की मांग करने पर पार्षद 2 हजार रूपया कमीशन मांगता है.

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ग्रामीण

शिकायत करने पर मिलती है धमकी
हरिपुर वॉर्ड संख्या 5 में कहार टोला है. यहां के लोग बताते हैं कि शिकायत करने पर अनुसूचित जनजाति के तहत केस करने की धमकी दी जाती है. वॉर्ड पार्षद अपने उपर लग रहे आरोप को बेबुनियाद बता रही हैं. हालांकि कैमरे पर कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया. इससे जुड़े अधिकारी ने लोगों को बीडीओ के पास आवेदन देकर शिकायत करने की सलाह दी है.

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आपदा पदाधिकारी शम्भू कुमार

दोषियों पर होगी कार्रवाई
आपदा पदाधिकारी शम्भू कुमार ने बताया कि 15 अगस्त 2019 तक जिले को ओडीएफ घोषित करना है. कुछ पंचायत से प्रोत्साहन राशि भुगतान नहीं होने की शिकायत आ रही है. भुगतान नहीं होने के पीछे जियो टैग में कुछ लोगों का फोटो या नाम गलत होना है. इस परस्थिति में पेमेंट से पहले सत्यापन करवाया जा रहा है. धीरे-धीरे भुगतान हो रहा है. कुछ पंचायतों को ओडीएफ घोषित करने के बाद उसे लॉक कर दिया गया है. बहुत जल्द ही राशि मिल जाएगी. शौचालय निर्माण में राशि भुगतान के लिए कमीशन का मामला सामने आता है तो कार्रवाई की जायेगी. शम्भू कुमार ने बताया कि इसकी जांच फारबिसगंज बीडीओ से करवाया जाएगा. मामले में जो भी दोषी होगा उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:पिछले वर्ष ओडीएफ़ घोषित हरिपुर पंचायत में लोग आज भी खुले में शौच करने को मजबूर, शौचालय बनाने को पैसा नहीं है जब पार्षद से पैसा मांगते हैं तो दो हज़ार रुपए कमीशन मांगा जाता है, तो किसी का दो साल पहले बना शौचालय उसे अब तक पैसा नहीं मिला है। लोग शौचालय करने खेत जाते हैं उसके उसे मिट्टी से ढक देते हैं। अधिकारी बताते हैं कि उन लोगों को इस मसले पर वहां के बीडीओ को आवेदन दे शिकायत करना चाहिए। जबकि वार्ड संख्या 5 की पार्षद इस आरोप को बेबुनियाद बता कैमरा पर जवाब देने से इनकार कर गई।


Body:अररिया के फारबिसगंज अनुमंडल का हरिपुर पंचायत जो पिछले साल ही पूरी तरह ओडीएफ़ घोषित हो चुका था, पर जब उस ओडीएफ़ पंचायत का जायज़ा लेने ईटीवी ज़िला संवादाता वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने उसकी हक़ीक़त कुछ और ही ब्यान किया। जिससे सरकार के विकास का पोल खुलता हुआ साफ़ नज़र आता है। एक ओर जहां सरकार ग़रीब, शोषित वर्ग के लोगों के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार कई प्रकार की योजनाएं चला रही है वहीं दूसरी तरफ़ उसका नज़ारा कुछ अलग ही दिखता है। स्वक्ष भारत बनाने के लिए सरकार करोड़ों ख़र्च कर रही है। ग्रामीण बताते हैं कि दो साल का वक़्त बीत चुका है पर शौचालय के लिए जो प्रोत्साहन राशि 12000 हज़ार रुपए मिलना था वो उन लोगों को अब तक नहीं मिला है, जब वजह पूछा गया तो बताया कि उसके लिए 500 से 2000 तक कमीशन मांगा जाता है, हरिपुर वार्ड संख्या 5 का कहार टोला है और लोग बताते हैं कि किसी को शिकायत करने पर अनुसूचित जनजाति के तहत केस करने का धमकी दिया जाता है कि ज़िन्दगी बर्बाद कर दूंगा। हालांकि इस मसले पर शंभू कुमार आपदा पदाधिकारी बताते हैं कि ज़िला को 15 अगस्त 2019 तक ओडीएफ़ घोषित करना है कुछ पंचायत से हम लोगों को भी जानकारी मिल रही है कि भुगतान नहीं हो रहा है उसका कारण है कि जियो टैग से कुछ का फ़ोटो या नाम ग़लत हो गया है, ऐसे स्थिति में पेमेंट से पहले वेरिफिकेशन करवा रहे हैं वैसे भुगतान होता जा रहा है कुछ पंचायतों में ओडीएफ़ करने के तुरंत बाद उसे लॉक कर दिए उन्हें भी बहुत मिल जाएगा। अगर इस तरह का कोई मामला सामने आता है तो उस पर करवाई किया जाएगा। हम लोगों को अभी इस तरह का मामला सामने नहीं आया है हम फारबिसगंज बीडीओ से बात कर जांच करवाते हैं जो दोषी होगा उसपर शख़्त करवाई की जाएगी।


Conclusion:विसुआल गांव का, शौचालय का, लोटा के कर खेत जाते हुए का बाइट ग्रामीण का बाइट आपदा अधिकारी शम्भू कुमार का
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