अररिया: बिहार के अररिया में नाबालिग के साथ रेप के 5 साल पुराने मामले में अररिया व्यवहार न्यायालय ने 20 साल की सजा सुनाई है. अररिया व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में पुलिस अभियोजन शाखा के द्वारा अथक प्रयास कर सजा दिलवाई गई. अररिया व्यवहार न्यायालय द्वारा स्पीडी ट्रायल चलकर शुक्रवार को सजा सुनाई. इसके साथ दोषी को 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
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अररिया में दुष्कर्म मामले में 20 साल की सजा: मामला बौसी थाना क्षेत्र का है. जहां पीड़ित बच्ची के परिवार वालों ने 2018 में महिला थाना में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था. 16 नवंबर 2018 में दर्ज कराए गए दुष्कर्म मामले में पीड़िता की ओर से गांव के ही राजमल ऋषिदेव पिता जगदीश ऋषिदेव देवस्थल नन्दनपुर पर एफआईआर दर्ज कराया गया था. महिला थाना में 110/18 धारा 376 के साथ 06 पॉक्सो एक्ट के तहत राजमल ऋषिदेव को अभियुक्त बनाया गया था. तभी से ये मामला अररिया व्यवहार न्यायालय में लंबित था.
पांच साल बाद मिला परिवार को इंसाफ: अररिया व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में पुलिस अभियोजन शाखा के द्वारा अथक प्रयास कर सजा दिलवाई गई. न्यायाल द्वारा स्पीडी ट्रायल चलकर शुक्रवार को सजा सुनाई गई है. इसमें दोषी को 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है. रुपया जमा नहीं करने की स्थिति में दोषी को अतिरिक्त दिन जेल में बिताना होगा. पीड़ित परिवार को पांच साल बाद न्याय मिला है. इस फैसले पर पीड़ित परिवार ने संतोष जाहिर किया है. बतादें की दुष्कर्म का दोषी फिलहाल पुलिस अभिरक्षा में जेल में बंद है.