अररिया: गर्भवती माता से बच्चों में होने वाले एचआईवी संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिले में अभियान चलाया जा रहा है. इसी को लेकर सदर अस्पताल परिसर से सिविल सर्जन रूप नारायण प्रसाद ने एक जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रवाना किया.
बता दें कि 17 से 23 दिसंबर तक एड्स जागरुकता सप्ताह मनाया जा रहा है. जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमित गर्भवती माता के बच्चे को संक्रमण से बचाना है. इसी को लेकर जागरुकता रथ चिन्हित जगहों पर जाकर लोगों को जागरूक करेगा. जिला कार्यक्रम प्रबंधक अखिलेश कुमार ने बताया कि अररिया सहित बिहार के 13 जिलों को इस कार्य के लिए चिन्हित किया गया है.
नेपाल से सटे होने के कारण एचआईवी संक्रमण का बढ़ा खतरा
अररिया की सीमा पड़ोसी देश नेपाल से सटे होने के कारण यह जिला अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह बॉर्डर इलाका खुला है और यहां से भारी संख्या में लोग पलायन कर दूसरे प्रांतों में मजदूरी के लिए जाते हैं. जिससे वहां से नासमझी के कारण संक्रमित होकर वापस लौटते हैं. यही कारण है कि यहां एचआईवी पॉजिटिव की संख्या में वृद्धि हो रही है. इसीलिए यह जागरुकता रथ गर्भवती महिलाओं को प्रेरित करेगा ताकि वो अपना एचआईवी जांच कराएं. जिससे उनका बच्चा सुरक्षित रहेगा. इसी के लिए चिन्हित 21 जगहों पर जांच कैंप भी लगाए जाएंगे. ताकि महिलाओं का उनके घर पर ही जांच हो सके.
एचआईवी संक्रमण को लेकर संवेदनशील जिला
जानकारी के अनुसार एचआईवी संक्रमण मामले में अररिया जिला ए ग्रेड में आता है. यह साफ दर्शाता है कि यह जिला एचआईवी संक्रमण को लेकर कितना संवेदनशील हो गया है. इसलिए सरकार ने इस जिले को चिन्हित कर यहां लोगो को जागरूक करने की कोशिश कर रही है. ताकि संक्रमण को कम किया जा सके. वहीं सिर्फ सदर अस्पताल में इस वर्ष 23,565 गर्भवती महिलाओं ने अपना एचआईवी जांच कराया जो एक अच्छा संकेत है. इससे पता चलता है कि लोग इसको लेकर जागरुक हो रहे हैं.