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फणीश्वरनाथ रेणु का मैला आंचल 'मैला' ही है, मुख्यमंत्री भी आए लेकिन साफ नहीं किए - पुण्यतिथि

अररिया जिले के एक छोटे से गांव में महान कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म हुआ. उनकी लिखी कहानी मैला आंचल पर कई देशी एवं विदेशी नागरिकों ने शोध किया है. लेकिन आज भी रेणु जी के गांव औराही हिंगना तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क तक नहीं है.

फणीश्वरनाथ रेणु
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Published : Mar 4, 2019, 1:16 PM IST

अररियाः जिले के एक छोटे से गांव में जन्में महान कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उनकी लिखी कहानी मैला आंचल को भला कौन भूल सकता है. जिसमें उन्होंने इलाके की बदहाली का जिक्र किया है. लेकिन आज तक उनके ही गांव का मैला आंचल नहीं साफ हुआ है.

जबकि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उनके पुण्यतिथि पर राजकीय उत्सव मनाने का ऐलान किया है. लेकिन सरकार ने इतने ख्याति प्राप्त महान कथा शिल्पी के गांव के हालात सुधार में कोई ध्यान नहीं दिया.

सड़क के अभाव में जूझ रहा औराही हिंगना गांव

रेणु जी के बड़े बेटे ने पूर्व विधायक पदम्पराग राय बेनु ने बताया कि इतने बड़े कथाकार के गांव में जो सुविधा होनी चाहिए वो नहीं हो पाई है. आपको बता दें कि रेणु जी की लिखी कहानियों में आंचलिकता झलकती है. जो उनको सबसे अलग बनाती है.

अररियाः जिले के एक छोटे से गांव में जन्में महान कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उनकी लिखी कहानी मैला आंचल को भला कौन भूल सकता है. जिसमें उन्होंने इलाके की बदहाली का जिक्र किया है. लेकिन आज तक उनके ही गांव का मैला आंचल नहीं साफ हुआ है.

जबकि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उनके पुण्यतिथि पर राजकीय उत्सव मनाने का ऐलान किया है. लेकिन सरकार ने इतने ख्याति प्राप्त महान कथा शिल्पी के गांव के हालात सुधार में कोई ध्यान नहीं दिया.

सड़क के अभाव में जूझ रहा औराही हिंगना गांव

रेणु जी के बड़े बेटे ने पूर्व विधायक पदम्पराग राय बेनु ने बताया कि इतने बड़े कथाकार के गांव में जो सुविधा होनी चाहिए वो नहीं हो पाई है. आपको बता दें कि रेणु जी की लिखी कहानियों में आंचलिकता झलकती है. जो उनको सबसे अलग बनाती है.

Intro:( खबर पॉवर डायरेक्टर से गया है )
फणीश्वरनाथ के जन्मदिवस 4 मार्च के मौके पर विशेष
अररिया के एक छोटे से गांव में जन्में महान कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं । उनकी लिखी कहानी मैला आँचल पर कई देशी एवं विदेशी नागरिकों ने शोध किया है । लेकिन आज भी रेणु जी के गांव औराही हिंगना तक पहुंचने के लिए अच्छा सड़क नहीं है और न हीं कोई अस्पताल । रेणु जी के पुत्र ने कहा इसके लिए कई बार ज़िलाप्रशासन से की है बात ।


Body:सजन रे झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है, इस गाने से कौन नहीं परिचित होगा । ये गाना तीसरी कसम फ़िल्म में राजकपूर पर फिल्माया गाया था । तीसरी कसम फ़िल्म भारत ही नहीं विदेशों में भी धूम मचाई थी । इस फ़िल्म के कहानीकार अररिया के छोटे से गांव औराही हिंगना के फणीश्वरनाथ रेणु ने लिखी थी । इस कहानी के साथ उन्होंने मैला आँचल, परतीपरी कथा जैसी सैकड़ों कहानियों के साथ कई उपन्यास रेणु जी ने लिखे थे । बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके घर कई बार आचुके हैं । उन्होंने उनके पुण्यतिथि पर राजकीय उत्सव मनाने की भी घोषणा की है । लेकिन इतने ख्याति प्राप्त महान कथा शिल्पी के गांव पहुंचने का मुख्य सड़क जरजर है । रेणु जी के बड़े पुत्र पूर्व विधायक पदम्पराग राय बेनु ने बताया कि इतने बड़े कथाकार के गांव में जो सुविधा होनी चाहये वो नहीं हो पाई है । छोटे पुत्र दक्षिणेश्वर प्रसाद रेणु ने बताया रेणु का मैला आँचल थोड़ा साफ तो हुआ है ।औराही हिंगना की सूरत थोड़ी बदली है । गांव में लगभग दो करोड़ की लागत से रेणु स्मृति भवन बिहार सरकार ने बनवाया है । ये भवन शोधकर्ताओं के लिए काफी उपयोगी साबित होगा । इस भवन में रेणु से जुड़ी कई महत्वपूर्ण चीजें हैं अभी रेणु जी के दुर्लभ फ़ोटो का संग्रालय तैयार हो रहा है । एनएच 57 से सिमराहा औराही हिंगना होते हुए गितवास तक जाने वाली सड़क के मुख्य द्वार पर रेणु द्वार बना है मगर सड़क जरजर हाल में है । उनके पुत्र ने बताया ये सड़क रेणु जी के पैतृक गांव से होते हुए उनके ननिहाल जाती है ।
बाइट - मो अलीम, स्थानीय ।
बाइट - पदम्पराग राय बेनु, रेणु जी के बड़े पुत्र ।
बाइट - दक्षिणेश्वर प्रसाद राय, रेणु जी के छोटे पुत्र ।


Conclusion:रेणु जी की लिखी कहानियों में आंचलिकता झलकती है जो उनको सबसे अलग बनाती है । मैला आँचल काफी लोकप्रिय कहानी है जिसमें इस इलाके की बदहाली का जिक्र है । मैला आँचल की कहानी पर भी एक धारावाहिक डागडर बाबू बनी थी ।
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