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अररिया में बाढ़ रिटर्न! नदी के कटाव में बह गए सैकड़ों घर, पीड़ितों का सुध लेने वाला कोई नहीं - अररिया के बाढ़ पीड़ित

बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि वे लोग दो महीने में दूसरी बार बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. सरकार की ओर से मिलने वाली 6 हजार की राशि भी नहीं मिली है.

अररियाः
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Published : Oct 2, 2020, 9:06 PM IST

अररियाः जिले में बकरा नदी उफान पर है. पोखरिया पंचायत के बहेनी गांव में नदी के तट पर बसे 100 से अधिक घर कटाव के शिकार हो गए. बाढ़ का पानी उसे अपने साथ बहा ले गया. जिससे सैकड़ों परिवार बेघर हो गए. लेकिन प्रशासन की ओर से उनका सुधी नहीं लिया जा रहा. बाढ़ पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है.

बाढ़ से फसल तबाह
पीड़ितों ने बताया कि कटाव के बाद तो मुखिया से लेकर सांसद तक कोई देखने नहीं आया है. सरकारी अधिकारी भी हाल जानने नहीं पहुंचे हैं. गांव से लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी से फसल का भी नुकसान हुआ है. इससे पहले कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन में नगदी फसल बिक नहीं पाई थी और अब बाढ़ की वजह से फसल तबाह हो गई.

पेश है रिपोर्ट

2 महीने में दूसरी बार बाढ़
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि वे लोग दो महीने में दूसरी बार बाढ़ का दंश झेल रहे है. दो महीने पहले भी बाढ़ आई थी. घर में पानी घुस जाने के कारण लोग गांव छोड़कर चले गए थे. पानी उतरने के बाद लौट कर आए. एक महीना भी नहीं हुआ था कि दूसरी बार बाढ़ ने दस्तक दे दी. लोगों ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को सरकार की ओर से मिलने वाली 6 हजार की राशि भी नहीं मिली है.

अररियाः जिले में बकरा नदी उफान पर है. पोखरिया पंचायत के बहेनी गांव में नदी के तट पर बसे 100 से अधिक घर कटाव के शिकार हो गए. बाढ़ का पानी उसे अपने साथ बहा ले गया. जिससे सैकड़ों परिवार बेघर हो गए. लेकिन प्रशासन की ओर से उनका सुधी नहीं लिया जा रहा. बाढ़ पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है.

बाढ़ से फसल तबाह
पीड़ितों ने बताया कि कटाव के बाद तो मुखिया से लेकर सांसद तक कोई देखने नहीं आया है. सरकारी अधिकारी भी हाल जानने नहीं पहुंचे हैं. गांव से लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी से फसल का भी नुकसान हुआ है. इससे पहले कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन में नगदी फसल बिक नहीं पाई थी और अब बाढ़ की वजह से फसल तबाह हो गई.

पेश है रिपोर्ट

2 महीने में दूसरी बार बाढ़
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि वे लोग दो महीने में दूसरी बार बाढ़ का दंश झेल रहे है. दो महीने पहले भी बाढ़ आई थी. घर में पानी घुस जाने के कारण लोग गांव छोड़कर चले गए थे. पानी उतरने के बाद लौट कर आए. एक महीना भी नहीं हुआ था कि दूसरी बार बाढ़ ने दस्तक दे दी. लोगों ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को सरकार की ओर से मिलने वाली 6 हजार की राशि भी नहीं मिली है.

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