अररियाः बिहार के युवा कारोबारी शुभम सौरव ने पूरे विश्व में बिहार और देश का नाम रौशन किया है. दरअसल, अमेरिका के चर्चित इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स पत्रिका में शुभम को 'टॉप मार्केटिंग स्ट्रैटेजिस्ट इन द वर्ल्ड' की सूची जगह दी गई है. शुभम के इस सफलता से उनके घर और गांव में जश्न का माहौल है.
बता दें कि शुभम दुनिया की पांच सौ से अधिक कंपनीज और सेलीब्रिटीज को मार्केटिग टिप्स देकर चर्चित हुए हैं. शुभम की एग्मा मीडिया ग्रुप विश्व के टॉप 500 कंपनियों में शामिल हुआ है. शुभम जोकीहाट स्थित जहानपुर गांव के निवासी पप्पू झा के बेटे हैं. मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले शुभम महज 19 वर्ष की उम्र में कंपनी की शुरुआत की. वहीं, 21 साल की आयु में ही बिजनेस मैगजीन टाइम्स ने 'टॉप मार्केटिंग स्ट्रैटेजिस्ट इन द वर्ल्ड' की सूची में जगह दी है. जिससे परिवार के लोग बेटे की तरक्की से गर्व महसूस कर रहे हैं.
पिता ने सब कुछ कर दिया समर्पित
बेटे की इस उपलब्धि पर पिता पप्पू झा के चेहरे पर साफ खुशी झलकती है. ईटीवी भारत से बातचचीत में बेटे के संघर्ष के दिनों को याद कर पप्पू झा भाव विभोर हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि देर रात तक पढ़ाई किया करता, डांटने पर भी उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता शायद उसे मन में क्या चल रहा था कोई नहीं जानता था. हालांकि एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले पप्पू झा बेटे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन तक ले रखे हैं. उन्होंने बताया कि बेटे की सफलता में उनके भाई का भी बड़ा हाथ हैं. हर कदम पर उन्होंने भतीजे का साथ दिया.
क्रिकेट में भी छाप छोड़ चुका है शुभम
बेटे की सफालता पर मां मनीषा झा खुशी से फूले समा रही. ईटीवी से बातचीत में कहा कि उनके सपने को बेटे ने पूरा किया है. वहीं बहना सपना ने बताया कि उनका भाई मेहनती था. बोर्डिंग के बाद वो ज्यादातर वक्त मोबाइल से पढ़ाई की जानकारी लेता. मोबाईल से ही उसने कोडिंग करना सीखा. सपना ने बताया कि भाई की सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं, आज वो आइकॉन हैं. बता दें कि शुभम पहले राज्य स्तर पर क्रिकेट में भी अपनी छाप छोड़ चुका है.
बीटेक फाइनल ईयर में कर रहा पढ़ाई
शुभम फिलहाल दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज में बीटेक फाइनल ईयर में पढ़ाई कर रहा है. वो दुबई भी जा चुका है जबकि जनवरी में यूएस जाने वाला है. बता दें कि शुभम का सपना आईएएस बनने का है इसके लिए तैयारी भी कर रहा है. शुभम के संयुक्त परिवार में माता पिता के अलावा बहन, दादा-दादी, चाचा-चाची और उनके बच्चे हैं.