ETV Bharat / jagte-raho

दरभंगा में बाढ़ का कहर: बच्चों की थाली में अन्न नहीं, चारे के लिए तरस रहे हैं पशु - सिरिनिया तटबंध

दरभंगा में बाढ़ का कहर जारी है. 15-20 दिनों से गांव के लोग अपना सबकुछ छोड़कर बांध पर शरण लिए हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस विपदा के समय में न तो जन प्रतिनिधि और न ही सरकारी अधिकारी उनकी सुध ले रहे हैं.

-darbhanga
-darbhanga
author img

By

Published : Aug 8, 2020, 7:34 AM IST

दरभंगाः जिले में बाढ़ लगातार कहर ढा रहा है. बाढ़ पीड़ितों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है. 15-20 दिनों से लोग बाढ़ के कारण गांव छोड़ कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

बाढ़ का कहर
हायाघाट के सिरिनिया, अम्माडीह और सिनुआरा समेत कई गांवों के करीब एक हजार परिवार बागमती नदी के सिरिनिया तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. लोग एक ही प्लास्टिक शीट में बाल-बच्चों और माल-मवेशियों के साथ रह रहे हैं. खाने-पीने से लेकर पशुओं के चारे तक पर आफत है. एक तरफ बच्चों की थाली में अन्न नहीं है, तो दूसरी तरफ पशु चारे के लिए टकटकी लगाए हुए हैं. लोगों का कहना है कि इस विपदा के समय में न तो जन प्रतिनिधि और न ही सरकारी अधिकारी उनकी सुध ले रहे हैं.

-darbhanga-
बाढ़ पीड़ित

ग्रामीण 15 दिनों से बांध पर लिए हैं शरण
स्थानीय मोहन सदा ने बताया कि वे पिछले 15 दिनों से गांव छोड़ कर बांध पर रह रहे हैं. उनके पशु भी साथ में रहते हैं. यहां न तो उनको खाने के लिए कोई पूछने आता है और न ही उनके मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था है. घर में कमर भर पानी घुस गया है. जिसके कारण वे घर छोड़ कर भाग आए हैं. काफी कठिनाई से जिंदगी चल रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

खाने की हो रही दिक्कत
स्थानीय पारस सदा ने बताया कि जैसे-तैसे मांग कर खाते हैं. कहीं से कुछ जुगाड़ हो गया तो खाते हैं, नहीं तो बिना खाए या आधा पेट खा कर ही सो जाते हैं. बाढ़ के पानी में सब कुछ डूब गया. जिसकी वजह से पशुओं के चारे के लिए भी भटकना पड़ता है.

दरभंगाः जिले में बाढ़ लगातार कहर ढा रहा है. बाढ़ पीड़ितों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है. 15-20 दिनों से लोग बाढ़ के कारण गांव छोड़ कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

बाढ़ का कहर
हायाघाट के सिरिनिया, अम्माडीह और सिनुआरा समेत कई गांवों के करीब एक हजार परिवार बागमती नदी के सिरिनिया तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. लोग एक ही प्लास्टिक शीट में बाल-बच्चों और माल-मवेशियों के साथ रह रहे हैं. खाने-पीने से लेकर पशुओं के चारे तक पर आफत है. एक तरफ बच्चों की थाली में अन्न नहीं है, तो दूसरी तरफ पशु चारे के लिए टकटकी लगाए हुए हैं. लोगों का कहना है कि इस विपदा के समय में न तो जन प्रतिनिधि और न ही सरकारी अधिकारी उनकी सुध ले रहे हैं.

-darbhanga-
बाढ़ पीड़ित

ग्रामीण 15 दिनों से बांध पर लिए हैं शरण
स्थानीय मोहन सदा ने बताया कि वे पिछले 15 दिनों से गांव छोड़ कर बांध पर रह रहे हैं. उनके पशु भी साथ में रहते हैं. यहां न तो उनको खाने के लिए कोई पूछने आता है और न ही उनके मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था है. घर में कमर भर पानी घुस गया है. जिसके कारण वे घर छोड़ कर भाग आए हैं. काफी कठिनाई से जिंदगी चल रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

खाने की हो रही दिक्कत
स्थानीय पारस सदा ने बताया कि जैसे-तैसे मांग कर खाते हैं. कहीं से कुछ जुगाड़ हो गया तो खाते हैं, नहीं तो बिना खाए या आधा पेट खा कर ही सो जाते हैं. बाढ़ के पानी में सब कुछ डूब गया. जिसकी वजह से पशुओं के चारे के लिए भी भटकना पड़ता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.