कीव: यूक्रेन में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Europe's biggest nuclear power plant), जपोरिजिया पर रूसी हमले के बाद इसमें आग लग गयी. पास के एक शहर के मेयर ने कहा, रूसी सैनिकों द्वारा गोलीबारी (nuclear plant bombed) किए जाने के कारण दमकलकर्मी आग पर काबू नहीं पा सके हैं. इस घटना को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ‘जपोरिजिया परमाणु संयंत्र’ में आग लगने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बातचीत की और रूस से प्रभावित क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने तथा आपात बचाव दल को वहां जाने की अनुमति देने की मांग की है. मेयर दमित्रो कुलेबा ने ट्वीट कर इस घटना पर कहा, 'रूसी सेना यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र जपोरिजिया पर हर तरफ से गोलीबारी कर रही है. आग पहले ही लग चुकी है. अगर यह उड़ा, तो यह चॉर्नोबिल से 10 गुना बड़ा होगा! रूसियों को तुरंत आग बंद करनी चाहिए, अग्निशामकों को अनुमति देनी चाहिए, एक सुरक्षा क्षेत्र स्थापित करना चाहिए!' वहीं, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का कहना है कि यूक्रेन में रूसी सेना के हमले का शिकार हुए परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विकिरण के स्तर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.
बता दें कि, रूस ने यूक्रेन के एनरहोदर शहर पर हमला किया है. यूक्रेन में Zaporizhzhia Oblast प्रांत के उत्तर-पश्चिमी भाग में एनरहोदर एक शहर और नगरपालिका है. दरअसल, जेपोरीजिया (Zaporizhzhia) से एनरहोदर कुछ ही दूरी पर स्थित है. एनरहोदर, निकोपोल और Chervonohryhorivka के सामने, Kakhovka जलाशय के पास नीपर नदी के बाएं किनारे पर स्थित है.
यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लगने पर बाइडन ने की जेलेंस्की से बातचीत
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ‘जपोरिजिया परमाणु संयंत्र’ में आग लगने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बातचीत की और रूस से प्रभावित क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने तथा आपात बचाव दल को वहां जाने की अनुमति देने की मांग की है. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी. यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के प्रवक्ता ने बातया है कि दक्षिणी यूक्रेन के एनेर्होदर शहर में रूस के ऊर्जा संयंत्र पर हमला करने के बाद प्रतिष्ठान में आग लग गयी है. व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मिलकर रूस से प्रभावित क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने तथा आपात बचाव दल को वहां जाने की अनुमति देने की मांग की है. बाइडन ने संयंत्र की स्थिति की जानकारी लेने के लिए अमेरिकी ऊर्जा विभाग के परमाणु सुरक्षा के अवर सचिव और राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन के प्रशासक से बातचीत भी की.
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Russian army is firing from all sides upon Zaporizhzhia NPP, the largest nuclear power plant in Europe. Fire has already broke out. If it blows up, it will be 10 times larger than Chornobyl! Russians must IMMEDIATELY cease the fire, allow firefighters, establish a security zone!
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— Dmytro Kuleba (@DmytroKuleba) March 4, 2022
वहीं, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का कहना है कि यूक्रेन में रूसी सेना के हमले का शिकार हुए परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विकिरण के स्तर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.
चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना क्या है ?
चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना 26 अप्रैल 1986 को युक्रेन के चेर्नोबिल में हुई थी. यह दुर्घटना अब तक की सबसे भयानक परमाणु दुर्घटना है. यह आपदा शनिवार, 26 अप्रैल 1986 को एक प्रणाली के परीक्षण के दौरान चेर्नोबिल परमाणु संयन्त्र के चौथे हिस्से से शुरु हुई. यह लागत और हताहत, दोनों के मामले में आज तक का सबसे भयानक परमाणु दुर्घटना रहा है. जानकारी के अनुसार हादसे के बाद पर्यावरण को विकिरण से मुक्त करने और हादसे को बिगड़ने से रोकने के लिए कुल 1.8 करोड़ सोवियत रूबल खर्च किये गये थे.
चेर्नोबिल घटना से क्यों कांप उठती है दुनिया !
चेर्नोबिल में चौथे रिएक्टर में विस्फोट के बाद पूरा यूरोप दहल उठा था. यूरोप में रेडियोएक्टिव रेडिएशन आग की तरह फैल गया. इसका असर इतना भीषण था कि इसकी जद में ना केवल यूरोप आया बल्कि अमेरिका पर भी असर पड़ा. रेडियोएक्टिव ने रूस, यूक्रेन और अन्य देशों को प्रभावित किया था. इस घटना के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष या परोक्षरूप से हजारों मासूम की मौत हुई थी. इस दुर्घटना से कैंसर मरीजों की संख्या में अचानक बेतहाशा वृद्धि हो गयी थी.
रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के 10 नवीनतम घटनाक्रम -
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर 'योजना है'. एक टेलीविजन संबोधन में, पुतिन ने कहा कि रूस 'नव-नाजियों' को जड़ से उखाड़ फेंक रहा है और कहा कि वह कभी भी अपने विश्वास को नहीं छोड़ेंगे कि रूसी और यूक्रेनियन एक लोग हैं.' रूस ने पिछले गुरुवार को सैन्य आक्रमण शुरू किया था जिसके बाद से दस लाख से अधिक शरणार्थी यूक्रेन से भाग गए हैं.
एक प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी सैनिकों के हमले के बाद यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लग गई है. प्रवक्ता आंद्रेई तुज़ ने एक वीडियो में कहा, 'जपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूसी सेना द्वारा की गई गोलाबारी के परिणामस्वरूप आग लग गई.' आज (शुक्रवार को) रूस में फेसबुक और कई मीडिया वेबसाइट आंशिक रूप से नहीं खुल रहे थे, क्योंकि अधिकारियों ने यूक्रेन में आलोचनात्मक आवाजों और लड़ाई के गुस्से पर नकेल कस दी. अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से आगे की सजा के तौर पर रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है.
क्वाड समूह देश - अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं ने गुरुवार को सहमति व्यक्त की कि यूक्रेन के साथ जो हो रहा है उसे हिंद-प्रशांत में नहीं होने दिया जाना चाहिए. रूसी सेना ने दक्षिणी यूक्रेन में खेरसॉन के काला सागर बंदरगाह पर कब्जा कर लिया है. मॉस्को के काफी प्रयासों के बाद यह संभव हो सका है. उन्होंने रणनीतिक बंदरगाह शहर मारियुपोल को भी घेर लिया है, जो पानी या बिजली के बिना है.
संयुक्त राष्ट्र ने कथित युद्ध अपराधों की जांच शुरू कर दी है, क्योंकि रूसी सेना ने यूक्रेन के शहरों पर गोले और मिसाइलों से बमबारी की जिससे नागरिकों को बेसमेंट में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. तेल की कीमतें फिर से बढ़ गईं क्योंकि यूक्रेन युद्ध के कारण यहां 'स्टैगफ्लैशन' (stagflation) की स्थिति है. शेयर मार्केट भी गिरा हुआ है क्योंकि अनिश्चितता का दौड़ है. ब्रिटेन ने यूक्रेन पर मास्को के हमला करने पर दंडात्मक उपायों के तहत अरबपति व्यवसायी अलीशर उस्मानोव और पूर्व उप प्रधान मंत्री इगोर शुवालोव पर प्रतिबंध लगाए हैं.