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चीन और रूस की नौसेना ने युद्धाभ्यास शुरू किया

चीन और रूस की नौसेना ने रूस के सुदुर पूर्व में गुरुवार को संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू किया जो दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनीतिक और सैन्य सहयोग का संकेत है.

चीन और रूस
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Published : Oct 14, 2021, 10:46 PM IST

बीजिंग : चीन और रूस की नौसेना ने रूस के सुदुर पूर्व में गुरुवार को संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू किया जो दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनीतिक और सैन्य सहयोग का संकेत है.

'संयुक्त समुद्र -2021' नाम से यह युद्धाभ्यास बृहस्पतिवार को रूस के सुदुर पूर्व में पीटर महान की खाड़ी में शुरू हुआ और यह रविवार तक चलेगा.

चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि युद्धाभ्यास के दौरान संचार, बारूदी सुरंग रोधी, हवाई खतरों और पनडुब्बी रोधी कार्रवाई का अभ्यास किया जाएगा और इस दौरान समुद्री लक्ष्यों को संयुक्त रूप से निशाना बनाया जाएगा.

यह भी पढ़ें- भारत ने श्रीलंका को उपहार में दिए सिमुलेटर, सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने किया उद्घाटन

खबरों में बताया गया कि पहले भी इस तरह के युद्धाभ्यास होते रहे हैं लेकिन पहली बार चीन ने अपने पनडुब्बी रोधी विमान और 10 हजार टन से अधिक जल विस्थापन क्षमता वाले विध्वंसकों को विदेश युद्धाभ्यास के लिए भेजा है.

गौरतलब है कि अमेरिका के वैश्विक स्तर पर प्रभाव का मुकाबला करने के लिए चीन और रूस एकजुट हैं और दोनों ने अफगानिस्तान और अन्य मुद्दों पर अमेरिकी विदेशी नीति की आलोचना की है.

(पीटीआई भाषा)

बीजिंग : चीन और रूस की नौसेना ने रूस के सुदुर पूर्व में गुरुवार को संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू किया जो दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनीतिक और सैन्य सहयोग का संकेत है.

'संयुक्त समुद्र -2021' नाम से यह युद्धाभ्यास बृहस्पतिवार को रूस के सुदुर पूर्व में पीटर महान की खाड़ी में शुरू हुआ और यह रविवार तक चलेगा.

चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि युद्धाभ्यास के दौरान संचार, बारूदी सुरंग रोधी, हवाई खतरों और पनडुब्बी रोधी कार्रवाई का अभ्यास किया जाएगा और इस दौरान समुद्री लक्ष्यों को संयुक्त रूप से निशाना बनाया जाएगा.

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खबरों में बताया गया कि पहले भी इस तरह के युद्धाभ्यास होते रहे हैं लेकिन पहली बार चीन ने अपने पनडुब्बी रोधी विमान और 10 हजार टन से अधिक जल विस्थापन क्षमता वाले विध्वंसकों को विदेश युद्धाभ्यास के लिए भेजा है.

गौरतलब है कि अमेरिका के वैश्विक स्तर पर प्रभाव का मुकाबला करने के लिए चीन और रूस एकजुट हैं और दोनों ने अफगानिस्तान और अन्य मुद्दों पर अमेरिकी विदेशी नीति की आलोचना की है.

(पीटीआई भाषा)

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