पटना: कोरोना के कारण 31 जुलाई तक सभी स्कूल बंद हैं. मार्च-अप्रैल में सरकार ने मिड डे मील के लिए राशि सभी नामांकित छात्रों या उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी से भेजी थी. अब राज्य सरकार प्राथमिक और मध्य विद्यालय के बच्चों को मई, जून और जुलाई में मिड डे मील के अंतर्गत पहली से पांचवीं तक के हर छात्र को 8 किलोग्राम खाद्यान्न और 358 रुपये देगी. जबकि वर्ग छह से आठ तक के हर विद्यार्थी को 12 किलोग्राम खाद्यान्न और 536 रुपये तत्काल उपलब्ध कराएगी.
मिड डे मील योजना के तहत अनाज देगी सरकार
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सभी डीएम, डीईओ और डीपीओ, एमडीएम को निर्देश दिया है कि खाद्यान्न सरकारी स्कूलों में छात्रों के अभिभावकों को दिया जाएगा. जबकि राशि विद्यालय शिक्षा समिति की ओर से बच्चों या उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी. निर्देश में यह स्पष्ट है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोई भी छात्र स्कूल नहीं आएंगे, बल्कि उनके अभिभावक मास्क पहनकर खाद्यान्न लेने आएंगे. स्कूलों में कक्षा वार तिथि का निर्धारण कर अनाज का वितरण किया जाएगा, जिस दिन बच्चों को अनाज मिलेगा राशि उसी दिन उनके खातों में चली जाएगी.
प्राथमिक और मध्य विद्यालय के विद्यार्थियों को सरकार ने भेजी राशि
बता दें कि बिहार में कोरोना संकट की वजह से 14 मार्च 2020 से ही सभी स्कूल बंद हैं. लेकिन सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्राथमिक और मध्य विद्यालय के विद्यार्थियों को खाद्यान्न मद के बराबर राशि विद्यार्थियों के या उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी से भेजी थी. मध्यान भोजन योजना निदेशक के मुताबिक 14 मार्च 2020 से 3 मई 2020 तक कुल 3 अरब 78 करोड़ 70 लाख 20 हजार 392 रुपये बिहार के सभी सरकारी और सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के सभी नामांकित विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी से भेजी जा चुकी है.
इसके अलावा मुजफ्फरपुर जिले की आईएस प्रभावित पांच प्रखंडों सरैया को बोचहां, मुसहरी, कांटी और मीनापुर के विद्यालयों के सभी नामांकित बच्चों को 200 ग्राम सुधा दूध का चूर्ण घर-घर जाकर वितरित किया गया.