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शर्मनाक: पंचायत ने लगा डाली पति को छोड़ने की बोली, पत्नी से कहा- 50 हजार लो और मामले को रफा-दफा करो - मुजफ्फरपुर में पंचों का शर्मनाक फैसला

मुजफ्फरपुर में पंचों का शर्मनाक फैसला सामने आया है. पंचों ने पंचायत में लड़की की अस्मत की कीमत रुपये में लगायी है. वहीं मामले के बारे में इलाके के सरपंच, थानाध्यक्ष सहित अन्य लोगों ने अनभिज्ञता जाहिर की है. पढ़ें पूरी खबर..

शर्मनाक:
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Published : Jun 25, 2022, 8:53 PM IST

Updated : Jun 25, 2022, 11:13 PM IST

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में पंचों का शर्मनाक फैसला आया (Shameful Decision of Panchayat In Muzaffarpur) है. पंचायत ने पीड़ित नाबालिग लड़की को इंसाफ देने के बजाय, उसके अस्मत की कीमत 50 हजार रुपया तय कर दी. जिले की एक नाबालिग लड़की गांव के ही एक लड़के के साथ अंतरजातीय विवाह करने के लिए घर से चली गयी थी. पूरे गांव में यह वाक्या चर्चा का विषय बन गया था. गांव का दबंग लड़क परिवार की ओर से कई दिनों बाद लड़का-लड़की को वापस बुलाया गया. फिर गुपचुप तरीके से दोनों पक्षों के परिजनों के सामने पंचायत लगी. पंचायत में लड़की की अस्मत की कीमत लड़के वाले ने 50,000 लगा दी और कहा कि 50 हजार ले लो और मामला को खत्म कर दो. लेकिन लड़की के भाई के इसका विरोध किया और कहा कि जब इस तरह का मामला हो ही गया है तो दोनों की शादी करा दी जाए.

पढ़ें- पटना में 3 साल की बच्ची लापता, पिता का आरोप- 'बेटी को 500 में बेचा'

"आज ही मीडिया के माध्यम से पंचायत के फैसले के बारे में जानकारी मिली. इस मामले में अभी तक प्राथमिकी नहीं दर्ज करायी गई है. प्राथमिकी दर्ज होने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. दोषियों को बख्सा नहीं जायेगा."-ज्ञान प्रकाश, एसडीएम, मुजफ्फरपुर, पूर्वी

लड़का पक्ष अंतर जातीय शादी के लिए तैयार नहींः वहीं लड़का पक्ष अंतर जातीय शादी के लिए इसलिए तैयार नहीं थे और फिर इस फैसले का विरोध कर रहे लड़की के भाई को मारा-पीटा और कहा कि अगर पुलिस में जाओगे तो या बात आगे बढ़ी तो फिर ठीक नहीं होगा. इसके बाद लड़का पक्ष की ओर से लड़की के पिता को 10 हजार रुपया एडवांस दे दिया और कहा कि बाकी पैसे बाद में दे देंगे. पूरा कहानी लड़की के दादाजी ने कैमरे पर कहा है.

सरपंच ने जतायी अनभिज्ञताः वहीं दूसरी ओर गांव के सरपंच ने इस पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई और कहा कि ऐसी कोई घटना हम लोगों के संज्ञान में नहीं आया है और ना ही पंचायत के प्रतिनिधियों का सहारा लिया गया है. लोग आपस में फैसला कर लिया होगा. लेकिन जो भी फैसला लिया गया है, वह काफी गलत फैसला है. और पूरे पंचायत के लिए यह फैसला सर नीचा करने जैसा है. ऐसा नहीं होना चाहिए.

"इस तरह का कोई भी मामला अब तक पुलिस के संज्ञान में नहीं आया है और ना ही किसी पक्ष की ओर से कोई आवेदन दिया गया है. अगर कोई आवेदन दिया जाता है तो फिर कार्रवाई होगी." -सकरा थाना अध्यक्ष

पढ़ें- इंदौर की लड़की को राजस्थान में बेचा गया, लड़की ने घर वापस जाने से किया इनकार

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में पंचों का शर्मनाक फैसला आया (Shameful Decision of Panchayat In Muzaffarpur) है. पंचायत ने पीड़ित नाबालिग लड़की को इंसाफ देने के बजाय, उसके अस्मत की कीमत 50 हजार रुपया तय कर दी. जिले की एक नाबालिग लड़की गांव के ही एक लड़के के साथ अंतरजातीय विवाह करने के लिए घर से चली गयी थी. पूरे गांव में यह वाक्या चर्चा का विषय बन गया था. गांव का दबंग लड़क परिवार की ओर से कई दिनों बाद लड़का-लड़की को वापस बुलाया गया. फिर गुपचुप तरीके से दोनों पक्षों के परिजनों के सामने पंचायत लगी. पंचायत में लड़की की अस्मत की कीमत लड़के वाले ने 50,000 लगा दी और कहा कि 50 हजार ले लो और मामला को खत्म कर दो. लेकिन लड़की के भाई के इसका विरोध किया और कहा कि जब इस तरह का मामला हो ही गया है तो दोनों की शादी करा दी जाए.

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"आज ही मीडिया के माध्यम से पंचायत के फैसले के बारे में जानकारी मिली. इस मामले में अभी तक प्राथमिकी नहीं दर्ज करायी गई है. प्राथमिकी दर्ज होने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. दोषियों को बख्सा नहीं जायेगा."-ज्ञान प्रकाश, एसडीएम, मुजफ्फरपुर, पूर्वी

लड़का पक्ष अंतर जातीय शादी के लिए तैयार नहींः वहीं लड़का पक्ष अंतर जातीय शादी के लिए इसलिए तैयार नहीं थे और फिर इस फैसले का विरोध कर रहे लड़की के भाई को मारा-पीटा और कहा कि अगर पुलिस में जाओगे तो या बात आगे बढ़ी तो फिर ठीक नहीं होगा. इसके बाद लड़का पक्ष की ओर से लड़की के पिता को 10 हजार रुपया एडवांस दे दिया और कहा कि बाकी पैसे बाद में दे देंगे. पूरा कहानी लड़की के दादाजी ने कैमरे पर कहा है.

सरपंच ने जतायी अनभिज्ञताः वहीं दूसरी ओर गांव के सरपंच ने इस पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई और कहा कि ऐसी कोई घटना हम लोगों के संज्ञान में नहीं आया है और ना ही पंचायत के प्रतिनिधियों का सहारा लिया गया है. लोग आपस में फैसला कर लिया होगा. लेकिन जो भी फैसला लिया गया है, वह काफी गलत फैसला है. और पूरे पंचायत के लिए यह फैसला सर नीचा करने जैसा है. ऐसा नहीं होना चाहिए.

"इस तरह का कोई भी मामला अब तक पुलिस के संज्ञान में नहीं आया है और ना ही किसी पक्ष की ओर से कोई आवेदन दिया गया है. अगर कोई आवेदन दिया जाता है तो फिर कार्रवाई होगी." -सकरा थाना अध्यक्ष

पढ़ें- इंदौर की लड़की को राजस्थान में बेचा गया, लड़की ने घर वापस जाने से किया इनकार

Last Updated : Jun 25, 2022, 11:13 PM IST
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