पटना: योगी आदित्यनाथ दूसरी बार उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत से चुनाव जीते हैं. उनकी जीत के बाद योगी मॉडल की चर्चा सुर्खियों में है. बिहार में भी योगी मॉडल (Yogi model in Bihar) को लाने की मांग उठने लगी है. दूसरी ओर योगी मॉडल पर जदयू नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. भाजपा नेता योगी मॉडल के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं. देश में सफल मुख्यमंत्रियों के मॉडल को लेकर चर्चा हो रही है. खास तौर पर जनता जब किसी मुख्यमंत्री को दूसरी या तीसरी बार बड़े मतों के अंतर से जीता देती है तो वैसी स्थिति में उस मुख्यमंत्री के मॉडल की चर्चा होने लगती है.
बिहार में योगी मॉडल: योगी आदित्यनाथ के शपथ के बाद से बिहार में योगी मॉडल की चर्चा होने लगी है. भाजपा नेता योगी मॉडल को बिहार में भी लागू करने की मांग लगातार कर रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता डॉ. राम सागर सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में भी योगी मॉडल का स्वरूप देखने को मिला था. 2005 से 2010 के शासनकाल में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने योगी मॉडल के तर्ज पर काम किया था.
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भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त की गई थी. उसमें स्कूल खोले गए थे. भाजपा नेता ने कहा कि उसी मॉडल को उत्तर प्रदेश में सख्ती से लागू किया गया है. जरूरत इस बात की है कि वर्तमान में भी अपराधियों और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ उसी तेवर के साथ बिहार सरकार काम करें जो 2005 से 2010 के बीच लागू किया गया था.
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