पटना: पिछले साल के चुनावी हैंगओवर से बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के नेता तभी उभरे जब लंबे इंतजार के बाद लालू यादव की रिहाई हुई. लालू की रिहाई (Release of Lalu Yadav) के बाद तेज प्रताप यादव की नाराजगी पूरे साल चर्चा में रही. इसके अलावा कांग्रेस और आरजेडी के बीच उपचुनाव की 2 सीटों को लेकर जमकर खटपट हुई और भकचोन्हर विवाद (Bhakchonhar Controversy in Bihar) ने तो खासी सुर्खियां बटोरी. लेकिन, तेजस्वी यादव की शादी (Tejashwi Yadav marriage) की अच्छी खबर के साथ आरजेडी के लिए साल 2021 का समापन हुआ.
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लालू प्रसाद यादव की रिहाई
साल 2021 के शुरुआत में आरजेडी नेता पिछले विधानसभा चुनाव के हैंगओवर में डूबे हुए दिखे. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनकी सरकार अब भी बन सकती है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद राष्ट्रीय जनता दल सरकार नहीं बना सकी था. साल के शुरुआत से ही पार्टी को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष की रिहाई का इंतजार था. लालू यादव चारा घोटाला के अलग-अलग मामलों में जेल में सजा काट रहे थे.
करीब 3.5 साल से ज्यादा सजा पूरी होने के बाद आखिरकार अप्रैल महीने में लालू यादव को नियमित जमानत मिली. राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया. हालांकि, लालू यादव की तबीयत पूरे साल चर्चा में रही. उनका इलाज दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की देखरेख में चल रहा है. लालू यादव के किडनी ट्रांसप्लांट की चर्चा भी हो रही है और इसके लिए सिंगापुर के एक मशहूर डॉक्टर से लालू परिवार ने संपर्क किया है.
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तेजप्रताप-जगदानंद के बीच तनातनी
लालू यादव की रिहाई के बाद पार्टी में सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन अचानक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के बीच का विवाद सामने आया. विभिन्न कारणों से शुरू हुआ यह विवाद तब चरम पर पहुंच गया, जब जगदानंद सिंह ने छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष से आकाश यादव को हटा दिया और उनकी जगह नए प्रदेश अध्यक्ष गगन यादव की नियुक्ति कर दी.
इसके बाद तो तेज प्रताप यादव आग बबूला हो गए और प्रेस कांफ्रेंस करके जगदानंद सिंह को आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने की मांग कर दी. यह भी कह दिया कि जब तक जगदानंद सिंह अध्यक्ष रहेंगे, मैं प्रदेश कार्यालय नहीं जाऊंगा. इस बीच तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच भी दूरियां साफ नजर आईं. तेज प्रताप यादव के बयानों से नाराज पार्टी ने उन्हें उपचुनाव में स्टार प्रचारकों में भी जगह नहीं दी. नाराज तेज प्रताप ने छात्र आरजेडी से रिश्ता तोड़ लिया और छात्र जनशक्ति परिषद नाम से एक नए संगठन की शुरुआत की.
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कांग्रेस-आरजेडी विवाद में 'भकचोन्हर' की एंट्री
महागठबंधन के दो प्रमुख सहयोगी आपस में ही उलझ गए. कांग्रेस और आरजेडी (Congress RJD controversy) के बीच की दोस्ती में उस समय दरार पड़ गई, जब विधानसभा की 2 सीटों के लिए उप चुनाव की घोषणा हुई. आरजेडी ने कांग्रेस की दावेदारी वाली कुशेश्वरस्थान सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया. इसके बाद तो कांग्रेस और आरजेडी के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई.
विवाद ने नया रूप तब ले लिया, जब लालू यादव ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरणदास को भकचोन्हर कह दिया. कांग्रेस ने आरजेडी पर जमकर पलटवार किया. हालांकि, बाद में लालू यादव ने सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत का दावा करके मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश की. साल का अंत होते-होते कांग्रेस और आरजेडी में बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान सुलह भी हो गई.
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लंबे अरसे के बाद चुनाव मंच पर दिखे लालू
उपचुनाव में प्रचार के लिए तबीयत खराब होने के बावजूद लालू यादव का चुनाव प्रचार करना भी खासा चर्चा में रहा. उन्हें सुनने के लिए तारापुर और कुशेश्वरस्थान दोनों विधानसभा क्षेत्रों में खूब भीड़ भी जुटी. हालांकि, उपचुनाव की दोनों सीटों पर आरजेडी जीत हासिल नहीं कर सका. इसके बाद तबीयत बिगड़ने के कारण लालू यादव को आनन-फानन में फिर दिल्ली ले जाना पड़ा.
बिहार में जातीय जनगणना पर अड़ी RJD
जब केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने से इंकार कर दिया, तो तेजस्वी यादव ने पहल की और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जाकर मिले. तेजस्वी की पहल पर कांग्रेस आरजेडी, वाम दल, जेडीयू और बीजेपी समेत बिहार के तमाम दलों के नेता बाद में प्रधानमंत्री से मिले और जातीय जनगणना कराने की मांग की. हालांकि, केंद्र सरकार ने उनकी मांग अनसुनी कर दिया. अब तेजस्वी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर राज्य स्तर पर जातीय जनगणना कराने की मांग की है.
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11 फीट ऊंची लालटेन का उद्घाटन
आरजेडी के लिए एक बड़ा महत्वपूर्ण दिन 24 नवंबर को आया, जब पार्टी के प्रदेश कार्यालय में लालू यादव ने 11 फीट ऊंची लालटेन का उद्घाटन किया. 6 टन वजनी लालटेन का निर्माण संगमरमर से कराया गया है. लालटेन के अनावरण के मौके पर पार्टी के सभी बड़े नेता और भारी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे. लालटेन का निर्माण पार्टी कार्यालय में उसी स्थान पर कराया गया है, जहां सालों से झंडोत्तोलन होते आया है.
बचपन की दोस्त के हुए तेजस्वी
राष्ट्रीय जनता दल के लिए यह साल जाते-जाते यादगार पल दे गया, जब अचानक तेजस्वी यादव की शादी की खबर आई. तेजस्वी ने अपनी बचपन की दोस्त से दिल्ली में 9 दिसंबर को शादी की. परिवार के सिर्फ गिने-चुने लोग ही इस शादी समारोह में शामिल हुए. पार्टी के किसी भी नेता को शादी की कानों कान भनक तक नहीं लगी. जब तेजस्वी अपनी पत्नी के साथ पटना लौटे, तो पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. अब नए साल में तेजस्वी यादव की शादी का रिसेप्शन होगा, जिसमें देश के तमाम बड़े नेता भी शामिल होंगे.
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