पटना: राजधानी पटना के कोतवाली थाना (Kotwali Police Station) में सोमवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब थाना परिसर में सैकड़ों किन्नरों (Third Gender) ने हंगामा शुरू कर दिया. हालात ऐसे हो गए थे कि इन किन्नरों को शांत कराने और इन्हें वापस भेजने के लिए कोतवाली थाना प्रभारी को इनके सामने हाथ तक जोड़ने पड़ा था. जिस मामले को लेकर यह किन्नर समूह कोतवाली थाना पहुंचा था, उस मामले पर थाना प्रभारी सहित किसी पुलिस अधिकारी ने ध्यान ही नहीं दिया है.
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दरअसल सोमवार को पटना के कोतवाली थाने पहुंचे सैकड़ों किन्नरों ने कुछ बांग्लादेशी किन्नर समूह (Third Gender of Bangladesh) पर आरोप लगाते हुए पटना के कोतवाली थाने में यह मामला दर्ज करवाया कि बांग्लादेश का एक किन्नर समूह का ग्रुप बिहार पहुंचा हुआ है. बांग्लादेश से पहुंचा किन्नरों का यह समूह बिहारी किन्नर समूह के साथ मारपीट और लूटपाट जैसी घटना को अंजाम देता है.
किन्नरों के आरोपों के बाद यह सबसे बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हो रहा है कि आखिरकार बांग्लादेश से चलकर यह किन्नर का समूह बिहार तक कैसे पहुंचा. आखिरकार इन बांग्लादेशी किन्नर समूह को लेकर पटना पुलिस को किसी प्रकार की कोई जानकारी क्यों नहीं है.
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घटना के दूसरे दिन यानी कि मंगलवार को जब ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले की गहनता से छानबीन शुरू की तो मनेर शरीफ की कुछ किन्नरों ने यह जानकारी दी कि बांग्लादेश से चलकर कुछ किन्नर समूह राजधानी पटना पहुंचा हुआ है. वह समूह बिहारी किन्नर समूहों के साथ मारपीट और लूटपाट जैसी घटना को अंजाम दे रहा है. पुलिस इन बांग्लादेशी किन्नरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
ईटीवी भारत ने जब पुलिस के वरीय अधिकारियों से इन बांग्लादेशी किन्नरों के घुसपैठ के बाबत जानकारी लेने का प्रयास किया तो पटना पुलिस के वरीय अधिकारियों से लेकर कोतवाली थाना प्रभारी तक ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ना ही बेहतर समझा. दरअसल पटना पुलिस के अधिकारियों के पास इन सवालों के जवाब नहीं हैं कि आखिरकार बांग्लादेश से चलकर बांग्लादेश का कोई किन्नर समूह बिहार और राजधानी पटना तक कैसे पहुंच गया है.