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'बिना दूल्हे की बाराती' बनी RJD! उठ रहे सवाल, कौन चला रहा है पार्टी? - irctc

आरजेडी के लिए बिहार से बड़ी चुनौती झारखंड में है. यहां इसी साल नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं. इसे लेकर झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष भी लगातार बिहार की दौड़ लगा रहे हैं. हालांकि आरजेडी के लिए सबसे बड़ा सवाल इस वक्त यह है कि उनका नेतृत्व कौन करेगा?

आरजेडी ऑफिस
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Published : Jul 31, 2019, 11:02 AM IST

Updated : Jul 31, 2019, 12:04 PM IST

पटना: बिहार में विपक्ष के नाम पर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में मौजूद राष्ट्रीय जनता दल बिना किसी नेतृत्व के ही चल रहा है. लालू यादव जेल में हैं, तो तेजस्वी लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार बिहार की सियासत की मुख्यधारा से लापता हैं. यानी सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी फिलहाल बिना किसी नेता के ही चल रही है.

बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. इस चुनाव को लेकर बिहार के सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है. बीजेपी और जेडीयू में सदस्यता अभियान जोरों पर है, तो वहीं आरजेडी 9 अगस्त से सदस्यता अभियान की शुरूआत कर रहा है.

'पार्टी का नेतृत्व किसके हाथ'
आरजेडी के लिए बिहार से बड़ी चुनौती झारखंड में भी है. यहां इसी साल नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं. इसे लेकर झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष भी लगातार बिहार की दौड़ लगा रहे हैं. हालांकि आरजेडी के लिए सबसे बड़ा सवाल इस वक्त यह है कि उनका नेतृत्व कौन करेगा. एक ओर चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव लंबी सजा काट रहे हैं, तो वहीं लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति से दूर चल रहे हैं.

नेताओं के बयान

लालू के निर्देशों से चल रही पार्टी
खबरें यह भी हैं कि लालू और तेजस्वी यादव के बीच तेज प्रताप को लेकर जबरदस्त तनातनी चल रही है. आईआरसीटीसी होटल मामले में भी तेजस्वी लगातार अदालत के चक्कर लगा रहे हैं. जाहिर है आरजेडी बिना नेतृत्व के ही चल रहा है. उनके लिए एकमात्र सहारा फिलहाल लालू यादव हैं, जिनसे मिल रहे दिशा-निर्देशों के मुताबिक पार्टी चल रही है.

जनता ने RJD को नकारा
बीजेपी नेता मानते हैं कि अब आरजेडी का कोई नाम लेने वाला भी नहीं बचा है. लोकसभा चुनाव में लोगों ने इस पार्टी को पूरी तरह नकार दिया है. हालांकि आरजेडी के नेता ऐसे किसी आशंका को सिरे से नकारते हैं.

'BJP को RJD की चिंता क्यों'
आरजेडी नेता आलोक मेहता ने कहा है कि बीजेपी को आरजेडी की चिंता क्यों सता रही है. पार्टी का नेतृत्व लालू यादव और तेजस्वी यादव के हाथ में है. फिलहाल दोनों मुसीबत में हैं, लेकिन आने वाला समय हमारा होगा.

पटना: बिहार में विपक्ष के नाम पर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में मौजूद राष्ट्रीय जनता दल बिना किसी नेतृत्व के ही चल रहा है. लालू यादव जेल में हैं, तो तेजस्वी लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार बिहार की सियासत की मुख्यधारा से लापता हैं. यानी सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी फिलहाल बिना किसी नेता के ही चल रही है.

बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. इस चुनाव को लेकर बिहार के सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है. बीजेपी और जेडीयू में सदस्यता अभियान जोरों पर है, तो वहीं आरजेडी 9 अगस्त से सदस्यता अभियान की शुरूआत कर रहा है.

'पार्टी का नेतृत्व किसके हाथ'
आरजेडी के लिए बिहार से बड़ी चुनौती झारखंड में भी है. यहां इसी साल नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं. इसे लेकर झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष भी लगातार बिहार की दौड़ लगा रहे हैं. हालांकि आरजेडी के लिए सबसे बड़ा सवाल इस वक्त यह है कि उनका नेतृत्व कौन करेगा. एक ओर चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव लंबी सजा काट रहे हैं, तो वहीं लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति से दूर चल रहे हैं.

नेताओं के बयान

लालू के निर्देशों से चल रही पार्टी
खबरें यह भी हैं कि लालू और तेजस्वी यादव के बीच तेज प्रताप को लेकर जबरदस्त तनातनी चल रही है. आईआरसीटीसी होटल मामले में भी तेजस्वी लगातार अदालत के चक्कर लगा रहे हैं. जाहिर है आरजेडी बिना नेतृत्व के ही चल रहा है. उनके लिए एकमात्र सहारा फिलहाल लालू यादव हैं, जिनसे मिल रहे दिशा-निर्देशों के मुताबिक पार्टी चल रही है.

जनता ने RJD को नकारा
बीजेपी नेता मानते हैं कि अब आरजेडी का कोई नाम लेने वाला भी नहीं बचा है. लोकसभा चुनाव में लोगों ने इस पार्टी को पूरी तरह नकार दिया है. हालांकि आरजेडी के नेता ऐसे किसी आशंका को सिरे से नकारते हैं.

'BJP को RJD की चिंता क्यों'
आरजेडी नेता आलोक मेहता ने कहा है कि बीजेपी को आरजेडी की चिंता क्यों सता रही है. पार्टी का नेतृत्व लालू यादव और तेजस्वी यादव के हाथ में है. फिलहाल दोनों मुसीबत में हैं, लेकिन आने वाला समय हमारा होगा.

Intro:बिहार में विपक्ष के नाम पर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में मौजूद राष्ट्रीय जनता दल बिना किसी नेतृत्व के ही चल रहा है। लालू यादव जेल में हैं तो तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार बिहार की सियासत की मुख्यधारा से लापता हैं। यानी बिना किसी नेता के ही चल रही है बिहार के सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी राजद। पटना से एक खास रिपोर्ट


Body:बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार के सभी दल तैयारियों में जोर शोर से लग गए हैं। बीजेपी और जदयू में सदस्यता अभियान जोरों पर है तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल 9 अगस्त से सदस्यता अभियान की शुरुआत कर रहा है। राजद के लिए बिहार से बड़ी चुनौती झारखंड में भी है जहां इसी साल नवंबर दिसंबर में चुनाव होने हैं इसे लेकर झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष भी लगातार बिहार की दौड़ लगा रहे हैं हालांकि राजद के लिए सबसे बड़ा सवाल इस वक्त यह है कि उनका नेतृत्व कौन करेगा एक और चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव लंबी सजा काट रहे हैं तो वहीं लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार तेजस्वी यादव बिहार की सियासत से दूर चल रहे हैं खबरें यह भी हैं कि लालू और तेजस्वी यादव के बीच तेज प्रताप को लेकर जबरदस्त तनातनी चल रही है आईआरसीटीसी होटल मामले में भी तेजस्वी लगातार अदालत के चक्कर लगा रहे हैं जाहिर है राष्ट्रीय जनता दल बिना नेतृत्व के ही चल रहा है उनके लिए एकमात्र सहारा फिलहाल लालू यादव है जिनसे मिल रहे दिशानिर्देशों के मुताबिक पार्टी चल रही है बीजेपी नेता मानते हैं कि अब राजद का कोई नाम लेने वाला भी नहीं बचा है लोकसभा चुनाव में लोगों ने राजेश को पूरी तरह नकार दिया ऐसे में इस पार्टी का खात्मा ता है हालांकि राजद के नेता ऐसे किसी आशंका को सिरे से नकारते हैं राजद नेता लोग मेहता कहते हैं कि आखिर बीजेपी को हमारी चिंता क्यों सता रही है हमारे पास लालू यादव और तेजस्वी यादव का नेतृत्व है फिलहाल भले ही दोनों मुसीबत में है लेकिन आने वाला समय हमारा है।


Conclusion:निखिल आनंद बीजेपी नेता
आलोक कुमार मेहता प्रधान महासचिव, राजद

Last Updated : Jul 31, 2019, 12:04 PM IST
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