पटना : बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल चुनाव के समय हमेशा सुर्खियों में रहता है. इस बार भी महागठबंधन के कई दिग्गजों को टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने से चर्चा में है.
एमवाई समीकरण का जादू
सीमांचल और मिथिलांचल की एक दर्जन सीटों पर लंबे समय से एमवाई समीकरण का जादू चलता रहा है, लेकिन नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद से लालू प्रसाद के एमवाई समीकरण को जरूर झटका लगा है.
लंबे समय तक कांग्रेस का राज
मिथिलांचल की आधा दर्जन सीटों पर एमवाई समीकरण बड़ी भूमिका निभाता रहा है. इनमें दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, सहरसा प्रमुख है. मिथिलांचल में ब्राह्मणों की आबादी भी अच्छी खासी है, और इसलिए लंबे समय तक कांग्रेस ने यहां राज किया है. इस बार कांग्रेस को मिथिलांचल में सुपौल और समस्तीपुर मिली है.
नाराज हैं कई बड़े नेता
महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मिथिलांचल में खासी नाराजगी है. आरजेडी और कांग्रेस के बागी नेता महागठबंधन की परेशानी बने हुए हैं. एक समय बिहार की राजनीति मिथिलांचल से ही तय होती थी. दरभंगा सीट से आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्धकी चुनाव लड़ रहे हैं, फातमी टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं.
दरभंगा में चलेगा एमवाई समीकरण ?
वहीं कांग्रेस में हाल ही में शामिल हुए कीर्ति आजाद को भी बड़ी उम्मीद थी कि उन्हें टिकट मिलेगा, लेकिन उन्हें धनबाद जाना पड़ा. दरभंगा में यादव समुदाय के बाद ब्राह्मणों की संख्या सबसे ज्यादा है और फिर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या आती है. यहां भी आरजेडी को एमवाई समीकरण के जादू चलने की उम्मीद है.
मधुबनी लोकसभा सीट पर सबकी नजर
मधुबनी लोकसभा सीट पर ही सबकी नजर है. यह सीट मुकेश सहनी की पार्टी को मिली है, और इसलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा देकर इंडिपेंडेंट चुनाव में नॉमिनेशन कर दिया है. यहां भी एमवाई समीकरण अहम भूमिका निभा सकता है. यहां ब्राह्मण मतों की संख्या भी अच्छी खासी है.
मिथिलांचल में एनडीए के पक्ष में हवा-संजय झा
झंझारपुर, सहरसा, सुपौल, सीतामढ़ी, शिवहर जैसे सीटों पर भी लड़ाई महत्वपूर्ण है. हाल में मिथिलांचल के कई लोकसभा क्षेत्र से कई बड़े नेता जदयू में शामिल हुए हैं. संजय झा को जदयू दरभंगा से चुनाव लड़ाना चाहती थी लेकिन दरभंगा सीट बीजेपी खाते में चली गयी और वे इस बार चुनाव नहीं लड़ सके. वे पिछले लंबे समय से तैयारी कर रहे थे. संजय झा के अनुसार मिथिलांचल में एनडीए के पक्ष में हवा चल रही है.
कोई एमवाई समीकरण नहीं करेगा काम-राजीव रंजन
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए विकास के कई काम किए हैं. लेकिन, लालू प्रसाद ने भागलपुर दंगा में शामिल लोगों को सम्मानित करने का काम किया. इसलिए कोई एमवाई समीकरण काम नहीं करेगा. लोग नीतीश के नाम पर ही वोट करेंगे.
जनता फैसला नहीं बदलने वाली- वृषण पटेल
हालांकि महागठबंधन के नेताओं का अपना दावा है वृषण पटेल का कहना है जनता ने एक बार फैसला कर लिया है नेता भले चले जाएं लेकिन जनता अब अपने फैसला बदलने वाली नहीं है. हालांकि इस बार 14 प्रत्याशी मैदान में है 16 लाख से अधिक मतदाता इनके भाग्य का फैसला करेंगे.