पटना: उत्तर भारत के 70 फीसदी से ज्यादा लोग विटामिन बी12 की कमी से पीड़ित हैं. हाल ही में इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक स्टडी में यह दावा किया गया है. डॉक्टरों का मानना है कि खानपान की आदतों के कारण बी12 की कमी होती है और मामूली सुधार से इस कमी को दूर किया जा सकता है.
बी12 मांस और अंडों में ज्यादा मात्रा में पाया जाता है
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर भारत में 47% आबादी में विटामिन बी12 काफी कम स्तर पर पाया गया है. विटामिन बी12 की कमी के पीछे बड़ी वजह उत्तर भारत में शाकाहारी लोगों की बढ़ती संख्या है. विटामिन बी12 सबसे ज्यादा दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलता है. इसके अलावा मांस और अंडों में भी विटामिन बी12 डबल पाया जाता है. विटामिन बी12 शरीर की कोशिकाओं को काम करने में मदद करता है.
कमी होने पर होती हैं ये परेशानियां
अगर विटामिन बी12 की कमी हो जाए तो कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं. यानी कुल मिलाकर देखा जाए तो बी12 सिस्टम को और इसकी कार्यप्रणाली को दुरुस्त रखने में मदद करता है. विटामिन बी12 की कमी से कमजोर याददाश्त, बाल गिरना और थकान जैसी परेशानियां हो सकती हैं. अगर बहुत ज्यादा कमी है तो हाथों में जलन होने लगती है. सामान्य रक्त जांच से विटामिन बी12 के लेवल का पता लगाया जा सकता है.
कैप्सूल खाने की सलाह देते हैं डॉक्टर
डॉक्टर इसकी कमी होने पर विटामिन बी12 कैप्सूल खाने की सलाह देते हैं. इस बारे में पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मशहूर चिकित्सक डॉक्टर सीपी ठाकुर ने कहा कि मामूली खानपान में बदलाव से विटामिन बी12 की कमी को पूरा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से गरीबी इसके पीछे बड़ी वजह है. गरीबों को पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं मिलता है. ऐसे में उन्हें पौष्टिक भोजन मिले, यह भी संभव नहीं. यही वजह है कि उत्तर भारत में विटामिन बी12 की कमी ज्यादा पाई गई है. उन्होंने कहा कि अगर खानपान में थोड़ा सा बदलाव किया जाए और भोजन में फल और हरी सब्जियों का सेवन बढ़ाया जाए. तो विटामिन बी12 की कमी पूरी की जा सकती है.