पटनाः "कोसी मेची प्रोजेक्ट बिहार की पहली इंटरलिंकिंग परियोजना है, जिसे केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय परियोजना में शामिल किया है. परियोजना कैबिनेट से पास हो चुका है. इसके डीपीआर बनाने की प्रक्रिया अब शुरू होगी. डीपीआर इस साल के अंत तक पूरा हो जायेगा. परियोजना पर काम आगे शुरू किया जाएगा."- ये बातें जल संसाधन मंत्री संजय झा (Water Resources Minister Sanjay Jha Statement On Kosi Mechi Project) ने जदयू कार्यालय में जदयू की जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान कही.
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2 लाख हेक्टेयर में मिलेगी सिंचाई की सुविधाः संजय झा ने कहा कि यह बहुत बड़ा काम है. पूरे सीमांचल में 215000 हेक्टेयर में कोसी मेची परियोजना से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके साथ ही सीमांचल में बाढ़ से भी राहत मिलेगी. मंत्री ने कहा कोसी मेची प्रोजेक्ट, बिहार की पहली इंटरलिंकिंग परियोजना है जिसमें इतने बड़े स्तर पर काम होगा. इस नेशनल प्रोजेक्ट में पर्यावरण सहित सभी तरह का क्लीयरेंस भारत सरकार और बिहार सरकार से ले लिया गया है. परियोजना से सीमांचल के चार जिले कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज में बाढ़ का प्रभाव कम होगा और सिंचाई की सुविधा सुलभ हो पायेगा.
"राष्ट्रीय परियोजना में शामिल कर लिया गया है और 60 और 40 के रेशियों में केंद्र और राज्य सरकार राशि देगी. ऐसे हम लोगों की मांग मध्यप्रदेश के केन बेतवा प्रोजेक्ट की तरह 90 और 10 की तरह इस परियोजना को भी लेने की है और वह मांग आगे भी रहेगी. 4 साल पहले जब इस परियोजना की लागत का अनुमान लगाया गया था तो उसमें 5000 करोड़ की राशि खर्च होने की बात कही गई थी. अब इसकी लागत कई गुना बढ़ने का अनुमान है."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री
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