पटना : बोचहां विधानसभा उपचुनाव को लेकर किस तरह से घमासान मचा है यह किसी से नहीं छिपा है. यहां पर वीआईपी के मुसाफिर पासवान विधायक थे. निधन होने के बाद वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (vip chief mukesh sahni) को पता था कि इस सीट पर उनकी पार्टी की ही उम्मीदवारी होगी. लेकिन बीजेपी ने बेबी कुमारी को यहां से उतारकर मुकेश सहनी की मुश्किलें बढ़ा दी है.
ये भी पढ़ें - बोचहां विधानसभा उपचुनावः जदयू की सपोर्ट की आस में मुकेश सहनी.. पार्टी ने अभी तक नहीं खोले अपने पत्ते..
'एक तरह से हमें NDA से निकाल दिया गया' : मुकेश सहनी ने भी रमई राम की बेटी गीता कुमारी को बोचहां से प्रत्याशी बनाया है पर उनके मन में कसक जरूर है. तभी तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आकर उन्होंने खुद को अकेला बताया. मुकेश सहनी ने कहा कि एक तरह से हमें NDA से निकाल दिया गया. हालांकि इस दौरान उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को जरूर याद किया.
'यदि लालू प्रसाद की बात मान लेते' : सहनी ने अफसोस जताते हुए कहा कि उस दिन यदि लालू प्रसाद यादव (rjd chief lalu yadav) की बात मान लेते तो यह दिन नहीं देखना पड़ता. राजद की तरफ से चार-चार मंत्री और डिप्टी सीएम बनाने का ऑफर था, हमने उसे ठुकरा दिया. हमने राजग पर भरोसा जताया, हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा जताया, लेकिन आज क्या हो रहा है, यह सब आपके सामने है.
मुकेश सहनी का दर्द: सोशल मीडिया पर लाइव आकर उन्होंने मंगलवार को दर्द बयां करते हुए कहा कि मेरे बढ़ते कद और पार्टी के क्षेत्र विस्तार के कारण सहयोगी दल द्वारा दबाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें एक तरह से राजग से बाहर कर दिया गया है, लेकिन वे नीतीश सरकार का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि राजग में होते तो हमें हमारा हिस्सा मिलता.
इशारों ही इशारों में बीजेपी पर निशाना : मुकेश सहनी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि संकेत समझने की कोशिश कीजिए. उन्होंने कहा कि राजग में परेशान किया जा रहा है. उन्होंने इशारों ही इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोग पिछले विधानसभा चुनाव में मेरी ताकत देखकर खुद मेरे पास आए थे. डेढ़ साल पहले 11 सीट और एक एमएलसी का ऑफर देकर मुझे राजग में शामिल कराया गया था. उत्तर प्रदेश में जदयू भी चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें कुछ नहीं बोला जा रहा है, लेकिन हमलोगों को बोला जा रहा है, क्योंकि हमें कमजोर माना जा रहा है.
'हमारी ताकत बढ़ रही है' : मुकेश सहनी ने साफ कहा कि हमारी ताकत बढ़ रही है, इसलिए सहयोगी दलों को बर्दाश्त नहीं हुआ. हमारी ताकत देखते हुए सहयोगी दलों ने हमसे ही 11 सीट पर समझौता किया था. उन्हें लगा कि इसकी और ताकत बढ़ेगी तो आने वाले समय में 51 और 100 सीटों पर भी समझौता करना पड़ सकता है. ऐसे में वह हमसे लड़ाई लड़ रहे हैं.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP