पटना: बिहार में वीसी पर भ्रष्टाचार का मामला (Bihar VC Accused of corruption) तूल पकड़ता जा रहा है. इसके कारण सरकार और राजभवन के बीच विवाद (Dispute between Government and Raj Bhavan) बढ़ रहा है. दरअसल, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा था, जिसमें कई तरह के आरोप राजभवन पर लगाए थे. उस पत्र को मुख्यमंत्री ने राजभवन को भेज दिया है और जांच कराने का आग्रह किया है. इस मामले में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) ने भी प्रतिक्रिया दी है.
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बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि जब उस मामले में सब कुछ किया जा रहा है और जब आरोप है तो जांच (Fair investigation of corruption on VC) होनी ही चाहिए. इसलिए पत्र भेजा गया है. रिपोर्ट आने का इंतजार करिए. मामले में जरूर उचित कार्रवाई होगी.
"उस मामले में तो सब कुछ हो ही रहा है. उसमें जांच के लिए भेजा गया है, तो अभी जांच होने ना दीजिए"- विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार
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मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पर निगरानी के छापे के बाद से ही सरकार और राजभवन के बीच खटास बढ़ा है. वीसी पर भ्रष्टाचार के विवाद के बीच 24 नवंबर को मुख्यमंत्री राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात भी की है और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति और नालंदा खुला विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति के नाम पर सहमति भी बनी है. नियुक्ति भी हो गई है, लेकिन इसके बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ है. राज्यपाल इस बैठक के बाद दिल्ली चले गए और उनके दिल्ली जाने के बाद ही पत्र राजभवन को भेजा गया है. कुल मिलाकर बिहार में इन दिनों वीसी भ्रष्टाचार का विवाद चर्चा में है.
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