पटना: जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आज दिल्ली से पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आरसीपी सिंह मंत्री नहीं हैं, पार्टी उन्हें अब क्या जिम्मेदारी देगी तो उन्होंने कहा कि आरसीपी अभी जदयू में बने हुए (Upendra Kushwaha Says RCP Singh Still In JDU) हैं. अब पार्टी निर्णय लेगी कि वह उनसे किस तरह से काम लेगी. उन्होंने कहा कि सब कुछ पार्टी तय करती है. फिलहाल आरसीपी सिंह जदयू में हैं. उन्होंने इस्तीफा तो नहीं दिया है फिर आप कैसे कह सकते हैं कि वो जदयू से अलग हैं. जब उनसे सवाल किया गया कि उनके कार्यकर्ता इस बात को कह रहे तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात हमें मालूम नहीं है जो इस तरह की बात कर रहे हैं उसका जवाब उन्हीं से पूछिए.
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'भाजपा में शामिल होने को लेकर जो बातें सामने आई थी, वैसा कुछ नहीं है. आरसीपी सिंह अभी भी जदयू में बने हुए हैं और पार्टी में कार्यकर्ता के हैसियत से काम कर रहे हैं. अब वह समय ही बताएगा कि किस तरह की जिम्मेदारी उन्हें पार्टी देती है. क्या कुछ उनके बारे में पार्टी तय करती है.' - उपेंद्र कुशवाहा, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष
'आरसीपी सिंह अभी जदयू में बने हुए हैं' : आपको बता दें कि आरसीपी सिंह के आने से कुछ देर पहले ही उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली से पटना आए थे और उनके सामने आरसीपी सिंह के कार्यकर्ताओं ने जमकर आरसीपी सिंह जिंदाबाद के नारे भी लगाए. उसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आरसीपी सिंह अभी भी जदयू में बने हुए हैं. गौरतलब है कि आरसीपी सिंह पिछले कुछ समय से जदयू से नाराज चल रहे हैं. दरअसल, आरसीपी सिंह का राज्यसभा में बतौर सांसद कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है. बिना सांसद रहे कोई भी व्यक्ति अधिक से अधिक 6 महीने तक ही मंत्री रह सकता है. जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा सांसद नहीं बनाया और खीरू महतो को जेडीयू ने राज्यसभा पहुंचाया है. ऐसे में सिंह की नाराजगी काफी बढ़ गयी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह पार्टी में किस भूमिका में होंगे इस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं.
सीएम नीतीश करेंगे आरसीपी सिंह के भविष्य का फैसला!: आरसीपी सिंह ने 6 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है और आज बिहार लौट आए हैं. पार्टी में उनकी भूमिका क्या होगी? संगठन में किस रूप में काम करेंगे? इसको लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. इस पर फैसला सीएम नीतीश कुमार को ही लेना है लेकिन पार्टी का कोई भी मंत्री और नेता इस मामले में खुलकर बोलने से बच रहा है. कभी आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के बाद पार्टी में दो नंबर की कुर्सी के दावेदार माने जाते थे लेकिन आज पार्टी में सामान्य सदस्य के अलावा कोई हैसियत नहीं रह गई है.