पटना: शिक्षक अभ्यर्थियों को पटना के गर्दनीबाग में धरना देने की अनुमति मिल गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह और मुख्य सचिव से बात की थी. इसके बाद यह अनुमति मिली है.
राजधानी के ईको पार्क में मीटिंग कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों से मिलने तेजस्वी यादव पहुंचे थे. तेजस्वी ने इसी दौरान पहले सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार और फिर पटना के DM चंद्रशेखर सिंह से बात की. तेजस्वी ने दोनों अधिकारियों से शिक्षक अभ्यर्थियों को प्रदर्शन के लिए स्थान उपलब्ध कराने की मांग की.
'धरना देना इनका लोकतांत्रिक अधिकार है, अगर इन्हें इससे वंचित किया गया, तो मैं भी इनके साथ धरना दूंगा': तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए एक बार फिर बिहार सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि गर्दनीबाग धरना प्रदर्शन के लिए है. सरकार लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करना चाहती है. उन्होंने कहा बिहार में सरकार लायक नहीं है. बिहार बेरोजगारी का केंद्र बन चुका है. नीतीश कुमार को कुर्सी का लोभ है.
अपनी मांगों को लेकर गर्दनीबाग में दो दिनों से धरना दे रहे इन शिक्षक अभ्यर्थियों पर मंगलवार को ही पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. प्रशासन का कहना था कि इन्हें 21 जनवरी तक धरना देने की इजाजत थी. लेकिन 19 तारीख को लाठीचार्ज के बाद आगे का परमिशन रद्द कर दिया गया है.
शिक्षक नियोजन पर हाईवोल्टेज ड्रामा
शिक्षक बहाली में देरी के खिलाफ राज्य भर के अभ्यर्थी आंदोलन पर हैं. उन्होंने पटना के गर्दनीबाग में धरना देना शुरू किया था. लेकिन मंगलवार की शाम पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया. आज यानी बुधवार को अभ्यर्थी फिर से गर्दनीबाग धरनास्थल पर पहुंचे तो एक बार फिर पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया. पुलिस से बचकर भागे सैकड़ों शिक्षक अभ्यर्थी पटना के ईको पार्क पहुंच गये. इसके बाद उन्होंने अपने साथ हुए मामले की जानकारी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को दी.
94 हजार पदों पर शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया
बता दें कि बिहार में करीब 94 हजार पदों पर प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन के प्रक्रिया जुलाई 2019 में शुरू हुई थी. हालांकि इसको लेकर दिसंबर 2020 में पटना हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद सरकार को नियोजन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की बात कही गई थी लेकिन इसके बाद भी सरकार ने काउंसलिंग की तिथि अब तक जारी नहीं की है.