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Caste Census In Bihar : 'मेरी शादी हो गई.. हनीमून भी हो गया.. सर्वदलीय बैठक कब होगी नीतीश जी?'

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने जातीय जनगणना और विशेष राज्य का दर्जा समेत कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक की बात सीएम ने कही थी, उसका क्या हुआ.

Tejashwi Yadav
Tejashwi Yadav
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Published : Feb 12, 2022, 2:30 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 4:53 PM IST

पटना: जातीय जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने (Tejashwi Yadav Attacked CM Nitish Kumar) पर लिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जातीय जनगणना पर चुप क्यों हैं. उन्होंने कहा था कि अगर केंद्र सरकार नहीं कराएगी, तो बिहार सरकार अपने खर्चे पर कास्ट सेंसस करवाएगी. अब क्या हुआ, क्या यह सब ढोंग था, फिर बैठक करा लीजिए, अब कब होगी बैठक? तेजस्वी ने कहा कि जब वे कुंआरे थे तब बात चली थी कि बैठक होगी, ऑल पार्टी मीटिंग होगी. मेरी शादी हो गयी, हनीमून भी हो गया. अब तक बैठक नहीं हुई. आखिर सीएम क्यों खामोश हैं?

ये भी पढ़ें: 'समाजवादी चोला पहनकर क्या समाजवादी हो जाइएगा', जातीय जनगणना को लेकर CM नीतीश पर तेजस्वी का तंज

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (RJD National Executive Meeting) की बैठक के दौरान तेजस्वी ने कहा था, 'हम तो कहे थे कि अपने खर्च पर जातीय जनगणना करवाना चाहिए. समाजवादी चोला पहनकर समाजवादी हो जाइयेगा. आप कहते हैं कि होना चाहिए. जब दो बार बिहार विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो गया तो क्या मतलब है सर्वदलीय बैठक बुलाने की. ऑल पार्टी ने ही तो इस प्रस्ताव को पास किया था, जिसमें कि बीजेपी भी शामिल थी.'

जातीय जनगणना पर आरजेडी शुरू से ही मुखर रहा है. खुद आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव भी कई बार जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं. पिछले दिनों एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा था, 'बीजेपी की जो सरकार है वो, जातीय जनगणना कराने के पक्ष में नहीं है, लेकिन बीजेपी को जनगणना करानी ही पड़ेगी. सभी जातियों की जनसंख्या बढ़ी है. जनसंख्या के आधार पर नौकरी निश्चित है. जिनकी संख्या बढ़ी है उनकी नौकरी का कोटा बढ़ जाएगा. ओबीसी के लिए उनकी माली हालत देखकर बजट बनाना होगा. सभी पॉलिटिकल पार्टियों को, सभी संगठनों को एक मंच पर इकट्ठा होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है. हमारा इसमें पूरा सहयोग होगा.'

वहीं, विधायक तेजप्रताप यादव ने भी जातीय जनगणना कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना के खिलाफ साजिश कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पहल करते हुए बिहार में जातीय जनगणना करानी चाहिए.

ये भी पढ़ें: जातीय जनगणना पर बोले CM नीतीश - 'सबका जवाब आ गया है, BJP की सहमति का है इंतजार'

दरअसल, पिछले दिनों केंद्र के इंकार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्य सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराएगी. जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि तैयारी हो चुकी है. बिहार सरकार पारदर्शी तरीके से जनगणना कराएगी. किसी भी प्रकार की चूक नहीं की जाएगी. तमाम सियासी पार्टियों की सहमति हो गई है। हम जल्द सर्वदलीय बैठक करने जा रहे हैं. डिप्टी सीएम और अपनी पार्टी के सभी लोगों से बात कर चुके हैं. जल्द एक तारीख तय कर सर्वदलीय बैठक की जाएगी.

ये भी पढ़ें: तेजस्वी का PM और CM से सवाल: 'तय कर लें कौन वाले मोदी-नीतीश सही थे, पहले वाले या अब वाले'

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पटना: जातीय जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने (Tejashwi Yadav Attacked CM Nitish Kumar) पर लिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जातीय जनगणना पर चुप क्यों हैं. उन्होंने कहा था कि अगर केंद्र सरकार नहीं कराएगी, तो बिहार सरकार अपने खर्चे पर कास्ट सेंसस करवाएगी. अब क्या हुआ, क्या यह सब ढोंग था, फिर बैठक करा लीजिए, अब कब होगी बैठक? तेजस्वी ने कहा कि जब वे कुंआरे थे तब बात चली थी कि बैठक होगी, ऑल पार्टी मीटिंग होगी. मेरी शादी हो गयी, हनीमून भी हो गया. अब तक बैठक नहीं हुई. आखिर सीएम क्यों खामोश हैं?

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इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (RJD National Executive Meeting) की बैठक के दौरान तेजस्वी ने कहा था, 'हम तो कहे थे कि अपने खर्च पर जातीय जनगणना करवाना चाहिए. समाजवादी चोला पहनकर समाजवादी हो जाइयेगा. आप कहते हैं कि होना चाहिए. जब दो बार बिहार विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो गया तो क्या मतलब है सर्वदलीय बैठक बुलाने की. ऑल पार्टी ने ही तो इस प्रस्ताव को पास किया था, जिसमें कि बीजेपी भी शामिल थी.'

जातीय जनगणना पर आरजेडी शुरू से ही मुखर रहा है. खुद आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव भी कई बार जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं. पिछले दिनों एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा था, 'बीजेपी की जो सरकार है वो, जातीय जनगणना कराने के पक्ष में नहीं है, लेकिन बीजेपी को जनगणना करानी ही पड़ेगी. सभी जातियों की जनसंख्या बढ़ी है. जनसंख्या के आधार पर नौकरी निश्चित है. जिनकी संख्या बढ़ी है उनकी नौकरी का कोटा बढ़ जाएगा. ओबीसी के लिए उनकी माली हालत देखकर बजट बनाना होगा. सभी पॉलिटिकल पार्टियों को, सभी संगठनों को एक मंच पर इकट्ठा होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है. हमारा इसमें पूरा सहयोग होगा.'

वहीं, विधायक तेजप्रताप यादव ने भी जातीय जनगणना कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना के खिलाफ साजिश कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पहल करते हुए बिहार में जातीय जनगणना करानी चाहिए.

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दरअसल, पिछले दिनों केंद्र के इंकार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्य सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराएगी. जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि तैयारी हो चुकी है. बिहार सरकार पारदर्शी तरीके से जनगणना कराएगी. किसी भी प्रकार की चूक नहीं की जाएगी. तमाम सियासी पार्टियों की सहमति हो गई है। हम जल्द सर्वदलीय बैठक करने जा रहे हैं. डिप्टी सीएम और अपनी पार्टी के सभी लोगों से बात कर चुके हैं. जल्द एक तारीख तय कर सर्वदलीय बैठक की जाएगी.

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Last Updated : Feb 12, 2022, 4:53 PM IST
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