पटना: 23 मार्च को बिहार विधानसभा में जो कुछ भी हुआ था, वह सीएम नीतीश ( CM Nitish Kumar ) के इशारे पर हुआ था. यह कहना है नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) का. सदन से बाहर आने के बाद तेजस्वी ने कहा कि उस दिन जो कुछ भी हुआ, उस सीन के डायरेक्टर नीतीश कुमार थे.
सदन से बाहर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उस दिन सरकार चाहती तो बीच का रास्ता निकाल सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया क्योंकि सदन के अंदर सीन क्रिएट किया गया था. सब कुछ नीतीश कुमार के डायरेक्शन में किया जा रहा था.
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उन्होंने कहा कि सरकार लाख दावा करे कि सदन में जो कुछ भी हुआ था, वह उसके इशारे पर नहीं हुआ, कौन मानेगा? सदन के अंदर पुलिस किसके आदेश पर दाखिल हुई थी, सरकार को इसका जवाब देना चाहिए, लेकिन इस पर कोई बात ही नहीं करना चाहता.
तेजस्वी ने कहा कि विधानसभा चुनाव जेडीयू 70 से 40 पर आ गई. इस बात की खीझ नीतीश के मन में कई दिनों से चल रहा था. उस दिन उनको मौका मिल गया. पुलिस के दम पर उन्होंने अपना खीझ निकाल लिया और विपक्षी विधायकों को पिटवाकर संतुष्ट हो गए.
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बता दें कि इससे पहले सदन में भी इस मुद्दे पर तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर जमकर बरसे थे. उन्होंने कहा कि सदन में जो हुआ वह आसन के कहने पर नहीं हुआ. इसके लिए किसी और ने पूरी संरचना खड़ी की. आज जो कर रहे हैं कल हम भी करवा सकते हैं. कल आप इस तरफ आ जाएंगे और हम गोली चलवा दें और 2 को निलंबित कर दें. यह ठीक नहीं है.
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मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से धैर्य सीखने की बात कही जा रही है, लेकिन जब वे 70 से 40 पर आ गए तो खीझना लाजमी है. यह पूरी सरकार ही चोर दरवाजे से बनी है. नीतीश कुमार इस बार जनता का आधार नहीं बना पाए. हम भी जनता को भरोसा देकर यहां आए हैं. सरकार इस विधेयक को लेकर चाहती तो बात कर सकती थी, लेकिन इस पर ऐसा नहीं किया गया. वह कौन अधिकारी थे जो महिलाओं के खींच कर लेकर जा रहे थे?