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मांझी को मिला लालू के लाल का साथ, तेज प्रताप ने बताया- बिहार में कहां से होती है शराब की होम डिलीवरी

राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने जीतन राम मांझी के बयान का समर्थन (Support For Jitan Ram Manjhi Statement) किया है. उन्होंने कहा है कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह से विफल है. पढ़ें रिपोर्ट...

राजद विधायक तेजप्रताप यादव
राजद विधायक तेजप्रताप यादव
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Published : Dec 17, 2021, 6:24 PM IST

पटनाः बिहार में शराबबंदी पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का बयान बिहार की सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. जीतन राम मांझी के बयान के समर्थन में तेजप्रताप यादव ने भी कह दिया है कि उनका बयान सही है. शराबबंदी पर तेजप्रताप यादव ( Tej Pratap Yadav on Liquor Ban in Bihar ) ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह से विफल है.

यह भी पढ़ें- शराबबंदी की समीक्षा से CM नीतीश का इनकार, मांझी ने कहा था- लिमिट में शराब पीने की मिले छूट

'बिहार में शराबबंदी कानून बिल्कुल विफल है. बिहार में शराब बॉर्डर से होकर पहुंचती है. फिर भी पुलिस क्यों नहीं चेक करती. इतना ही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा था कि बिहार में अधिकारी रात को शराब पीते हैं. मांझी जी सही कह रहे थे. 2016 से जो शराबबंदी कानून लागू है, वह पूरी तरीके से बिहार में विफल है. शराब तो थानों से बिकती है. थानों से होम डिलीवरी होती है. मुख्यमंत्री अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रहे हैं. वे सच्चाई सुनने को तैयार नहीं हैं. मांझी जी ने सच्चाई बयां की है. इसको स्वीकार करना होगा कि बिहार में शराब की तस्करी भी बड़े लोग करवा रहे हैं. वो भी पी रहे हैं. उन्हें कोई कानून का डर नहीं है.' -तेजप्रताप यादव, राजद विधायक

शराबबंदी पर तेजप्रताप यादव का बयान

बता दें कि बीते दिनों मांझी ने कहा था कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बजाय सीमित शराबबंदी होनी चाहिए. शराबबंदी का ऐसा मॉडल होना चाहिए, जिससे कि जिसे जरूरी हो उसे शराब मिल जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी के गुजरात मॉडल पर विचार करना चाहिए. पूर्व सीएम ने कहा था 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मेरी मांग है कि पूर्ण शराबबंदी के बजाय बिहार में सीमित शराबबंदी होनी चाहिए. इससे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा. भले ही ऊपर से लग रहा है कि यह ठीक है, लेकिन लोग अंदर-अंदर व्याकुल हैं.'

इसे भी पढ़ें- 22 दिसंबर से पूरे बिहार में 'समाज सुधार यात्रा' पर निकलेंगे CM नीतीश, ऐसा है कार्यक्रम

हालांकि, शराबबंदी संबंधी किसी भी तरह की मांग और समीक्षा से सीएम ने इनकार कर दिया था. बता दें कि मुख्यमंत्री का शराबबंदी कानून पर स्टैंड क्लियर है. इसे लेकर वे उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी कर चुके हैं. इस कानून को सख्ती से लागू करने का निर्देश अधिकारियों को दे चुके हैं. अब वे 21 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक के बाद 22 दिसंबर से समाज सुधार यात्रा (CM Nitish Kumar Samaj Sudhar Yatra) शुरू करने जा रहे हैं. यह यात्रा 15 जनवरी तक चलेगी. इस यात्रा में सभी जिलों को शामिल किया गया है. इस यात्रा के दौरान सीएम शराबबंदी कानून सहित योजनाओं का फीडबैक लोगों से लेंगे.

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पटनाः बिहार में शराबबंदी पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का बयान बिहार की सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. जीतन राम मांझी के बयान के समर्थन में तेजप्रताप यादव ने भी कह दिया है कि उनका बयान सही है. शराबबंदी पर तेजप्रताप यादव ( Tej Pratap Yadav on Liquor Ban in Bihar ) ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह से विफल है.

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'बिहार में शराबबंदी कानून बिल्कुल विफल है. बिहार में शराब बॉर्डर से होकर पहुंचती है. फिर भी पुलिस क्यों नहीं चेक करती. इतना ही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा था कि बिहार में अधिकारी रात को शराब पीते हैं. मांझी जी सही कह रहे थे. 2016 से जो शराबबंदी कानून लागू है, वह पूरी तरीके से बिहार में विफल है. शराब तो थानों से बिकती है. थानों से होम डिलीवरी होती है. मुख्यमंत्री अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रहे हैं. वे सच्चाई सुनने को तैयार नहीं हैं. मांझी जी ने सच्चाई बयां की है. इसको स्वीकार करना होगा कि बिहार में शराब की तस्करी भी बड़े लोग करवा रहे हैं. वो भी पी रहे हैं. उन्हें कोई कानून का डर नहीं है.' -तेजप्रताप यादव, राजद विधायक

शराबबंदी पर तेजप्रताप यादव का बयान

बता दें कि बीते दिनों मांझी ने कहा था कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बजाय सीमित शराबबंदी होनी चाहिए. शराबबंदी का ऐसा मॉडल होना चाहिए, जिससे कि जिसे जरूरी हो उसे शराब मिल जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी के गुजरात मॉडल पर विचार करना चाहिए. पूर्व सीएम ने कहा था 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मेरी मांग है कि पूर्ण शराबबंदी के बजाय बिहार में सीमित शराबबंदी होनी चाहिए. इससे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा. भले ही ऊपर से लग रहा है कि यह ठीक है, लेकिन लोग अंदर-अंदर व्याकुल हैं.'

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हालांकि, शराबबंदी संबंधी किसी भी तरह की मांग और समीक्षा से सीएम ने इनकार कर दिया था. बता दें कि मुख्यमंत्री का शराबबंदी कानून पर स्टैंड क्लियर है. इसे लेकर वे उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी कर चुके हैं. इस कानून को सख्ती से लागू करने का निर्देश अधिकारियों को दे चुके हैं. अब वे 21 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक के बाद 22 दिसंबर से समाज सुधार यात्रा (CM Nitish Kumar Samaj Sudhar Yatra) शुरू करने जा रहे हैं. यह यात्रा 15 जनवरी तक चलेगी. इस यात्रा में सभी जिलों को शामिल किया गया है. इस यात्रा के दौरान सीएम शराबबंदी कानून सहित योजनाओं का फीडबैक लोगों से लेंगे.

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