पटना: केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangathan) ने बड़ा फैसला लेते हुए सांसद और जिलाधिकारी कोटे (MP DM Quota Admission Ended) से विद्यालय में अगले आदेश तक एडमिशन पर रोक लगा दी है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Kumar Modi) ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसद और जिलाधिकारी कोटे से होने वाले लगभग 30 हजार दाखिले पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने मांग की है कि इस कोटे को स्थायी रूप से समाप्त किया जाए. इस निर्णय से हर साल 15 हजार छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा.
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सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कोटा स्थगित करने के शिक्षा मंत्रालय के निर्णय से इन सीटों पर भी एससी-एसटी, ओबीसी कोटे से हर साल 15000 छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. मैं सांसद-कलक्टर कोटे से दाखिला बंद करने की मांग करता रहा हूं. मैंने सदन में भी यह मामला उठाया था. कोटा स्थगित करने के शिक्षा मंत्रालय के निर्णय से इन सीटों पर भी एससी-एसटी, ओबीसी कोटे से हर साल 15000 छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा.
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि अब तक हर सांसद दस और विद्यालय प्रबंधक समिति अध्यक्ष के नाते हर कलक्टर अपने जिले के प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में न्यूनतम 17 छात्रों का नामांकन अपने कोटे से करा सकता था. सांसद कोटे से 7,500 और कलक्टर कोटे से 22,000 छात्रों के दाखिले होते रहे.
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केंद्रीय विद्यालयों में सांसद और जिलाधिकारी कोटे से होने वाले लगभग 30 हजार दाखिले पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत है और मेरी मांग है कि यह कोटा स्थायी रूप से समाप्त किया जाए।
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सुशील मोदी ने ट्वीट किया कि 'ऐसे नामांकन में न आरक्षण के नियमों का पालन होता है, न योग्यता को आधार बनाया जाता है. दाखिला को कोटा मुक्त करने से आरक्षण और योग्यता के आधार पर नामांकन के लिए एक झटके में 30 हजार सीटें बढ़ जाएंगी. यह कोटा जनप्रतिनिधियों से लोगों की नाराजगी का कारण बन गया था. अपने कोटे से सांसद केवल दस दाखिला करा सकता था, जबकि लाभ चाहने वालों की संख्या सैंकड़ों में होती थी.
बता दें कि बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Modi) ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों के कोटे से विद्यार्थियों के होने वाले नामांकन की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की थी. सुशील मोदी ने शून्य काल के दौरान राज्यसभा में इस मामले को उठाते हुए कहा था कि केंद्रीय विद्यालयों में हर एक सांसद के कोटे से 10 और विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के कोटे से 17 विद्यार्थियों के नामांकन का प्रावधान है जिसे समाप्त किया जाना चाहिए.
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