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सुशील मोदी बोले.. नीतीश कैबिनेट में आपराधिक छवि वाले नेताओं की भरमार.. नाम सुनकर कांपते हैं लोग - Sushil Modi On Nitish Cabinet

बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कैबिनेट पर कटाक्ष किया है. उन्होंने सवालिया लहजे में मुख्यमंत्री से पूछा है कि आपने किस मजबूरी से यह फैसला लिया है. इसका सकारात्मक संदेश देश में नहीं जाएगा. आगे पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 16, 2022, 5:15 PM IST

पटना : आज बिहार कैबिनेट का विस्तार (Nitish Cabinet Expansion) हुआ है. नीतीश मंत्रिमंडल में 31 मंत्रियों ने शपल ली है. इस मंत्रिपरिषद पर बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने तंज कसा (Sushil Modi On Nitish Cabinet ) है. उन्होंने कहा है कि आज जो कैबिनेट के विस्तार हुआ है, उसमें आपराधिक छवि वाले नेताओं की भरमार है. इस कैबिनेट में सामाजिक संतुलन नहीं है. ऐसे में जिस मंत्रिमंडल का गठन हुआ है इसका सकारात्मक संदेश पूरे देश में नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें- महागठबंधन 2.0 में MY पर विशेष ध्यान.. जानिए नीतीश कैबिनेट में किस जाति से कितने मंत्री

'नीतीश जी आप किस मजबूरी में..' : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से सवाल भी पूछा है. उन्होंने कहा, 'इस मंत्रिपरिषद में राजद की ओर से ललित यादव, रामानंद यादव, सुरेन्द्र यादव, कार्तिकेय कुमार को शामिल किया गया है. ये ऐसे नाम हैं जो आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग हैं, जिनकी दागदार छवि है. नीतीश जी आप किस मजबूरी में इस तरह के लोगों को मंत्री बना रहे हैं.'

''ये वही ललित यादव हैं जिन्होंने दलित ट्रक डाइवर दीनानाथ बैठा के पांव के नाखुन को उखाड़ लिया था. जिसके आरोप में लालू यादव ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था. सुरेन्द्र यादव पर 9-9 मुकदमें चल रहे हैं. यहां तक कि यौन शोषण से भी जुड़ा एक मुकदमा उनपर चल रहा है. वसूली, आर्म्स एक्ट, किडनैपिंग जैसे मुकदमें सुरेन्द्र यादव पर दर्ज हैं. रामानंद यादव और कार्तिकेय कुमार की भी वही स्थिति है. ये ऐसे नाम हैं, जब वे इलाके में चलते हैं तो लोग उनके नाम से डरते हैं कि ये अनंत सिंह का दाहिना हाथ आ गया, ये सुरेन्द्र यादव आ गया.''- सुशील मोदी, बीजेपी सांसद

वित्त मंत्रालय RJD के पास होना चाहिए था : सुशील मोदी ने बिना नाम लिए एमवाई समीकरण पर निशाना साधा. उन्होंने आगे कहा कि दो वर्ग के लोगों को 33 प्रतिशत जगह दे दी गयी. बाद बाकी तेली समाज का एक मंत्री नहीं, कायस्थ समाज का एक मंत्री नहीं, राजपूत की संख्या घटा दी गयी. ये संतुलित मंत्रिपरिषद नहीं है. हमलोगों ने तो अति पिछड़ा समाज से आने वाली रेणू देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया था. वैश्य समाज के तारकिशोर प्रसाद को उपमुख्यमंत्री बनाया था. आपने किसी अति पिछड़ा को डेप्यूटी सीएम नहीं बनाया. वित्त मंत्रालय राजद के पास होना चाहिए था. लेकिन बड़ी बुद्धिमानी से नीतीश कुमार ने इसे अपने पास रख लिया है.

किस जाति से कितने मंत्री : बता दें कि मंगलवार को बिहार में 31 नए मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें यादव से 8 मंत्री, मुस्लिम से 5, अनुसूचित जाति से 5, ईबीसी से 4, कुशवाहा से 2, राजपूत से 3, भूमिहार से 2, ब्राह्मण और वैश्य से एक-एक मंत्री बनाए गए हैं.

नीतीश मंत्रीमंडल में RJD कोटे से मंत्री : हसनपुर विधायक तेजप्रताप यादव (यादव), उजियारपुर से विधायक आलोक मेहता (कुशवाहा), नोखा से विधायक अनिता देवी, फतुहा से विधायक रामानंद यादव (यादव), बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव (यादव), बोधगया से विधायक कुमार सर्वजीत (जाटव), मधुबनी से विधायक समीर कुमार महासेठ, जोकीहाट से विधायक मोहम्मद शाहनवाज (मुस्लिम), मधेपुरा से विधायक चंद्रशेखर (यादव), कार्तिकेय मास्टर, कांटी से विधायक इसराइल मंसूरी (मुस्लिम), रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह (राजपूत), नरकटिया से विधायक शमीम अहमद (मुस्लिम), गरखा से विधायक सुरेंद्र राम (जाटव), साथ ही जिंतेंद्र राय और ललित यादव को मंत्री बनाया गया हैं.

नीतीश मंत्रीमंडल में JDU कोटे से मंत्री : जेडीयू में सरायरंजन से विधायक विजय चौधरी (भूमिहार), चैनपुर से विधायक जमा खान (मुस्लिम), अमरपुर से विधायक जयंत राज (कुशवाहा), भोरे से विधायक सुनील कुमार (जाटव), सुपौल से विधायक विजेंद्र यादव (यादव), एमएलसी संजय झा (ब्राह्मण), एमएलसी अशोक चौधरी (पासी), नालंदा से विधायक श्रवण कुमार (कुर्मी), धमदाहा से विधायक लेसी सिंह (राजपूत), बहादुरपुर से विधायक मदन सहनी (मछुआरा) और फुलपरास से विधायक शिला मंडल(धानुक) को मंत्री बनाया गया है.

नीतीश मंत्रीमंडल में कांग्रेस, हम, निर्दलीय कोटे से मंत्री: : वहीं, कांग्रेस में चेनारी से विधायक मुरारी गौतम (दलित) और कस्बा से विधायक अफाक अहमद (मुस्लिम) को मंत्री पद दिया गया है. जीतन राम मांझी की पार्टी हम की ओर से संतोष मांझी को मंत्री बनाया गया है. जबकि चकाई विधानसभा से निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह (राजपूत), जिनके दिवंगत पिता नरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री के पुराने सहयोगी रहे थे, पिछली सरकार में मंत्री बनाए गए थे, उन्होंने भी शपथ ली.

मंत्रिमंडल में इन पार्टियों को नहीं मिली जगह : बताया जा रहा है कि कैबिनेट में सीपीआई-एमएल, सीपीआई और सीपीएम को जगह नहीं मिल पाई है. इन पार्टियों को मंत्रिमंडल से बाहर करने पर विरोध के स्वर उठ सकते हैं.

पटना : आज बिहार कैबिनेट का विस्तार (Nitish Cabinet Expansion) हुआ है. नीतीश मंत्रिमंडल में 31 मंत्रियों ने शपल ली है. इस मंत्रिपरिषद पर बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने तंज कसा (Sushil Modi On Nitish Cabinet ) है. उन्होंने कहा है कि आज जो कैबिनेट के विस्तार हुआ है, उसमें आपराधिक छवि वाले नेताओं की भरमार है. इस कैबिनेट में सामाजिक संतुलन नहीं है. ऐसे में जिस मंत्रिमंडल का गठन हुआ है इसका सकारात्मक संदेश पूरे देश में नहीं जाएगा.

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'नीतीश जी आप किस मजबूरी में..' : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से सवाल भी पूछा है. उन्होंने कहा, 'इस मंत्रिपरिषद में राजद की ओर से ललित यादव, रामानंद यादव, सुरेन्द्र यादव, कार्तिकेय कुमार को शामिल किया गया है. ये ऐसे नाम हैं जो आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग हैं, जिनकी दागदार छवि है. नीतीश जी आप किस मजबूरी में इस तरह के लोगों को मंत्री बना रहे हैं.'

''ये वही ललित यादव हैं जिन्होंने दलित ट्रक डाइवर दीनानाथ बैठा के पांव के नाखुन को उखाड़ लिया था. जिसके आरोप में लालू यादव ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था. सुरेन्द्र यादव पर 9-9 मुकदमें चल रहे हैं. यहां तक कि यौन शोषण से भी जुड़ा एक मुकदमा उनपर चल रहा है. वसूली, आर्म्स एक्ट, किडनैपिंग जैसे मुकदमें सुरेन्द्र यादव पर दर्ज हैं. रामानंद यादव और कार्तिकेय कुमार की भी वही स्थिति है. ये ऐसे नाम हैं, जब वे इलाके में चलते हैं तो लोग उनके नाम से डरते हैं कि ये अनंत सिंह का दाहिना हाथ आ गया, ये सुरेन्द्र यादव आ गया.''- सुशील मोदी, बीजेपी सांसद

वित्त मंत्रालय RJD के पास होना चाहिए था : सुशील मोदी ने बिना नाम लिए एमवाई समीकरण पर निशाना साधा. उन्होंने आगे कहा कि दो वर्ग के लोगों को 33 प्रतिशत जगह दे दी गयी. बाद बाकी तेली समाज का एक मंत्री नहीं, कायस्थ समाज का एक मंत्री नहीं, राजपूत की संख्या घटा दी गयी. ये संतुलित मंत्रिपरिषद नहीं है. हमलोगों ने तो अति पिछड़ा समाज से आने वाली रेणू देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया था. वैश्य समाज के तारकिशोर प्रसाद को उपमुख्यमंत्री बनाया था. आपने किसी अति पिछड़ा को डेप्यूटी सीएम नहीं बनाया. वित्त मंत्रालय राजद के पास होना चाहिए था. लेकिन बड़ी बुद्धिमानी से नीतीश कुमार ने इसे अपने पास रख लिया है.

किस जाति से कितने मंत्री : बता दें कि मंगलवार को बिहार में 31 नए मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें यादव से 8 मंत्री, मुस्लिम से 5, अनुसूचित जाति से 5, ईबीसी से 4, कुशवाहा से 2, राजपूत से 3, भूमिहार से 2, ब्राह्मण और वैश्य से एक-एक मंत्री बनाए गए हैं.

नीतीश मंत्रीमंडल में RJD कोटे से मंत्री : हसनपुर विधायक तेजप्रताप यादव (यादव), उजियारपुर से विधायक आलोक मेहता (कुशवाहा), नोखा से विधायक अनिता देवी, फतुहा से विधायक रामानंद यादव (यादव), बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव (यादव), बोधगया से विधायक कुमार सर्वजीत (जाटव), मधुबनी से विधायक समीर कुमार महासेठ, जोकीहाट से विधायक मोहम्मद शाहनवाज (मुस्लिम), मधेपुरा से विधायक चंद्रशेखर (यादव), कार्तिकेय मास्टर, कांटी से विधायक इसराइल मंसूरी (मुस्लिम), रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह (राजपूत), नरकटिया से विधायक शमीम अहमद (मुस्लिम), गरखा से विधायक सुरेंद्र राम (जाटव), साथ ही जिंतेंद्र राय और ललित यादव को मंत्री बनाया गया हैं.

नीतीश मंत्रीमंडल में JDU कोटे से मंत्री : जेडीयू में सरायरंजन से विधायक विजय चौधरी (भूमिहार), चैनपुर से विधायक जमा खान (मुस्लिम), अमरपुर से विधायक जयंत राज (कुशवाहा), भोरे से विधायक सुनील कुमार (जाटव), सुपौल से विधायक विजेंद्र यादव (यादव), एमएलसी संजय झा (ब्राह्मण), एमएलसी अशोक चौधरी (पासी), नालंदा से विधायक श्रवण कुमार (कुर्मी), धमदाहा से विधायक लेसी सिंह (राजपूत), बहादुरपुर से विधायक मदन सहनी (मछुआरा) और फुलपरास से विधायक शिला मंडल(धानुक) को मंत्री बनाया गया है.

नीतीश मंत्रीमंडल में कांग्रेस, हम, निर्दलीय कोटे से मंत्री: : वहीं, कांग्रेस में चेनारी से विधायक मुरारी गौतम (दलित) और कस्बा से विधायक अफाक अहमद (मुस्लिम) को मंत्री पद दिया गया है. जीतन राम मांझी की पार्टी हम की ओर से संतोष मांझी को मंत्री बनाया गया है. जबकि चकाई विधानसभा से निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह (राजपूत), जिनके दिवंगत पिता नरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री के पुराने सहयोगी रहे थे, पिछली सरकार में मंत्री बनाए गए थे, उन्होंने भी शपथ ली.

मंत्रिमंडल में इन पार्टियों को नहीं मिली जगह : बताया जा रहा है कि कैबिनेट में सीपीआई-एमएल, सीपीआई और सीपीएम को जगह नहीं मिल पाई है. इन पार्टियों को मंत्रिमंडल से बाहर करने पर विरोध के स्वर उठ सकते हैं.

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