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बोले सुशील मोदी- मांझी दलितों के सर्वमान्य नेता, उन पर डोरे डालने वाले नहीं होंगे सफल

बिहार में जारी सियासी हलचल को लेकर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक के बाद एक ट्वीट कर मांझी को दलितों का सर्वमान नेता करार दिया. साथ ही एनडीए नेताओं को आपसी बयानबाजियों से बचने की सलाह दी है.

PATNA
सुशील मोदी और जीतन राम मांझी
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Published : Jun 11, 2021, 8:14 PM IST

पटनाः बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच हुई मुलाकात के बाद से ही राज्य में सियासी पारा चरम पर है. बिहार में पक्ष और विपक्ष के नेता इस मुलाकात को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. इसी बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का भी बयान आया है. उन्होंने जीतन राम मांझी को दलितों का सर्वमान्य नेता बाताते हुए कहा कि उन पर डोरे डालने वाले सफल नहीं होंगे.

इसे भी पढ़ेः तेज-मांझी मुलाकात... लगता है बन गई बात! तेज प्रताप बोले- मन डोल रहा तो आ जाएं साथ

सुशील मोदी ने मांझी को बताया दलितों का सर्वमान्य नेता
राज्यसभा सांसद सुशील मौदी ने अपने ट्वीटर हैंडल से एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए तेजप्रताप और मांझी की मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कि इस भेंट के राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को लेकर कहा कि वे किसी एक जाति के नहीं बल्कि बिहार में दलितों के बड़े सर्वमान्य नेता हैं.

सुशील मोदी ने कहा अपने ट्वीट में लिखा - "जीतन राम मांझी किसी एक जाति के नहीं, बल्कि बिहार में दलितों के बड़े सर्वमान्य नेता हैं. उन्होंने राजद का कुशासन भी देखा है. उनसे किसी को जबरदस्ती मिलवा देने से कोई फर्क नहीं पड़ता. एनडीए अटूट है और इसकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी. किसी को मुगालते में नहीं रहना चाहिए".

  • जीतन राम माँझी किसी एक जाति के नहीं, बल्कि बिहार में दलितों केे बड़े सर्वमान्य नेता हैं। उन्होने राजद का कुशासन भी देखा है।
    उनसे किसी को जबरदस्ती मिलवा देने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
    एनडीए अटूट है और इसकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। किसी को मुगालते में नहीं रहना चाहिए।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 11, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

"पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए किसी जनप्रतिनिधि की उनसे शिष्टाचार भेंट का राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए." सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

  • पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए किसी जनप्रतिनिधि की उनसे शिष्टाचार भेंट का राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 11, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एनडीए नेताओं को मोदी ने दी सलाह
वहीं सुशील मोदी ने बिहार एनडीए के घटक दलों के नेताओं के बीच जारी आपसी बयानबाजी को लेकर भी ट्वीट किया है. उन्होंने घटक दलों के नेताओं के सलाह दी है कि वे एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी से बचे. मोदी ने ट्वीट करके सभी घटक दलों से अपील की कि वे गैरजिम्मेदार बयानबाजी करने के बजाय पीड़ित मानवता की रक्षा करने में अपनी ऊर्जा लगायें.

"एनडीए एक लोकतांत्रिक गठबंधन है, इसलिए जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सभी घटक दलों की राय अलग-अलग हो सकती है. ऐसी परिस्थिति में घटक दल को एक दूसरे के विरुद्ध सार्वजनिक बयानबाजी करने के बजाय संगठन के आंतरिक मंच पर अपनी राय रखनी चाहिए." सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

  • इस समय कोरोना महामारी से सबको मिलकर लड़ना चाहिए ताकि सरकार और कोरोना योद्धाओं का मनोबल ऊँचा रहे।
    एनडीए के सभी घटक दलों से अपील है कि वे गैरजिम्मेदार बयानबाजी करने के बजाय पीड़ित मानवता की रक्षा करने में अपनी ऊर्जा लगायें।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 11, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

"इस समय कोरोना महामारी से सबको मिलकर लड़ना चाहिए ताकि सरकार और कोरोना योद्धाओं का मनोबल ऊँचा रहे. एनडीए के सभी घटक दलों से अपील है कि वे गैरजिम्मेदार बयानबाजी करने के बजाय पीड़ित मानवता की रक्षा करने में अपनी ऊर्जा लगायें". सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

सियासी हलचल ने बढ़ाई शीर्ष नेताओं की चिंता
आपको बता दे कि इन दिनों बिहार एनडीए के घटक दलों के बीच लगातार बयानबाजियां देखने को मिल रही हैं. पूर्णिया में दलितों के घर जलाए जाने का मामला हो या बांका के मदरसे में ब्लास्ट का मामला हो. जीतनराम मांझी और बीजेपी के नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी हो रही है. वहीं बिहार की राजनीति में लगातार मांझी को लेकर कयास भी लग रहे हैं कि वे एनडीए का साथ छोड़ पाला बदल सकते हैं.

वहीं राजद की ओर से भी उन्हें हाथ मिलाने का न्योता मिल रहा है. इस बीच आज तेज प्रताप और मांझी की मुलाकात ने बिहार की राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है. यहीं कारण है कि बिहार में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी हलचल को लेकर सुशील कुमार मोदी ने एक के बाद एक ट्वीट कर एनडीए नेताओं को सलाह दी है.

पटनाः बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच हुई मुलाकात के बाद से ही राज्य में सियासी पारा चरम पर है. बिहार में पक्ष और विपक्ष के नेता इस मुलाकात को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. इसी बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का भी बयान आया है. उन्होंने जीतन राम मांझी को दलितों का सर्वमान्य नेता बाताते हुए कहा कि उन पर डोरे डालने वाले सफल नहीं होंगे.

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सुशील मोदी ने मांझी को बताया दलितों का सर्वमान्य नेता
राज्यसभा सांसद सुशील मौदी ने अपने ट्वीटर हैंडल से एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए तेजप्रताप और मांझी की मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कि इस भेंट के राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को लेकर कहा कि वे किसी एक जाति के नहीं बल्कि बिहार में दलितों के बड़े सर्वमान्य नेता हैं.

सुशील मोदी ने कहा अपने ट्वीट में लिखा - "जीतन राम मांझी किसी एक जाति के नहीं, बल्कि बिहार में दलितों के बड़े सर्वमान्य नेता हैं. उन्होंने राजद का कुशासन भी देखा है. उनसे किसी को जबरदस्ती मिलवा देने से कोई फर्क नहीं पड़ता. एनडीए अटूट है और इसकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी. किसी को मुगालते में नहीं रहना चाहिए".

  • जीतन राम माँझी किसी एक जाति के नहीं, बल्कि बिहार में दलितों केे बड़े सर्वमान्य नेता हैं। उन्होने राजद का कुशासन भी देखा है।
    उनसे किसी को जबरदस्ती मिलवा देने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
    एनडीए अटूट है और इसकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। किसी को मुगालते में नहीं रहना चाहिए।

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"पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए किसी जनप्रतिनिधि की उनसे शिष्टाचार भेंट का राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए." सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

  • पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए किसी जनप्रतिनिधि की उनसे शिष्टाचार भेंट का राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।

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एनडीए नेताओं को मोदी ने दी सलाह
वहीं सुशील मोदी ने बिहार एनडीए के घटक दलों के नेताओं के बीच जारी आपसी बयानबाजी को लेकर भी ट्वीट किया है. उन्होंने घटक दलों के नेताओं के सलाह दी है कि वे एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी से बचे. मोदी ने ट्वीट करके सभी घटक दलों से अपील की कि वे गैरजिम्मेदार बयानबाजी करने के बजाय पीड़ित मानवता की रक्षा करने में अपनी ऊर्जा लगायें.

"एनडीए एक लोकतांत्रिक गठबंधन है, इसलिए जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सभी घटक दलों की राय अलग-अलग हो सकती है. ऐसी परिस्थिति में घटक दल को एक दूसरे के विरुद्ध सार्वजनिक बयानबाजी करने के बजाय संगठन के आंतरिक मंच पर अपनी राय रखनी चाहिए." सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

  • इस समय कोरोना महामारी से सबको मिलकर लड़ना चाहिए ताकि सरकार और कोरोना योद्धाओं का मनोबल ऊँचा रहे।
    एनडीए के सभी घटक दलों से अपील है कि वे गैरजिम्मेदार बयानबाजी करने के बजाय पीड़ित मानवता की रक्षा करने में अपनी ऊर्जा लगायें।

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"इस समय कोरोना महामारी से सबको मिलकर लड़ना चाहिए ताकि सरकार और कोरोना योद्धाओं का मनोबल ऊँचा रहे. एनडीए के सभी घटक दलों से अपील है कि वे गैरजिम्मेदार बयानबाजी करने के बजाय पीड़ित मानवता की रक्षा करने में अपनी ऊर्जा लगायें". सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

सियासी हलचल ने बढ़ाई शीर्ष नेताओं की चिंता
आपको बता दे कि इन दिनों बिहार एनडीए के घटक दलों के बीच लगातार बयानबाजियां देखने को मिल रही हैं. पूर्णिया में दलितों के घर जलाए जाने का मामला हो या बांका के मदरसे में ब्लास्ट का मामला हो. जीतनराम मांझी और बीजेपी के नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी हो रही है. वहीं बिहार की राजनीति में लगातार मांझी को लेकर कयास भी लग रहे हैं कि वे एनडीए का साथ छोड़ पाला बदल सकते हैं.

वहीं राजद की ओर से भी उन्हें हाथ मिलाने का न्योता मिल रहा है. इस बीच आज तेज प्रताप और मांझी की मुलाकात ने बिहार की राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है. यहीं कारण है कि बिहार में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी हलचल को लेकर सुशील कुमार मोदी ने एक के बाद एक ट्वीट कर एनडीए नेताओं को सलाह दी है.

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