पटना: बिहार भाजपा बदलाव के दौर से गुजर रही है. पिछले तीन दशक से जिन नेताओं का पार्टी पर एकाधिकार था. उन्हें अब पोस्टर से हटाया जा रहा है. पार्टी कार्यकर्ता भी इस बात को समझ रहे हैं और अब उन्हें पोस्टरों में भी जगह नहीं मिल रही है.
सुशील मोदी पोस्टर से हुए नदारद
सुशील मोदी बिहार भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते थे. पार्टी के हर एक फैसले पर सुशील मोदी की सहमति जरूरी हुआ करती थी. जहां सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार की तिकड़ी पार्टी के तमाम फैसलों पर मुहर लगाती थी. लेकिन शायद वो अब बीते दिनों की बात हो गई.
नंदकिशोर और प्रेम कुमार भी फ्रेम से बाहर
दरसल, भाजपा दफ्तर के बाहर शायद ही पहले कोई ऐसा पोस्टर हुआ करता था, जिसमें सुशील मोदी, नंदकिशोर और प्रेम कुमार की तस्वीर नहीं होती थी. लेकिन अब वह बीते दिनों की बात हो गई, जो भी पोस्टर लगाए जा रहे हैं, उसमें सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार नदारद हैं. कार्यकर्ताओं ने भी केंद्रीय नेतृत्व के इशारे को समझ लिया है.