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आखिर सुशील मोदी ने ऐसा क्यों कहा- 'जीना हुआ हराम, इसे खत्म कीजिए'

बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का दर्द छलका है. मोदी ने कहा है कि उन्हें रोज सैकड़ों फोन आते हैं, जिसके कारण लोगों ने उनका जीना हराम कर दिया है. आखिर सुशील मोदी ने ऐसा क्यों कहा, पढ़ें पूरी खबर...

Sushil Modi
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Published : Mar 26, 2022, 10:13 AM IST

Updated : Mar 26, 2022, 10:22 AM IST

नई दिल्ली/पटना: बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Modi) ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों के कोटे से विद्यार्थियों के होने वाले नामांकन की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की है. शुक्रवार को सुशील मोदी ने शून्य काल के दौरान इस मामले को उठाते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में हर एक सांसद के कोटे से 10 और विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के कोटे से 17 विद्यार्थियों के नामांकन का प्रावधान है जिसे समाप्त किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें - RRB परीक्षा में गड़बड़ी के लिए रेलवे के अधिकारी दोषी, केंद्र को बदनाम करने की थी साजिश: सुशील मोदी

सांसद के पास 10 का कोटा : सुशील मोदी ने कहा कि सांसदों के केंद्रीय विद्यालय में कोटा होने के कारण बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन उनसे मिलने आते हैं. रोज कई फोन आते, जिसके कारण अलग समस्या उत्पन्न हो जाती है. जीना मुश्किल हो गया है, जीना हराम कर दिया है. हालांकि, इस कोटे से वे सिर्फ 10 छात्रों का दाखिला करा सकते हैं. लेकिन, सैकड़ों की संख्या में लोग रोज इसके लिए पहुंच जाते हैं. इसी के कारण वह इस कोटे को बढ़ाने की नहीं बल्कि समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.

'केंद्रीय विद्यालयों में नामांकन कोटा खत्म कीजिए' : कोटे से हर साल 29 हजार एडमिशन : राज्यसभा में सुशील मोदी ने कहा कि पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों में हर साल सांसदों के कोटे से 7880 एडमिशन होता है. अगर विद्यालय मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन का कोटा भी जोड़ दिया जाये तो पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों में हर साल 29 हजार एडमिशन होता है. यानि 29 हजार ऐसे छात्रों का एडमिशन होता है जिनके मेरिट का कोई पता नहीं होता. कोटे से छात्रों के एडमिशन में कोई पारदर्शिता भी नहीं बरती जाती.

  • राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान मैंने मांग की कि केंद्रीय विद्यालयों में प्रत्येक सांसद का 10 सीटों का ऐच्छिक कोटा तथा विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के नाते जिलाधिकारी / आयुक्त का 17 सीटों का कोटा अविलम्ब समाप्त किया जाना चाहिए।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जरूरतमंद को नहीं मिल पाता एडमिशन : सुशील मोदी ने राज्यसभा में कहा कि इस तरह से छात्रों का एडमिशन अलोकतांत्रिक है जिसे तुरंत रोका जाना चाहिये. मोदी ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में 40 छात्रों पर एक शिक्षक के अनुपात का प्रावधान है, लेकिन एक कक्षा में 60-60 छात्रों का नामांकन कर लिया जाता है. उन्होंने कहा कि इसमें आरक्षण का भी कोई प्रावधान नहीं होता है और ऐसा करके आरक्षण के लाभार्थियों को हम इसके लाभ से वंचित कर रहे हैं।

इसलिए हार जाते हैं सांसद : सुशील मोदी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग की वे कोटा सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर दें. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री कोटे को बढ़ाने की बात कह रहे हैं, लेकिन इससे परेशानी और बढ़ेगी. ढेर सारे लोग केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए सांसदों पर दबाव डालते हैं. सांसद सारे लोगों का एडमिशन नहीं करा सकते और उन्हें लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है. मोदी ने कहा कि कोटे से एडमिशन के कारण केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाई की स्थिति भी बदहाल हो रही है.

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नई दिल्ली/पटना: बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Modi) ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों के कोटे से विद्यार्थियों के होने वाले नामांकन की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की है. शुक्रवार को सुशील मोदी ने शून्य काल के दौरान इस मामले को उठाते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में हर एक सांसद के कोटे से 10 और विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के कोटे से 17 विद्यार्थियों के नामांकन का प्रावधान है जिसे समाप्त किया जाना चाहिए.

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सांसद के पास 10 का कोटा : सुशील मोदी ने कहा कि सांसदों के केंद्रीय विद्यालय में कोटा होने के कारण बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन उनसे मिलने आते हैं. रोज कई फोन आते, जिसके कारण अलग समस्या उत्पन्न हो जाती है. जीना मुश्किल हो गया है, जीना हराम कर दिया है. हालांकि, इस कोटे से वे सिर्फ 10 छात्रों का दाखिला करा सकते हैं. लेकिन, सैकड़ों की संख्या में लोग रोज इसके लिए पहुंच जाते हैं. इसी के कारण वह इस कोटे को बढ़ाने की नहीं बल्कि समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.

'केंद्रीय विद्यालयों में नामांकन कोटा खत्म कीजिए' : कोटे से हर साल 29 हजार एडमिशन : राज्यसभा में सुशील मोदी ने कहा कि पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों में हर साल सांसदों के कोटे से 7880 एडमिशन होता है. अगर विद्यालय मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन का कोटा भी जोड़ दिया जाये तो पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों में हर साल 29 हजार एडमिशन होता है. यानि 29 हजार ऐसे छात्रों का एडमिशन होता है जिनके मेरिट का कोई पता नहीं होता. कोटे से छात्रों के एडमिशन में कोई पारदर्शिता भी नहीं बरती जाती.

  • राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान मैंने मांग की कि केंद्रीय विद्यालयों में प्रत्येक सांसद का 10 सीटों का ऐच्छिक कोटा तथा विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के नाते जिलाधिकारी / आयुक्त का 17 सीटों का कोटा अविलम्ब समाप्त किया जाना चाहिए।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जरूरतमंद को नहीं मिल पाता एडमिशन : सुशील मोदी ने राज्यसभा में कहा कि इस तरह से छात्रों का एडमिशन अलोकतांत्रिक है जिसे तुरंत रोका जाना चाहिये. मोदी ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में 40 छात्रों पर एक शिक्षक के अनुपात का प्रावधान है, लेकिन एक कक्षा में 60-60 छात्रों का नामांकन कर लिया जाता है. उन्होंने कहा कि इसमें आरक्षण का भी कोई प्रावधान नहीं होता है और ऐसा करके आरक्षण के लाभार्थियों को हम इसके लाभ से वंचित कर रहे हैं।

इसलिए हार जाते हैं सांसद : सुशील मोदी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग की वे कोटा सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर दें. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री कोटे को बढ़ाने की बात कह रहे हैं, लेकिन इससे परेशानी और बढ़ेगी. ढेर सारे लोग केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए सांसदों पर दबाव डालते हैं. सांसद सारे लोगों का एडमिशन नहीं करा सकते और उन्हें लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है. मोदी ने कहा कि कोटे से एडमिशन के कारण केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाई की स्थिति भी बदहाल हो रही है.

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Last Updated : Mar 26, 2022, 10:22 AM IST
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