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सुशील मोदी ने नीतीश से पूछा, संघ से नफरत तो साथ क्यों रहे 22 साल, क्यों बने वाजपेयी सरकार में मंत्री - etv bharat bihar news

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को गांधी का हत्यारा मानते हैं, तो वे 22 साल भाजपा के साथ क्यों रहे? उन्होंने भ्रष्टाचार और कांग्रेस से हाथ मिलाने के गृह मंत्री अमित शाह के आरोप का जवाब देने के बजाय उनकी उम्र का बेतुका सवाल क्यों उठाया?

सुशील मोदी
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Published : Oct 13, 2022, 10:46 PM IST

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार को संघ से इतना परहेज था, तो वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री क्यों बने थे. उन्होंने कहा कि जब संघ के द्वितीय सरसंघचालक गुरु गोलवलकर की जन्मशती मनायी गई थी, तब नीतीश कुमार उसमें शामिल हुए थे, लेकिन आज वे लालू प्रासाद का कृपापात्र बने रहने के लिए संघ पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः 'बीजेपी झगड़ा लगाने वाली पार्टी'.. नागालैंड से लौटते ही अमित शाह और पीएम मोदी पर बरसे नीतीश


नीतीश कुमार का विवेक नष्ट हो रहाः सुशील मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार में डूबे राजद नेतृत्व और इमरजेंसी थोपने वाली कांग्रेस की चौखट पर मत्था टेकने वाले नीतीश कुमार क्या जेपी के आदर्शों का पालन कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब गृहमंत्री शाह के मुद्दा आधारित सवाल का जवाब न दे सके, तब उनकी उम्र पर टिप्पणी करने लगे. मोदी ने पूछा क्या स्वाधीनता आंदोलन या इतिहास के किसी काल खंड पर केवल वही बोल सकता है, जो उस काल में रहा हो? क्या इतिहास की पढ़ाई और इस पर विमर्श को बंद कर दिया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि कुर्सी के मोह और कुसंग में पड़ कर नीतीश कुमार का विवेक नष्ट हो रहा है.

इसे भी पढ़ेंः 'नीतीश कुमार BJP के साजिश को चक्र और तलवार से काट देंगे, PM मोदी के पास कोई विजन नहीं'

जेपी सेनानियों की पेंशन बढ़ाए सरकारः इससे पहले जेपी की जयंती मौके पर सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में जेपी सेनानियों को 20 हजार और मध्यप्रदेश में 25 हजार रुपये मासिक पेंशन समान रूप से सभी सेनानियों को मिलती है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार जाते ही कांग्रेस ने यह पेंशन योजना बंद कर दी. बिहार जेपी आंदोलन की धरती रही. यहां के सेनानियों की पेंशन राशि मात्र 7,500 और 15,000 रुपये है. इसमें वृद्धि क्यों नहीं होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि जेपी सेनानियों की पेंशन के लिए नीतीश सरकार ने बोर्ड का गठन नहीं किया.

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार को संघ से इतना परहेज था, तो वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री क्यों बने थे. उन्होंने कहा कि जब संघ के द्वितीय सरसंघचालक गुरु गोलवलकर की जन्मशती मनायी गई थी, तब नीतीश कुमार उसमें शामिल हुए थे, लेकिन आज वे लालू प्रासाद का कृपापात्र बने रहने के लिए संघ पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.

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नीतीश कुमार का विवेक नष्ट हो रहाः सुशील मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार में डूबे राजद नेतृत्व और इमरजेंसी थोपने वाली कांग्रेस की चौखट पर मत्था टेकने वाले नीतीश कुमार क्या जेपी के आदर्शों का पालन कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब गृहमंत्री शाह के मुद्दा आधारित सवाल का जवाब न दे सके, तब उनकी उम्र पर टिप्पणी करने लगे. मोदी ने पूछा क्या स्वाधीनता आंदोलन या इतिहास के किसी काल खंड पर केवल वही बोल सकता है, जो उस काल में रहा हो? क्या इतिहास की पढ़ाई और इस पर विमर्श को बंद कर दिया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि कुर्सी के मोह और कुसंग में पड़ कर नीतीश कुमार का विवेक नष्ट हो रहा है.

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जेपी सेनानियों की पेंशन बढ़ाए सरकारः इससे पहले जेपी की जयंती मौके पर सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में जेपी सेनानियों को 20 हजार और मध्यप्रदेश में 25 हजार रुपये मासिक पेंशन समान रूप से सभी सेनानियों को मिलती है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार जाते ही कांग्रेस ने यह पेंशन योजना बंद कर दी. बिहार जेपी आंदोलन की धरती रही. यहां के सेनानियों की पेंशन राशि मात्र 7,500 और 15,000 रुपये है. इसमें वृद्धि क्यों नहीं होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि जेपी सेनानियों की पेंशन के लिए नीतीश सरकार ने बोर्ड का गठन नहीं किया.

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